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– गोपाल शुक्ल:
मंगलवार यानी 26 नवंबर की अल सुबह को चंडीगढ़ के दो नाइट क्लब के बाहर दो धमाके हुए। लेकिन इन दोनों ही धमाकों का मकसद किसी को मारने का नहीं था। असल में ये तो हिन्दुस्तान की सबसे अमीर म्यूजिक इंडस्ट्री पर निशाना साधने का एक रियाज था। तभी इस मामले में बड़ा अपडेट जैसे ही सामने आया तो ब्लास्ट के पीछे छुपा मकसद भी उजागर हो गया।
म्यूजिक इंडस्ट्री की लड़ाई और गैंग्स्टर का खूनी खेल
पंजाब में फिल्म इंडस्ट्री नहीं, बल्कि म्यूजिक इंडस्ट्री की लड़ाई और गैंग्स्टर का खूनी खेल चालू हो चुका है। विदेशों में बैठे बड़े-बड़े गैंग्स्टर यह फैसला लेते हैं कि किसका पंजाबी वीडियो एल्बम हिट होगा, किसके शोज कहां पर कराए जाएंगे, किससे कितनी वसूली की जाएगी और जो वसूली नहीं देगा उसका अंजाम क्या होगा। चंडीगढ़ में नाइट क्लब के बाहर हुए दोनों धमाकों का सीधा रिश्ता इसी बात से जुड़ता दिखाई दे रहा है।
गोल्डी बराड़ ने ली धमाके की जिम्मेदारी
जेल में बंद और धमकी देने के लिए बदनाम हो चुके लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सबसे खास गोल्डी बराड़ और गैंग्स्टर रोहित गोदारा ने मिलकर इन दो धमाकों को अंजाम दिलवाया। असल में इस सिलसिले में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई जिसमें गोल्डी बराड़ ने इन धमाकों की जिम्मेदारी अपने सिर पर लेते हुए उसका एक खुलासा किया है।

60 हजार करोड़ के धंधे पर टिकीं नजरें
इन धमाकों ने एक बार फिर पंजाब पुलिस के कान खोल दिए। इसके साथ ही एक बार फिर इस बहस को हवा मिल गई कि क्या एक लंबी खामोशी के बाद पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए गैंग्स्टरों के बेसुरे राग बजने लगे हैं और 60 हजार करोड़ के इस धंधे पर गैंग्स्टर्स की नजरें टिक गई हैं।
नाइट क्लब के धमाकों का सीसीटीवी
चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में मौजूद सेविले बार एंड लाउंज और डिओरा क्लब के बाहर सुबह सुबह धमाके हुए। ये धमाके बस इतने ताकतवर जरूर थे जिससे नाइट क्लब के दरवाजों और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। जिन क्लबों के बाहर ये धमाके हुए वो जाने माने रैपर और पॉप सिंगर बादशाह के हैं। पुलिस के मुताबिक तड़के लगभग 3.30 बजे सेक्टर 26 में जोरदार आवाज सुनाई दी। Seville नाइट क्लब से करीब 50 मीटर की दूरी पर भी धमाका हुआ। De’ Orra नाइट क्लब के बाहर विस्फोटक फेंका गया। धमाके के बाद से इलाके में अफरा तफरी मच गई। धमाकों के बाद एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। फुटेज में एक बदमाश बम फेंककर भागता हुआ नजर आ रहा है। पुलिस का कहना है कि बाइक पर सवार दो शख्स धमाका कर भाग गए।
बहरों के कान खोलने के लिए धमाका
सवाल उठा कि नाइट क्लब को निशाना बनाने की मंशा क्या थी? चंडीगढ़ पुलिस का अंदाजा है कि अवैध वसूली के लिए क्लब के मालिक रैपर बादशाह को डराने की मंशा हो सकती है। पुलिस का ये अंदाजा करीब करीब उस वक्त एकदम सही बैठता नज़र आया जब सोशल मीडिया पर गैंग्स्टर गोल्डी बराड़ की पोस्ट जमाने के सामने नहीं आई। खुलासा हुआ है कि गोल्डी बराड़ ने अपने साथ इस ब्लास्ट में रोहित गोदारा का भी नाम लिया है। गोल्डी बराड़ ने अपनी पोस्ट में साफ साफ लिखा कि बहरों के कान खोलने के लिए ये धमाका किया, क्योकि हमने प्रॉटेक्शन मनी के लिए जब कॉल की तो क्लब के मालिक को वो कॉल शायद सुनाई नहीं दी। इसलिए उनके कानों को सुनाई पड़ जाए इस खातिर ये धमाका किया गया है।

म्यूजिक इंडस्ट्री पर इसलिए है नज़र
इस खुलासे के बाद एक बार फिर इस बहस को हवा मिलने लगी है कि क्या गैंग्स्टरों के रडार पर पंजाब की अमीर म्यूजिक इंडस्ट्री आ गई है। क्योंकि सिद्धू मूसेवाला के मर्डर और उसके बैकग्राउंड पर अगर नज़र डाली जाए तो तब से लेकर अब तक पंजाब में गैंग्स्टरों ने जो भी हरकत की, उसके निशाने पर सिंगर कम्युनिटी ही आती दिखाई पड़ रही है। दुनिया में अपनी धमक बना चुकी 60000 करोड़ की पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री पर सच मुच गैंगस्टरों के निशाने पर है। इस इंडस्ट्री के जरिये गैंगस्टर अपने काले धन को सफेद करना चाहते हैं।
पंजाबी सिंगर का गैंग्स्टर्स से कनेक्शन
इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) पंजाब को भी इसके इनपुट मिले हैं। असल में काफी समय से पंजाब के गैंग्स्टर्स पर नज़र रखने वाले IB के अफसरों को कनाडा में बैठे पंजाब से ताल्लुक रखने वाले कुछ पंजाबी सिंगरों का कनेक्शन गैंग्स्टर्स के साथ मिला है। तभी से वो सभी आईबी के रडार पर आ गए हैं।
