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– गोपाल शुक्ल:
आमतौर पर जेल को सामान्य तौर पर सुधार गृह ही कहा जाता है। जहां अपराधियों को समाज से दूर रखकर उन्हें सुधरने का एक आखिरी मौका देने की कोशिश की जाती है। लेकिन कुछ अपराधी ऐसे भी होते हैं जिनकी रगों में जुर्म लहू बनकर बहता रहता है, लेकिन कुछ ऐसे भी बदमाश होते हैं कि वह सुधरने के रास्ते पर निकलते हुए कमाल कर देते हैं।
जेल में बंद अपराधी की हरकत से हैरानी
इन दिनों मीडिया की सुर्खियों पर एक नाम बहुत तेजी से चढ़ा हुआ है। वह है कुख्यात माओवादी नेता सब्यसाची पांडा। ओडिशा के गंजम जिले की बरहमपुर जेल में बंद यह अपराधी जब जेल से बाहर था तो अपनी हरकतों और वारदातों की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था लेकिन जेल में बंद होकर भी उसका नाम खुली हवा में सांस ले रहा है। और उसकी वजह इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली है।
जेल से MA की पढ़ाई
असल में कुख्यात माओवादी नेता सब्यसाची पांडा लंबे समय से जेल में बंद है। मगर जेल में रहकर उसने जब पढ़ाई करनी शुरू की तो न सिर्फ जेल प्रशासन बल्कि जिसने भी सुना वो हैरत में पड़ गया। इस समय सब्यसाची पांडा सर्किल जेल से मास्टर ऑफ आर्ट्स यानी MA की पढ़ाई कर रहा है। मंगलवार को एक जेल अधिकारी ने बताया कि ग्रेजुएट होने के बाद सब्यसाची अब मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहा है।
पुलिस की नाक में दम करने वाला बना ‘स्कॉलर’
आजीवन कारावास की सजा काट रहे माओवादी नेता सब्यसाची पांडा ने ओडिशा स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी यानी ओएसओयू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए की पढ़ाई शुरू की है। बीते दो दशक से भी अधिक समय तक पुलिस और प्रशासन की नाक में दम करने वाले सब्यसाची को अब पढ़ाई में दिलचस्पी पैदा हो गई है। जेल में उसका ज्यादातर वक्त पढ़ाई में ही बीत रहा हैं।
इग्नू से किया ग्रेजुएशन
सब्यसाची पंडा नयागढ़ रणपुर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के माकपा विधायक रमेश पंडा के बेटे एवं एक कुख्यात माओवादी नेता है। 2022 में इग्नू (IGNOU) से ह्यूमैनिटी में ग्रेजुएशन करने वाले सब्यसाची पांडा ने अब एमए की पढ़ाई करने का फैसला किया है।
गणित में भी डिग्री ले चुका है सब्यसाची
वह पहले से ही पुरी के सामंत चंद्रशेखर गवर्नमेंट कॉलेज से गणित में डिग्री हासिल कर चुका है। लेकिन अब वह जेल में है। मगर जेल में रहते हुए उसने आगे की पढ़ाई करने का मन बनाया और बड़ी डिग्री लेने का इरादा किया।
और कैदी भी देंगे परीक्षा
सब्यसाची ओडिशा स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री कर रहा है। जेल अधिकारियों के मुताबिक उसके साथ चार कैदी और दो विचाराधीन कैदी हैं जो उच्च शिक्षा के लिए परीक्षा देंगे।
जेल मुहैया करवाया रहा किताबें
उसकी पढ़ाई में रुचि को देखते हुए जेल प्रशासन ने उसे किताबें उपलब्ध कराई हैं। जेल की ओर से सभी को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां तक कि जेल शिक्षक भी उनकी पढ़ाई में मदद कर रहे हैं।
मोस्टवांटेड सब्यसाची पर था 5 लाख रुपये का इनाम
असल में सब्यसाची पांडा उर्फ सुनील कभी ओडिशा माओवादी पार्टी का प्रमुख हुआ करता था। पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बने सब्यसाची के सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था। सब्यसाची को 18 जुलाई 2014 को बरहमपुर के बड़ाबाजार इलाके से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह बरहमपुर मंडल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
कई संगीन मामलों में है नाम
सब्यसाची उर्फ सुनील के खिलाफ माओवादी हिंसा के सिलसिले में 130 से अधिक मामले अलग अलग थानों में दर्ज हैं। गंजाम, गजपति, कंधमाल, रायगढ़ और नयागढ़ जिलों में उसके नाम कई गम्भीर मामले हैं। हालांकि, उसके अपराधों में सबसे ज्यादा चर्चा नयागढ़ में हुए नक्सली हमले और स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या के सिलसिले में होती है। सब्यसाची ने 2008 में नयागढ़ शहर में जिला हथियार भंडारगृह और पुलिस प्रशिक्षण स्कूल पर हमला किया था। इस वारदात से पूरा सूबा दहल गया था। बाद में कि वह कंधमाल में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या और उसके बाद की हिंसा में भी शामिल था। 2012 में भी इटली के सैलानी के किडनैपिंग केस में सब्यसाची की बड़ी भूमिका भी सामने आई थी।
दस साल से जेल में बंद सब्यसाची से उम्मीद
बीते करीब 10 साल से जेल में बंद है। जेल प्रशासन को उम्मीद है कि सब्यसाची की तरह जेल के तमाम कैदी उससे न सिर्फ सीखेंगे बल्कि पढ़ लिखकर और सुधरकर समाज के दूसरे नौजवानों को कुछ प्रेरणा ही दे सकेंगे।