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– गोपाल शुक्ल:
बात 2016 की है। भारतीय सेना के वीर जवानों ने तब उरी की वारदात का बदला लिया था और सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सरहद को लांघकर आतंकियों के अड्डे में घुसकर भारतीय जवानों ने टेरेरिस्टों के छक्के छुड़ा दिए थे। उसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सारे हिन्दुस्तान के उन जज्बातों को अपने एक नारे में बयां किया था,ये इंडिया ‘घर में घुसकर मारता है’। इस वक्त वो बयान टीम इंडिया पर एकदम सटीक बैठता दिखाई पड़ता है। पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के घमंड को चूर-चूर करते हुए जसप्रीत बूमराह के जांबाजों ने मेजबान टीम को पहले ही टेस्ट में करीब तीन सौ रनौं से रौंद डाला। ये भारत की ऐतिहासिक जीत है जो भारतीय टीम के खाते में 16 साल के बाद आई है।
टीम इंडिया ने पर्थ में गरदा उड़ा दिया
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले ही क्रिकेट टेस्ट मैंच में मेजबान टीम को 295 रन से परास्त किया। इसी के साथ ही टीम इंडिया ने इतिहास रच डाला। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024 के पहले टेस्ट मुकाबले में एक शानदार और दमदार शुरूआत की। टीम इंडिया ने इसी पर्थ में ऑस्ट्रेलिया को साल 2008 में करारी मात दी थी अनिल कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 72 रनों से हराया था। ऑस्ट्रेलिया में घुसकर इतनी बड़ी जीत हासिल करना टीम इंडिया के लिए न सिर्फ बड़ी कामयाबी है बल्कि एक तरह से बूमराह की टीम ने ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ पर्थ का घमंड भी चकना चूर कर दिया है। क्योंकि इसी पर्थ की धौंस देकर ऑस्ट्रेलिया की टीम विरोधी टीमों को दबाव में ले लेती है। क्योंकि पर्थ की उछाल वाली तेज पिच पर अक्सर विरोधी टीम घुटने टेक देती है। इसी बात का मेजबान टीम मनोवैज्ञानिक फायदा उठाने की फिराक में रहती है। मगर हरे मैदान की हरी पिच पर टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया की तबीयत हरी कर दी।
पर्थ में भारत ने दर्ज की ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ी जीत
पर्थ में मिली इस जीत से पहले यह टीम इंडिया की कंगारुओं के घर पर रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले भारतीय टीम ने साल 1978 में मेलबर्न में बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में 222 रन के अंतर से ऑस्ट्रेलिया को पीटा था। साल 2018 में भारतीय टीम ने मेलबर्न टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम को 137 रन से हराया था। जबकि अनिल कुंबले की कप्तानी में 2008 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली भारतीय टीम ने पर्थ में 72 रन की जीत हासिल की थी। यह ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर चौथी सबसे बड़ी जीत है।
पर्थ की हरी पिच पर ऑस्ट्रेलिया की तबीयत हरी
साल 1970 में ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला टेस्ट मुकाबला पर्थ के वाका (WACA) क्रिकेट स्टेडियम में खेला था। और इस स्टेडियम में ही अपना आखिरी टेस्ट मैच दिसम्बर 2017 में खेला था। 2017 के बाद से वाका स्टेडियम की जगह ऑप्टस स्टेडियम में क्रिकेट मैच होते हैं। इस नए मैदान ऑप्टस पर ऑस्ट्रेलिया ने साल 2018 के दिसंबर महीने में अपना पहला टेस्ट मुकाबला भारत के खिलाफ खेला था और उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 146 रनों से हराया था। लेकिन उस हार के छह साल बाद अब साल 2024 में ऑप्टस स्टेडियम में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच ये दूसरा मुकाबला हुआ जिसमे टीम इंडिया ने 295 रनों से ऐतिहासिक जीत हासिल की।
पर्थ में भारत के टेस्ट मैच
1977: वाका में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2 विकेट से हराया
1992: वाका में ऑस्ट्रेलिया ने 300 रनों के विशाल अंतर से जीत हासिल की
2008: वाका में भारत ने 72 रनों की यादगार जीत हासिल की
2012: वाका में ऑस्ट्रेलिया ने एक पारी और 37 रनों से जीत दर्ज की
2018: ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया को 146 रन से मिली थी जीत