म्यूजिक इंडस्ट्री पर अपना कब्जा जमाने की होड़
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार इस इंडस्ट्री का कारोबार करीब 60 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। अच्छी बात यह है कि इस इंडस्ट्री की हर साल की तरक्की लगभग 15 प्रतिशत की औसत से हो रही है। पंजाब में म्यूजिक इंडस्ट्री में 450 से अधिक रजिस्टर्ड संगीत लेबल हैं, जो हर दिन लगभग 20 से 25 गाने जारी करते हैं। 2021 में इस इंडस्ट्री ने 5000 से अधिक म्यूजिक वीडियो जारी किए थे। करोड़ों की इस म्यूजिक इंडस्ट्री पर पंजाब के गैंग्स्टर अब अपना साम्राज्य जमाने की होड़ में लगे हैं। इस बात का खुलासा पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद हो चुका है।
काला धन को सफेद करने का जुगाड़
पुलिस की जांच में अब तक ये खुलासा हो चुका है कि कई पंजाबी गायकों के गैंगस्टरों से करीबी ताल्लुकात हैं। इसके बाद अब आईबी को ऐसे सबूत मिले हैं कि इस इंडस्ट्री के जरिये गैंगस्टर रंगदारी, हत्या और दूसरे जुर्म से काला धन कमाने के बाद उसे सफेद करने की जुगत में रहते हैं।
कई पंजाबी सिंगर भी गैंग्स्टर्स के साथ
इसके पीछे की बड़ी वजह यह भी है कि चूंकि अधिकांश सफल पंजाबी गायकों के कनाडा के साथ संबंध हैं। उनके पास या तो परमानेंट रेजिडेंट परमिट या उत्तरी अमेरिकी देश की नागरिकता है। ऐसे में कनाडा में बैठे पंजाब से संबंध रखने वाले गैंगस्टर आसानी से उनसे संपर्क साध लेते हैं। इस इनपुट पर आईबी की जांच में यह बात सामने आई हैं कि कनाडा में रहने वाले कई पंजाबी सिंगर भी इसमें गैगस्टरों के साथ शामिल हैं।
गैंग्स्टर तय करते हैं सिंगर क्या कब और कहां गाएगा
2016 के बाद से पंजाब के बड़े-बड़े गायकों और म्यूजिशियन को एक्सटॉर्शन के लिए धमकाया जाने लगा। फिर क्या था ना चाह कर भी इन सिंगरों ने किसी न किसी गैंगस्टर का दामन थाम लिया। गैंगस्टर की कोशिश होती थी कि वह गायक के बड़े-बड़े शोज आयोजित करे। उनके वीडियो, म्यूजिक एल्बम को मशहूर करे और भारी पैसे दिलवाए। बस यहीं से दो गैंग की अदावतें भी शुरू हुई। जिसमें पहला गैंग था लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का जबकि इनके सामने था दविंदर बंबिहा गैंग।
बंबीहा गैंग और लॉरेंस गैंग का आमना सामना
बीते कुछ वर्षों में पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में दविंदर बंबीहा गैंग का वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। यही बात लॉरेंस बिश्नोई खेमे को गवारा नहीं थी। पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री में दखल के लिए लॉरेंस ने अपने कालेज के दोस्त विक्की मिड्डूखेड़ा का इस्तेमाल किया और सिद्धू मूसेवाला पर दबाब बनाने की लगातार कोशिश की, लेकिन सिद्धू ने काम करने से इनकार कर दिया था।
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में गहरी दखल
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में गैंग्स्टर यहां तक हावी है कि सिंगर का गाना भी वही तय करते हैं। साथ ही विदेशों में उनके शो कहां होंगे, कैसे मुनाफा बंटेगा। इतना ही नहीं कौन सी कंपनी उनकी एलबम को रिलीज करेगी, इसके राइट्स किसके पास होंगे, इनका फैसला भी गैंग्स्टर ही करते हैं।
गैंग्स्टर्स से करीबी और धमकियां
हिंसा और धमकियां मुख्य रूप से कलाकारों और गैंगस्टर्स के बीच की नजदीकी का मामला भी माना जाता है। कलाकारों के लिए जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी से बचने का यह सबसे अच्छा तरीका है। गैंगस्टर अक्सर पंजाबी लोक कलाकार से एक या दो गानों का कॉपीराइट मांगते हैं और वे बदले में उनकी सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
गैंगस्टर्स की हैं म्यूजिक कंपनियां
कई संगीत कंपनियां, जैसे ठग्स लाइफ और गोल्ड मीडिया को सीधे तौर पर बंबीहा गैंग संचालित कर रहा है। बंबिहा गैंग को आर्मीनिया में बैठा लक्की पटियाल चलाता है। 2021 में मोहाली पुलिस इसका खुलासा कर चुकी है। गैंग्स्टर इन संगीत कंपनियों में जबरन वसूली का पैसा लगा रहे हैं, और काले धन को सफेद कर रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला ने भी इन कंपनियों में कई गाने गए हैं, जो काफी हिट हुए थे। खुलासा है कि बंबिहा ग्रुप की तरह लॉरेंस बिश्नोई गैंग भी पंजाब में म्यूजिक कंपनी खोलना चाहता था। दोनों गैंग के बीच आपसी टसल की ये भी एक बड़ी वजह मानी जाती है। आखिर 60 हजार करोड़ रुपये की इंडस्ट्री पर एकाधिकार का मामला भी तो बनता है।