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अदाणी की आड़ में विपक्ष ने साधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना, केन्या ने भी तोड़ा करार, बीजेपी का पलटवार

Dayitva Media Gautam Adani Story
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– साहिल सिंह:

हिन्दुस्तान में यूं तो चुनाव के मौकों पर सियासी वार होते ही रहते हैं लेकिन इस समय तो सात समंदर पार से आई एक खबर के बाद विपक्ष को नया हथियार और मौका मिल गया है। विपक्षी दलों ने उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिका में लगाए गए आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने अब उद्योगपति गौतम अदाणी के मामले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी से जांच की मांग भी तेज कर दी है।

ठेका लेने के लिए रिश्वत खिलाने का आरोप

यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट ने आरोप लगाया है कि सौर ऊर्जा का ठेका पाने के लिए अदाणी ने हिन्दुस्तान में सरकारी अधिकारियों को करीब 2,200 करोड़ रुपये की रिश्वत खिलाई। लेकिन ये रिश्वत की रकम अमेरिकी निवेशकों से वसूली है।

अदाणी और भतीजे समेत 8 के खिलाफ वारंट

न्यूयॉर्क की फेडरल अदालत ने गौतम अदाणी के साथ साथ उनके भतीजे सागर अदाणी समेत 8 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है। अदालत के इस आरोप के बाद अदाणी समूह की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।

केन्या ने तोड़ा समझौता

अमेरिका में केस के सामने आने के बाद अफ्रीकी देश केन्या ने भी अदाणी समूह के साथ किए अपने सारे करार को खत्म करने की घोषणा की है। खबरों के मुताबिक यह डील करीब 73.6 करोड़ डॉलर यानी 6 हजार करोड़ रुपये की थी।

क्या है पूरा मामला?

अमेरिका में न्यूयॉर्क की ब्रुकलिन कोर्ट ने अपने आरोप पत्र में कहा कि ये मामला दिसंबर 2019 में भारत सरकार की कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से जुड़ा है। अदाणी ग्रुप से जुड़ी अदाणी ग्रीन एनर्जी कंपनी और मॉरिशस की एज्योर पॉवर ग्लोबल लिमिटेड भी शामिल है। आरोप है कि दोनों कंपनियों का एक-दूसरे के साथ अनौपचारिक करार था और साल 2019 और 2020 में भारत सरकार ने इन दोनों कंपनियों को कुल 12 GIGA WATT की सोलर एनर्जी उत्पादन करने की इजाजत दी थी।

बताया जा रहा है कि इस एग्रीमेंट के बाद कोई भी सरकारी कंपनी इन से बिजली खरीदने के लिए तैयार नहीं थी। चूंकि, कोई भी प्राइवेट कंपनी सीधे किसी सरकार को बिजली नहीं बेच सकती। इन दोनों के बीच भारत सरकार की कंपनी का होना जरूरी होता है। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया(SECI) ने इसमें मध्यस्थता की भूमिका निभाई। जिसके बाद रिश्वत देकर लगभग ज्यादातर राज्यों के सरकारी अधिकारी से डील करके बिजली बेची गई। इस डील में आंध्र-प्रदेश, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा राज्य शामिल थे।

अदाणी पर अभी सिर्फ आरोप हैं!

अमेरिका के न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट में लगाए गए आरोप सिर्फ महज आरोप पत्र है।अदाणी समेत सभी आरोपी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश को चुनौती दे सकते हैं और गिरफ्तारी रोकने की मांग कर सकते हैं। इस केस में जमानत के लिए भी अपील कर सकते हैं। अगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में राहत नहीं मिलती है तो वे अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में आदेश को चुनौती दी जा सकती है। अमेरिका में राष्ट्रपति को सर्वोच्च अधिकार हैं। अगर राष्ट्रपति चाहें तो वो इस केस को रद्द भी कर सकते हैं।

कौन आरोपी?

न्यूयॉर्क कोर्ट ने जिन आठ लोगों को आरोपी बनाया है, उसमें अदाणी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अदाणी और अदाणी ग्रीन कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अदाणी समेत अदाणी ग्रुप के पूर्व CEO विनीत जैन, रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबेनिज, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल भी शामिल है।

अदाणी ग्रुप का पक्ष

इसी बीच एक प्रेस नोट जारी करके अदाणी ग्रुप ने अमेरिकी कोर्ट की तरफ से लगाए गए रिश्वत के आरोपों को झूठा और निराधार बताया है। इस प्रेस नोट में अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय के बयान का जिक्र किया है। कहा गया है कि जो अभियोग पत्र जारी किया गया है उसमें केवल आरोप शामिल हैं। ऐसे में आरोपी को तब तक निर्दोष माना जाएगा, जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं। प्रेस नोट में अदाणी समूह की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में कानूनी कदम उठाने की तैयारी की जा रही है। प्रेस नोट में ये भी कहा गया है कि अदाणी समूह प्रबंधन और पारदर्शिता के उच्चतम मानदंडों का पालन करता है। वो जिस देश में भी काम करता है वहां के कानून को पूरी तरह मानता है।

सियासी बयानबाजी

इस हिन्दुस्तान में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अदाणी समूह पर निशाना साधते हुए कहा था कि अदाणी जी 2 हजार करोड़ रुपए का स्कैम कर रहे हैं और बाहर घूम रहे हैं। क्योंकि पीएम मोदी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि गौतम अदाणी ने अमेरिका में क्राइम किया है, लेकिन भारत में उन पर कुछ नहीं हो रहा है। राहुल गांधी का कहना है कि अदाणी की प्रोटेक्टर SEBI की चेयरपर्सन माधवी बुच पर केस होना चाहिए।

राहुल गांधी पर बीजेपी का पलटवार

राहुल गांधी का जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहां कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी केस में नामित चारों राज्यों में भाजपा की सरकार नहीं थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और तमिलनाडु में उसकी सहयोगी पार्टी की सरकार थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब कर रहे हैं। उन्होंने 2019 में राफेल का मुद्दा उठाया था, लेकिन बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी।

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  • साहिल सिंह

    पढ़ने-लिखने में इतनी खुशी मिली कि कब किताबों से इश्क़ हो गया, पता ही नहीं चला। इस किताबों के प्रेम ने मुझे कब खबरों की दुनिया में ला खड़ा किया, यह भी समझ नहीं पाया। किताबें मेरी माशूका हैं, तो पत्रकारिता मेरी बेगम। इन दोनों के बीच मैंने अपने सफर की शुरुआत दायित्व मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारी और जुनून के साथ की है। मुझे उम्मीद है कि मेरा लिखा हुआ आपको पसंद आएगा।

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