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लॉरेंस बिश्नोई से ज्यादा खूंखार है उसका भाई अनमोल, अमेरिका से चला रहा था रिक्रूटमेंट सेल

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– गोपाल शुक्ल:

लॉरेंस बिश्नोई पूरी तरह से हिन्दुस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के कब्जे में हैं। पुलिस एक एक करके उसका तरकश खाली करने में जुटी हुई है। हालांकि वो पहले से ही गुजरात की साबरमती जेल में बंद है बावजूद इसके जेल में बैठकर वो अपने गैंग के गुर्गों को अलग अलग टास्क दे रहा था। मगर जो ताजा खबर सामने आई है उसके बाद अब यकीनन ये कहा जा सकता है कि लॉरेंस बिश्नोई को ये जोर का झटका बड़े जोर का लगा है।

इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के इमिग्रेशन विभाग ने बीते गुरुवार, 14 नवंबर को अनमोल बिश्नोई को कैलिफोर्निया में हिरासत में लिया था। 25 साल के अनमोल बिश्नोई के अमेरिका में होने की जानकारी अमेरिकी एजेंसियों ने भारत को दी थी.

अनमोल बिश्नोई पर क्या हैं आरोप?

NIA के अनुसार, अनमोल बिश्नोई के ऊपर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सिद्धू मूसेवालाल और बाबा सिद्दीकी हत्याकांड जैसे मामले तो हैं ही। इल्जाम तो ये भी है कि मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जो हथियार इस्तेमाल हुए थे और जो इंतजाम किए गए थे, उसके पीछे अनमोल बिश्नोई ही था। सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग के मामले में भी अनमोल का नाम चार्जशीट में है। उसकी पहचान एक ‘Wanted’ आरोपी के रूप में हुई थी। इसके बाद अनमोल के नाम पर Red Corner Notice (RCN) भी जारी कर दिया गया। RCN किसी भगौड़े आरोपी के लिए जारी किया जाता है। जब वो किसी दूसरे देश में जाकर छिपा हो।

केन्या से कनाडा तक ठिकाने बदलकर रहा अनमोल

अनमोल बिश्नोई फर्जी पासपोर्ट के जरिए भारत से भाग गया था। तभी से वो अपने ठिकाने बदलते रहता है। मीडिया की कुछ रिपोर्ट का खुलासा ये भी है कि 2023 में उसे केन्या में और 2024 में कनाडा में देखा गया। अनमोल इससे पहले एक मर्डर केस में जोधपुर जेल में भी रह चुका है। लेकिन उसे 7 अक्टूबर, 2021 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

दुबई से केन्या चला गया था अनमोल

2022 में सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के बाद जब जांच-पड़ताल तेज़ हुई तो अनमोल बिश्नोई को बचाने की कवायद में एक फ़र्ज़ी पासपोर्ट तैयार करवाया गया। जिसके सहारे अनमोल पहले नेपाल गया और फिर वहां से अनमोल दुबई होता हुआ अजरबैजान चला गया था। असल में अनमोल दुबई में ज्यादा समय तक नहीं ठहरा क्योंकि उसे अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही थी। इसलिए वह दुबई से केन्या चला गया. केन्या में लॉरेंस के गैंग की गहरी जड़ें हैं। केन्या में कुछ समय रहने के बाद अनमोल बिश्नोई कनाडा चला गया। कनाडा में वह छिपकर रहा था और वहां से वो अक्सर अमेरिका आता जाता रहता था।

लॉरेंस का रिक्रूटमेंट सेल संभालता था अनमोल

अनमोल बिश्नोई के बारे में ताजा खुलासा यह है कि बिश्नोई गैंग ने बिहार में सैकड़ों शूटरों की भर्ती की थी। भारत- नेपाल बॉर्डर से सटे बिहार के इलाकों में कई शूटरों की भर्ती की थी। सलमान खान पर हमला करवाने वाले अनमोल बिश्नोई का एक बिहार के युवक के साथ सिग्नल पर बातचीत का चैट है।

ऑनलाइन चल रही है शूटरों की भर्ती

अमेरिका में बैठकर बिहार के एक लड़के को स्लीपर सेल की तरह इस्तेमाल कर गैंग के लिए काम करने, धमकाने और गोली चलाने का बाकायदा ऑर्डर अनमोल बिश्नोई दे रहा था। अनमोल बिश्नोई के बारे में पुलिस का भी यही कहना है कि ये लॉरेंस से भी ज्यादा खतरनाक है। पंजाब, हरियाणा ही नहीं बिश्नोई गैंग के इस सरगना ने शूटर्स का पैन इंडिया नेटवर्क खड़ा कर दिया था।

अमेरिका में बैठकर अनमोल कर रहा था भर्ती

बिहार के ही दो लड़कों ने सलमान के घर पर फायरिंग की थी। खुफिया सूत्रों के मुताबिक साल 2023 से बिहार पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से सटे पश्चिमी चंपारण और पूर्वी चंपारण में बिश्नोई गैंग से जुड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करना शुरू किया था। अंडरवर्ल्ड की B कंपनी के ऑनलाइन भर्ती के खुलासे के बाद खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।

स्पेशल सेल ने किया चौंकाने वाला खुलासा

आपको बता दें कि मुंबई के बांद्रा में 14 अप्रैल को सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी के मामले में अनमोल बिश्नोई के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया। अनमोल बिश्नोई ने सलमान के घर पर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी और जांच में भी उसके शामिल होने की बाद सामने आयी जिसके बाद मुंबई पुलिस ने ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किया था। अनमोल और लॉरेंस बिश्नोई को इस मामले में वांटेड आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।

अमेरिका से कनाडा तक फैला जाल

जिस फेसबुक पोस्ट के जरिये अनमोल ने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली थी, उसका आईपी एड्रेस पुर्तगाल का निकला था। पुलिस ने इसके बाद शूटर विकी गुप्ता और सागर पाल को गिरफ्तार किया था। विकी गुप्ता और सागर पाल बिहार के रहने वाले हैं और उन्हें 15 मार्च को सोनू बिश्नोई और अनुज तपन ने दो देसी पिस्तौल और कारतूस मुहैया कराये थे।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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