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे कप्तान जसप्रीत बूमराह। बूमराह ने इस मैच में अपनी शानदार गेंदबाजी से पर्थ की तेज पिच पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी और 8 बल्लेबाजों को पैवेलियन का रास्ता दिखाया। बुमराह ने पहली पारी 5 विकेट लिए तो दूसरी पारी में तीन विकेट लेकर कंगारु बल्लेबाजों के होश उड़ा दिए।
यशश्वी की यादगार शतकीय पारी
लेकिन टीम इंडिया की इस यादगार जीत के लिए जिस भारतीय बल्लेबाज को दुनिया ने खेलते हुए देखा वो था यशश्वी जायसवाल। जिसने भारत की दूसरी पारी में 161 रन की ऐसी पारी खेली जिससे मैच का पासा पूरी तरह से पलट गया। हालांकि जब जायसवाल पहली पारी में 0 पर आउट हुए तो उनके साथ साथ टीम इंडिया के फैन्स को भी मायूसी हाथ लगी थी। औऱ तभी यह बातें भी होने लगी थी कि क्या जायसवाल ऑस्ट्रेलिया में कुछ कर भी पायेंगे या नहीं। लेकिन इस युवा लेफ्टी बल्लेबाज ने अपने बायें हाथ का वो कमाल दिखाया कि ऑस्ट्रेलिया की टीम झन्नाटेदार हार के साथ तिलमिलाकर रह गई।
कोहली की शानदार फॉर्म में वापसी
मगर टीम इंडिया की इस विराट जीत में कोहली का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है। काफी समय से अपनी फॉर्म को लेकर संघर्ष कर रहे विराट कोहली ने आखिरकार ऐसी फॉर्म में वापसी की और जुलाई 2023 के बाद टेस्ट में शतक लगाने का जश्न मनाया। कोहली ने नाबाद 100 रनों की पारी खेली। कोहली का फॉर्म में आना सचमुच भारत के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी रही।

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टेस्ट क्रिकेट का बदला इतिहास
टीम इंडिया काफी लंबे अरसे से टेस्ट में ओपनिंग की परेशानी से जूझ रही थी। अब तक जितने भी ओपनर टेस्ट किए गए उनमें से कोई खास कमाल नहीं कर पा रहे थे, लेकिन पर्थ टेस्ट मैच की दूसरी पारी में शानदार 201 रनों की साझेदारी ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट का इतिहास ही बदल कर रख दिया। भारत की ओऱ से टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया में यह पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है। जायसवाल और राहुल ने 201 रन आपस में जोड़कर भारत को टेस्ट मैच में मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया।
बूमराह का हिम्मतवाला फैसला
जब भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया तो उसे देखकर हर कोई हैरान था। मगर बुमराह ने बेखौफ होकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पर्थ के हरे विकेट पर टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी करता देखकर ऑस्ट्रेलिया की टीम भी खुश नज़र आ रही थी। और उसकी खुशी का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा जब भारत की पहली पारी 150 रन पर सिमट गई। लेकिन इसके बाद ही कप्तान बुमराह ने अपनी हिम्मत दिखाई और गेंदबाजों के दम पर भारत को इस टेस्ट मैच में वापसी कराई। बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लेकर बतौर कप्तान दिखाया कि कैसे इस बड़े मुकाबाले में आगे आकर परफॉर्म करना है। बुमराह की कप्तानी भी इस जीत में भारत के लिए बेहद अहम रही है। बूमराह के पांच विकेट की बदौलत ही ऑस्ट्रेलिया की टीम के चेहरे से हंसी उतरी और पूरी टीम पहली पारी में 104 रन पर ही ढेर होकर वापस पैवेलियन लौट गई। बस यहीं से मौच का पासा पलट गया।
जायसवाल और कोहली के शतक
दूसरी पारी में जायसवाल के 161 और कोहली के 100 रनों की बदौलत भारत ने 487 रनों पर 6 विकेट के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। पहली पारी में मिली 46 रनों की लीड और 487 रनों के साथ भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 534 रनों का इतना बड़ा टारगेट दे दिया कि खुद ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी ही पर्थ की पिच पर खौफ खाने लगी और वो दूसरी पारी में 238 रनों पर ढेर हो गई।
सोशल मीडिया पर टीम इंडिया की बल्ले बल्ले
भारत की जीत के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। पूर्व क्रिकेटर्स से लेकर फैंस टीम इंडिया की सराहना कर रहे हैं। वीरेंद्र सहवाग ने तो कप्तान बुमराह, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, सिराज और नीतीश की तस्वीर साझा की है। इस जीत से एक बात और तय हो गई कि अब ऑस्ट्रेलिया की टीम मौजूदा टीम इंडिया को किसी भी सूरत में हल्के में तो नहीं लेगी, क्योंकि इस टीम ने उसका गुरूर तोड़ा है।