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यूं तो नेता हमेशा से ही माइक के लाल होते हैं। चुनावी माहौल में तमाम नेताओं की जुबान बहक ही जाती है। कहीं जुबान फिसलती है तो कहीं आरोप कुछ ज्यादा ही गंभीर हो जाते हैं। कई बार तो बखेड़ा खड़ा हो जाता है और नेताओं को यू-टर्न लेकर माफी तक मांगनी पड़ जाती है। झारखंड के चुनावी समर में भी बयानवीरों के बयान सुर्खियों में छाए हुए हैं।
भारत में लोगों को बोलने की आजादी मिली है. इसे कहते हैं राइट टू एक्सप्रेशन या स्पीच जो हर भारतीय नागरिक को अनुच्छेद-19 में मिला है। हालांकि, आम आदमी इसके उपयोग से आजादी के 70 दशक बीत जाने के बाद भी घबराता है। बोलने की आजादी का भरपूर उपयोग करते हैं हमारे देश के नेता। सबसे ज्यादा इस संवैधानिक अधिकार का उपयोग या यूं कहें की दुरुपयोग चुनावी समर में होता है। कुछ यही हाल है इन दिनों झारखंड के चुनावी रण में जहां नेता बयानवीर बने हुए हैं।
प्रतिद्वंद्वी को बताया ‘रिजेक्टेड माल’
जामताड़ा, नाम तो आपने सुना होगा। साइबर फ्रॉड के मामलों में ऊंचा रसूख रखने वाला ये इलाका इन दिनों एक बयान और उसपर आ रही प्रतिक्रियाओं को लेकर चर्चा में है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार और फिलहाल सोरेन सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार सीता सोरेन को लेकर विवादित बयान दे दिया। मामला आगे बढ़ा तो सियासत से ऊपर अनुसूचित जनजाति आयोग ने झारखंड सरकार को ही नोटिस जारी कर दिया। इसके अलावा डीजीपी, गृह सचिव, जामताड़ा एसपी और डीसी को भी तलब किया। भाजपा ने इस बयान के खिलाफ थाने में FIR भी दर्ज करा दी.
इरफान अंसारी, नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे। इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा- ‘सीता सोरेन रिजेक्टेड माल हैं।’ इसके बाद सीता सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने उन्हें रिजेक्टेड और उधार का खिलाड़ी बताया है। चुनावी दौर है तो बीजेपी इस मुद्दों को कहीं से भी छोड़ने के मूड में नहीं है। अंसारी समेत हेमंत सोरेन और JMM को महिला अस्मिता के नाम पर घेरा जा रहा है। थाने में रिपोर्ट करने के साथ ही अनुसूचित जनजाति आयोग, चुनाव आयोग से भी शिकायत की गई है।
‘मेरे पति अब जीवित नहीं हैं’
जब मामले में मीडिया ने सीता सोरेन से बात की तो वो भावुक हो गईं। उन्होंने नम आंखों के साथ कहा कि अंसारी मेरे उम्मीदवार बनने की घोषणा के बाद से मुझे निशाना बना रहे हैं। उन्होंने जो अपमानजनक टिप्पणियां नामांकन भरने के बाद की हैं. वे अस्वीकार्य हैं। यह आदिवासी महिलाओं का अपमान है। आदिवासी समुदाय उन्हें माफ नहीं करेगा। मेरे पति अब जीवित नहीं हैं, उन्होंने (अंसारी) ऐसा कहा है।
BJP नेता भी नहीं रहे पीछे
इरफान अंसारी के बयानों के बीच भाजपा नेताओं के बयान भी जमकर वायरल हुए। कुछ मामलों को लेकर तो कांग्रेस ने FIR तक दर्ज करा दी। पांकी से बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के चक्कर में कुछ ज्यादा ही बोल दिया। उनका एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, इसमें वह कहते हुए नजर आ रहे हैं- ‘..अगर टोपी और दाढ़ी वाले, गाय और गोश्त खाने वाले लोग मंदिरों के आस-पास भी दिख गए तो उसका अंजाम बुरा होगा। उसको दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे। वे धार्मिक स्थल पर दिखाई पड़ गए तो रिजल्ट कुछ भी हो हम उसकी परवाह नहीं करते हैं।’
शशिभूषण मेहता के बयान के बाद JMM और कांग्रेस को एक मौका मिल गया और वो उनके बयान को लेकर जनता के पास जाने लगे। इस बीच राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने भी मामले को संज्ञान में लिया और नोटिस जारी किया। हालांकि पुलिस ने कहा कि वो अभी वह इस मामले की जांच कर रही है। उनके पास इसे लेकर कोई लिखित शिकायत नहीं आई है।
बिस्वा बोले- हुसैन कौन? कोर्ट पहुंचा मामला
हुसैनाबाद से भाजपा प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह के नामांकन के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी तो हुसैनाबाद का नाम बदल देंगे और इसे जिला बनाएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने इससे पहले कहा -‘यह हुसैन कौन है? यह हुसैन कहां से आया? जिसके नाम पर इलाके का नाम हुसैनाबाद का रखा गया है।’ उनके इसी बयान से आहत हुसैनाबाद से बीएसपी प्रत्याशी ने मेदिनीनगर के न्यायालय में परिवाद दर्ज करा दिया। इसके अलावा भाजपा के हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया, जिसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की गई है।
RSS की चूहे से तुलना, खड़गे का प्रहार
25 सितंबर को साहिबगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बोल बिगड़ गए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना “चूहों” से की. इसके साथ ही बीजेपी और आरएसएस पर चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर करने का आरोप लगाया. सोरेन ने कहा- ‘RSS चूहों की तरह हमला कर रहा है। आप देखें कि जब वे हंडिया और दारू लेकर आएं तो उन्हें भगा दें।’
झारखंड के छतरपुर में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ, अमित शाह तथा हिमंता बिस्वा सरमा पर जमकर निशाना साधा। खड़गे ने कहा – ‘वे साधु का ड्रेस पहनते हैं, पर लोगों से ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसी बातें बोलते हैं। कोई साधु नहीं टेररिस्ट ही बोल सकता है।’ इसके बाद उन्होंने अमित शाह तथा हिमंता बिस्वा सरमा पर हिन्दू-मुसलमान विभाजन का आरोप लगाया।