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धुएं में घुट रही दिल्ली, अब सांस लेना भी मुहाल, खतरनाक स्तर को भी पार कर गया प्रदूषण

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जाने माने शायर मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद ने किसी जमाने में लिखा था-

चेहरे पे सारे शहर के गर्द-ए-मलाल है
जो दिल का हाल है वही दिल्ली का हाल है
उलझन घुटन हिरास तपिश कर्ब इंतिशार
वो भीड़ है के सांस भी लेना मुहाल है
आवारगी का हक़ है हवाओं को शहर में
घर से चराग़ ले के निकलना मुहाल है

बेशक शायर ने इन लाइनों के जरिए अपने दिल का हाल बयां किया था, लेकिन वक्त से बहुत पहले ही उन्होंने दिल्ली का बदहाल हाल लिख दिया जिससे देश की राजधानी और उसके आस पास बसेरा करने वाली करोड़ों की आबादी जूझ रही है।

सचमुच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी (NCR) आज की तारीख में पूरी तरह से गैस चैंबर में तब्दील हो गया है। न तो आंखों से कुछ नज़र आ रहा और न ही सांसें ही मिल रही। आंसू से नजरिया धुंधला हो गया और घुटती हुई सांसों की वजह से लाखों लोगों का दम फूला जा रहा है।

इस सीजन में मतलब 18 नवबंर 2024 की सुबह AQI का औसत लेवल 481 के सबसे खतरनाक स्तर तक जा पहुँचा। बताया जा रहा है कि ये अब तक की सबसे खराब श्रेणी है। लगभग सभी स्टेशन गंभीर प्लस श्रेणी यानी 450+ के स्तर पर हैं। रविवार से दिल्ली में AQI का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इस उत्तर की तरफ उठ गए AQI लेवल के ग्राफ की वजह से दिल्ली और NCR में GRAP-4 के नियम लागू कर दिए गए हैं। सरकार अब ऑड ईवन रूल, ऑफलाइन क्लास को पूरी तरह बंद करने, दफ्तरों में 50% उपस्थिति और अन्य इमरजेंसी उपायों जैसे फैसले करने के बारे में विचार कर रही है। लेकिन, इससे भी बड़ा सवाल यही है कि क्या आने वाले दिनों में ये खराब हवा क्या ठीक होगी?

दिल्ली-NCR से लेकर महाराष्ट्र तक आसमान में धुंध का बसेरा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा बेहद जहरीली होने के साथ हालात इतने खराब हैं कि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए 18 नवंबर से GRAP-4 को लागू किया जा रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स मैप में सभी इलाके लाल निशान यानी रेड जोन में दिखाई दे रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी के अधिकतर इलाकों में AQI के स्तर की बिगड़ी हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।

देश की राजधानी दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में GRAP-4 लागू होने के साथ ही कक्षा 10वीं और 12वीं के अलावा सभी छात्रों के लिए फिजिकल क्लासेस बंद कर दी गई हैं और अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में क्लासेस चलाने के आदेश जारी किए गए हैं। इस बीच मौसम विभाग ने दिल्ली में घना कोहरा रहने की आशंका जाहिर की है।

GRAP-4 in Delhi-NCR: ग्रैप का चौथा चरण लागू

दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए GRAP-4 लागू करना पड़ा है। दिल्ली में अभी औसत AQI 480 के पार है। सुबह 6 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के द्वारका में AQI का स्तर 499 तक पहुंच चुका है। सबसे चिंताजनक ये कि दिल्ली के सभी इलाकों में AQI का स्तर 400 के पार जा चुका है। हालात ऐसे हैं कि दिल्ली-एनसीआर धुंध की मोटी परत में लिपटा हुआ है। इस धुंध की वजह से विजिबिलिटी काफी घट गई है. फिलहाल दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी महज 100 मीटर तक रह गई है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया है। इससे पहले ग्रेप के पहले, दूसरे और तीसरे चरण लागू किए जा चुके हैं। ग्रेप के यह चरण आपातकाल में प्रदूषण को नियंत्रण करने के उपाय हैं। ऐसे में आपने मन में अक्सर ख्याल आता होगा कि यह नियम क्या हैं? यह प्रदूषण बढ़ने पर क्यों लागू होता है। अक्सर यह चरणबद्ध तरीके से ही लागू होता है?

