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पाकिस्तान में टेरर अटैक, सवारी गाड़ियों के काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग, 50 की मौत, दो दर्जन घायल

Davitva Media Pakistan terror
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– गोपाल शुक्ल:

एक तरफ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में टैरर अटैक हुआ तो दूसरी तरफ चीन को एक बार फिर पाकिस्तान की जमीन पर अपने कदम जमाने का मौका मिल गया। या यूं कहें कि पाकिस्तान ने अपनी जान बचाने के लिए एक बार फिर चीन की कदमपोशी की है।

सवारी गाड़ियों के काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले में गुरुवार की शाम एक बड़ा आतंकवादी हमला हुआ। खुलासा है कि कुछ नकाबपोश बंदूकधारियों ने सवारी गाड़ियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में 50 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा जख्मी बताए जा रहे हैं।

आठ सालों में सबसे बड़ा आतंकी हमला

पुलिस और सुरक्षा बल के अफसरों के मुताबिक पिछले आठ सालों में पाकिस्तान में हुआ ये सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक गाड़ियों का एक काफिला पाराचिनार से पेशावर की ओर जा रहा था, तभी कुर्रम जिले के उचाट इलाके में कुछ अनजान बंदूकधारियों ने काफिले पर घात लगाकर धावा बोल दिया। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 50 लोगों की मौत की खबर है। पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी। वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं।

मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल

खैबर पख्तूनख्वा सूबे के मुख्य सचिव नदीम असलम चौधरी ने इस संगीन वारदात की जानकारी देते हुए कहा कि कुर्रम आदिवासी जिले में हुए इस हमले में मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने आशंका जाहिर की कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक अभी तक इस हमले की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

बेहद खतरनाक है अफगानिस्तान से सटा इलाका

कुर्रम जिले में अलग अलग जनजातियों के बीच झड़पें होती रहती हैं, जिसमें दर्जनों लोगों की जान भी जा चुकी है। इसी वजह से मेन और कनेक्टिंग रोड के साथ-साथ अफगानिस्तान से लगी सीमा भी बार-बार बंद कर दी जाती है। ये हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल हुए हैं।

चश्मदीद ने बताया मौका-ए-वारदात का हाल

पाराचिनार के एक स्थानीय निवासी और हमले के चश्मदीद जियारत हुसैन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को टेलीफोन पर जानकारी दी कि सवारी गाड़ी के दो काफिले थे। एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर जा रहा था। उसी समय हथियारबंद बदमाशों ने एक काफिले को निशाना बनाया और गोलियों की बरसात कर दी। असल में उस काफिले में जियारत हुसैन के कुछ रिश्तेदार भी पेशावर से पाराचिनार जा रहे थे।

पाकिस्तान में बढ़ी आतंकी वारदात

बीते कुछ अरसे के दौरान पाकिस्तान में आतंकी वारदात में जबरदस्त इजाफा देखा गया है। खासतौर पर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के इलाके में। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस वाकये की निंदा की और मरने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना भी जाहिर की है।

पाकिस्तान पहुँचे 300 चीनी सैनिक

इसी बीच पाकिस्तान ने एक बड़ा कदम उठाया है। आतंकवाद के खिलाफ मुहिम के एक अभ्यास में भाग लेने की खातिर 300 से ज्यादा चीनी सैनिक पाकिस्तान पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान में आतंकी हमलों में तेजी आने के बीच यह संयुक्त अभ्यास शुरू किया गया है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों को भेजे जाने की पुष्टि की है।

सीपीईसी इलाके में चीनी नागरिकों पर निशाना

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों और अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों की तरफ से लगातार हमले किए जा रहे हैं। आतंकियों ने हर हमले में 70 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाया।

आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभ्यास

चीनी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट में कहा गया है कि बुधवार को अभ्यास की शुरूआत की गई । नवंबर के अंत से दिसंबर के मध्य तक चलने वाला यह अभ्यास वारियर-8 श्रृंखला का आठवां अभ्यास है। अभ्यास से पहले पाकिस्तान ने प्रभावित क्षेत्रों में आतंकियों को निशाना बनाने के लिए एक बड़े सैन्य अभ्यास की घोषणा की।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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