Getting your Trinity Audio player ready...
|
– श्याम दत्त चतुर्वेदी:
साल 2002 में ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ स्लोगन के साथ रिलायंस ने टेलिकॉम की दुनिया में कदम रखा था। उस समय भारत में BSNL, आइडिया, एयरसेल, वोडाफोन जैसी कई बड़ी टेलिकॉम कंपनियां मौजूद थीं, लेकिन रिलायंस के बाजार में कदम रखते ही इंडियन टेलिकॉम इंडस्ट्री में क्रांति सी हो गई थी। लेकिन बदलते दौर में अब ये बाजी पलटती नज़र आने लगी है। इस दौड़ में सबसे फिसड्डी नज़र आने वाला भारत संचार निगम लिमिटेड यानी BSNL अब व्यंग्य, तंज और मीम की रेंज से काफी दूर जाता नजर आ रहा है। बीते कुछ अरसे में कंपनी ने बहुत तेजी से विकास किया है। कंपनी अब D2D यानी डायरेक्ट टू डिवाइस सर्विस लाने जा रही है। इसके जरिए बिना नेटवर्क के भी फोन कॉल करना और मैसेज भेजना मुमकिन हो सकेगा। कुछ समय पहले प्राइवेट टेली कम्युनिकेशन कंपनियों के टैरिफ बढ़ने की वजह से पोर्ट टू बीएसएनएल कैंपेन भी चलाया गया था। इन तमाम चीजों का असर अब बाजार में साफ साफ दिखने लगा है।
अब लोग कह रहे हैं कि BSNL के दिन बहुर रहे हैं। हाल ही में आई ट्राई की रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान JIO, Airtel, Idea-Vodafone के ग्राहक तेजी से घटे हैं। इसके मुकाबले BSNL ने अपने ग्राहकों की संख्या में तेजी से इजाफा किया है।
जाने आंकड़े क्या कह रहे हैं
जून 2024 में तीन प्रमुख निजी टेलीकॉम कंपनियों की तरफ से मोबाइल टैरिफ में वृद्धि के फैसले ने ग्राहकों पर गहरा असर डाला है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के सितंबर 2024 के आंकड़ों से पता चलता है कि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के ग्राहक बड़ी संख्या में घट रहे हैं। दूसरी ओर, सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने ग्राहकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की है।
रिलायंस जियो: 79 लाख ग्राहकों की कमी
रिलायंस जियो को सितंबर 2024 में जोर का झटका जोर से ही लगा। अगस्त में जियो के पास 47.17 करोड़ ग्राहक थे, जो सितंबर में घटकर 46.37 करोड़ रह गए। इसका मतलब है कि कंपनी ने 7.9 मिलियन (79 लाख) ग्राहक गंवा दिए। यह कमी टैरिफ वृद्धि के कारण हुई, जिसने ग्राहकों को अन्य विकल्पों की तलाश करने पर मजबूर किया।
वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल भी प्रभावित
वोडाफोन आइडिया ने 1.5 मिलियन (15 लाख) ग्राहक गंवाए, जिससे इसके ग्राहक 21.40 करोड़ से घटकर 21.24 करोड़ रह गए। भारती एयरटेल की स्थिति भी बेहतर नहीं रही, और इसके 1.4 मिलियन ग्राहक कम हो गए। सितंबर 2024 तक एयरटेल के ग्राहकों की संख्या घटकर 38.34 करोड़ रह गई।
ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या में कमी
सितंबर 2024 में भारत में कुल वायरलेस ग्राहकों की संख्या घटकर 115.37 करोड़ रह गई। इसमें शहरी क्षेत्र में 0.80% की गिरावट और ग्रामीण क्षेत्र में 0.95% की गिरावट है। ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या भी घटकर 94.44 करोड़ हो गई, जो अगस्त 2024 में 94.92 करोड़ थी।
BSNL के अच्छे दिन
जहां निजी कंपनियां ग्राहक खो रही हैं, वहीं BSNL ने ग्राहकों को अपनी तरफ तेजी से मोड़ा है। सितंबर 2024 में BSNL के वायरलेस ग्राहकों की संख्या में 8.49 लाख की वृद्धि हुई। जिससे कुल संख्या 9.18 करोड़ हो गई। BSNL ने टैरिफ में वृद्धि नहीं की, जो ग्राहकों को आकर्षित करने का मुख्य कारण रहा।
क्यों बदल रहा है लोगों का मूड?
जून 2024 में 10 से 21 प्रतिशत तक टैरिफ वृद्धि का असर जुलाई 2024 से दिखने लगा था। ग्राहक टैरिफ बढ़ने से नाखुश नजर आ रहे हैं और सस्ती सेवाओं की तलाश में बीएसएनएल जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। यह स्थिति दिखाती है कि टैरिफ वृद्धि का सीधा प्रभाव ग्राहकों की संतुष्टि और कंपनियों की ग्राहक संख्या पर पड़ता है। लोकसभा चुनावों के बाद ये देखा गया था की लोग खुद अपने नंबर पोर्ट कर रहे थे और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे थे।
टेलीकॉम कंपनियों के लिए सीख
तीनों प्रमुख निजी टेलीकॉम कंपनियों को टैरिफ वृद्धि का नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, बीएसएनएल ने सस्ती दरों और स्थिर सेवाओं के साथ अपनी स्थिति मजबूत की है। यह टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक सीख है कि ग्राहकों की संतुष्टि और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने की आवश्यकता है।
BSNL और करेगा बूम?
जानकारों का कहना है कि BSNL निकट भविष्य में और भी अधिक बूम कर सकता है। क्योंकि कंपनी लगातार बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए नई सेवाएं और सुविधाएं पेश कर रही है। हाल ही में कंपनी ने स्पैम ब्लॉकर, ऑटोमेटेड सिम कियोस्क, और डायरेक्ट-टू-डिवाइस जैसी सेवाओं की शुरुआत की है। यह पहल ग्राहकों को लुभाने और बेहतर सेवा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। इतनी ही नहीं कंपनी ने साफ किया है कि अभी टैरिफ रेट बढ़ाने को लेकर उनका कोई प्लान नहीं है। अगर ऐसा रहा तो निश्चित ही आने वाले समय में में BSNL का और तेजी से विकास होगा।