GRAP के अलग अलग चरण

दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों को सेहत से जुड़ी तकलीफे सामने आने लगी हैं। डॉक्टरों की राय है कि लोग घरों से बाहर न निकले। वहीं, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यानी CQM GRAP के अलग अलग चरण लागू करता है, जिसका मतलब बिगड़ी वायु गुणवत्ता में सुधार लाना होता है।

पहली बार आया GRAP सिस्टम

-GRAP पहली बार जनवरी 2017 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था। नवंबर 2016 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी इस योजना को लेकर आया था।
-2016 में इसे सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल गई थी। इस योजना को पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) ने राज्य सरकार के नुमाइंदों और विशेषज्ञों की टीम के साथ मिलकर इसे तैयार किया था।
-पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण पहले एनसीआर में ग्रेप के चरणों को लागू करता था, लेकिन यह भंग हो चुका है और अब सीएक्यूएम इसे 2021 से लागू करता आ रहा है।

बैठक के बाद लागू होता है ग्रेप

ग्रेप जब लागू किया जाता है तो सीएक्यूएम की बैठक होती है, उसमें सभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक क्षेत्र प्राधिकरण, नगर निगम, भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, और स्वास्थ्य सलाहकार शामिल होते हैं। ग्रेप के चरण जब लागू होते हैं तो वायु गुणवत्ता (AQI) को देखा जाता है। उसी के अनुसार ग्रेप लागू किया जाता है।

एक्यूआई क्या है?

AQI एक तरह से प्रदूषण मापने का थर्मामीटर है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, ओजोन, नाइट्रोजन ऑक्साइड, PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा को चेक किया जाता जाता है। AQI की माप 0 से 500 तक होती है। हवा में पॉल्यूटेंट्स (प्रदूषक तत्व) की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, उतना ही AQI का स्तर ज्यादा होगा। अगर AQI बढ़ता है तो समझ लेना चाहिए प्रदूषण बढ़ रहा है।

चार चरणों में बांटा गया है GRAP

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर “GRAP” को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण AQI 201 से 300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण AQI 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण AQI 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण AQI 450 से अधिक (गंभीर से ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है।

AQI की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।

क्या होता है GRAP?

GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)

दिल्ली में इस साल पहली बार GRAP का पहला चरण 15 अक्टूबर ले लागू किया गया था। इसके तहत ये पाबंदियां लगाई गई थीं।

पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री यानी सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने वायु प्रदूषण पर चिंता जताई है। इस मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि अब शादी-ब्याह का सीजन है‌। दिल्ली में दूसरे शहरों से भी ग्राहक आते हैं। मगर इस प्रदूषण ने लोगों को डरा दिया है जिसकी वजह से लोग अब आने से कतराने लगे हैं। बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और विष्णु भार्गव का कहना है कि प्रदूषण ना केवल दिल्ली की समस्या है बल्कि नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, सोनीपत जैसे एनसीआर के शहरों में भी AQI लेवल गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। लिहाजा इसका समाधान केन्द्र सरकार ही निकाल सकती है।

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पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं जारी

दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद भी हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। पंजाब में रविवार को खेतों में आग लगने की 400 से अधिक ताजा वारदात सामने आई हैं। इस सीजन में राज्य में ऐसे मामलों की संख्या अब तक 8,404 हो गई है। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर ने पराली जलाने की नई घटनाओं की संख्या 404 बताई है। जिसमें फिरोजपुर में 74 मामले हैं, जो राज्य में सबसे ज्यादा है, इसके बाद बठिंडा में 70, मुक्तसर में 56, मोगा में 45 और फरीदकोट में 30 मामले दर्ज किए गए।

यूपी में बढ़ने लगी ठंड

उत्तर प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम तापमान लुढ़कर 15 डिग्री सेल्सियस तक आ पहुंचा है। मौसम विभाग का भी अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में न्यूनतम तापमान में थोड़ी और गिरावट देखी जा सकती है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सुबह के समय कोहरा दिख रहा है। मुरादाबाद के आसमान में भी धुंध की चादर देखने को मिल रही है।

हरियाणा की एयर क्वालिटी भी बहुत खराब, चारों तरफ धुंध की चादर

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं । दिल्ली के बाद अब हरियाण में भी स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया गया है। हरियाणा सरकार ने 5वीं कक्षा तक के स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है.इस दौरान ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी।

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