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प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, ट्रकों की एंट्री के बैन पर सख्त, GRAP-4 पर फैसला 25 नवंबर को

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– गोपाल शुक्ल:

देश की राजधानी में सांस लेना दूभर होता जा रहा है। दम घोटू हवा की वजह से लोगों का जीना मुहाल है। पिछले दो दिनों से तेज धूप की वजह से हवा का स्तर कुछ हद तक सुधरा था लेकिन बीते 24 घंटे के दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर फिर खतरनाक तरीके से खराब हुआ है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट वायु प्रदूषण रोकने के लिए ग्रेप 4 के अमल को लेकर दिल्ली सरकार के हलफनामे से कतई संतुष्ट नहीं है। दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं, वो कतई संतोषजनक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि दिल्ली में तकरीबन 100 ऐसे एट्री पॉइंटस हैं,जहां पर कोई चेकपोस्ट नहीं हैं।

113 एंट्री प्वाइंट पर रोकने का इंतजाम हो

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 25 नवंबर को इस बात पर विचार करेगा कि दिल्ली NCR में हवा के स्तर की हालत को देखने के बाद ही ग्रैप 4 की पाबंदियों में ढील देने के बारे में विचार किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली सरकार के वकील से सवालिया लहजे में कहा कि हमारे लिए यह मानना मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों की आवाजाही को रोका गया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि वह सभी 113 एंट्री पॉइंट पर ट्रकों के प्रवेश को रोकने के लिए बंदोबस्त तैनात करे।

कोर्ट कमिश्नर करेंगे एंट्री प्वाइंट का दौरा

जस्टिस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने ग्रैप-4 के प्रतिबंधों खासतौर पर गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लागू करने में कमी पर असंतोष जाहिर किया। कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान 13 वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया और कहा कि वह दिल्ली के एंट्री पाइंट का दौरा कर यह पता लगाएंगे कि वहां ट्रकों के प्रवेश को रोका जा रहा है या नहीं।

सिर्फ 13 एंट्री प्वाइंट पर हो रही निगरानी

मामले की सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने बताया कि दिल्ली में कुल 113 एंट्री पॉइंट हैं। इस दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली में प्रवेश के लिए 13 प्रमुख एंट्री पॉइंट हैं जहां मुख्य रूप से निगरानी हो रही है।

ग्रैप के नियमों की उड़ रही धज्जियां

देश की सबसे बड़ी अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इसका मतलब यह निकलता है कि कुल 113 एंट्री पॉइंट में 100 पॉइंट ऐसे हैं जहां प्रतिबंधित गाड़ियों को रोकने का कोई इंतजाम नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में अमल पर संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली पुलिस को निर्देश देते हैं कि वह सभी 113 एंट्री पॉइंट पर तत्काल जांच चौकी बनाए। कोर्ट ने कहा कि उन 13 वकील जिन्हें कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया है उनका नाम पुलिस आयुक्त को भेजा जाए ताकि उनके दौरे के दौरान सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। वकीलों को निर्देश दिया गया कि वह मौके पर तस्वीर लें और अपनी रिपोर्ट पेश करें।

दो दिन में कम हुआ प्रदूषण

इस बीच सुप्रीम कोर्ट में अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्य भाटी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दो दिनों में कम हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को दिल्ली और NCR को निर्देश दिया था कि वह ग्रैप-4 की पाबंदियों को कड़ाई से लागू करे। कोर्ट ने साफ किया था कि अगले आदेश तक इसके तहत प्रतिबंध लागू रहेंगे। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 25 नवंबर को यह तय किया जाएगा कि ग्रैप-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को आसान किया जाए या नहीं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पराली जलाने की घटना से रोकने के उपाय की निगरानी के लिए पूर्व जस्टिस की अगुवाई में कमिटी बनाने का विरोध किया।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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