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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद भले ही महायुति को बहुमत मिल गया हो लेकिन रिजल्ट आने के 4 दिन बाद तक मुख्यमंत्री के फेस पर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि, शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये तय हो गया है कि अब वो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने CM के लिए भारतीय जनता पार्टी के समर्थन की बात कही है। अब सवाल ये उठता है कि मराठी मानुष से मिली सत्ता की बागडोर बीजेपी किसे सौंपेगी। इस बीच देवेंद्र फडणवीस दिल्ली रवाना हो गए हैं। जानकारी के अनिसार, उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी हैं। इन नेताओं की मुलाकात अमित शाह और PM मोदी से हो सकती है। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
बता दें महाराष्ट्र में 20 नवंबर को प्रदेश की 288 सीटों के लिए मतदान कराए गए थे। इसके बाद 23 नवंबर को विधानसभा के चुनाव परिणाम सबके सामने आए। इसमें महायुति यानी BJP, शिवसेना और NCP के गठबंधन को बहुमत मिला। इसमें बीजेपी को 132, शिंदे की शिवसेना को 57, अजित की एनसीपी को 41 सीटें मिली। जबकि, महायुति के अन्य सहयोगियों को 3 सीटें मिली। वहीं MVA को कुल 49 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
रिजल्ट के बाद से पारा गरम
23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद ये तय हो गया था कि इस बार सिंहासन पर बीजेपी अपने नेता को ही बैठाएगी। इसके लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम ही सबसे आगे चल रहा था। हालांकि, सियासी बाजार में कई तरह की चर्चा होने लगीं। इस बीच खबर आने लगी की शिवसेना और शिंदे को CM के अलावा कुछ और मंजूर नहीं है।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट का एक बयान आया जिसमें वो कह रहे हैं ‘जिस दिन सीएम का नाम तय हो जाएगा, उस दिन सोचेंगे राजनीति में क्या होगा। हम तो चाहेंगे कि शिवसैनिक ही मुख्यमंत्री बने. आने वाले महानगरपालिका चुनाव के मद्देनजर हमारी मांग रहेगी कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने।’ वहीं शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव ने कहा कि कौन नहीं चाहता उसकी पार्टी का मुख्यमंत्री हो।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या बोले शिंदे?
सियासी बाजार में चल रही तमाम चर्चाओं पर विराम लग गया जब एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और BJP-शिवसेना के एक साथ होने का संदेश दिया। शिंदे ने कहा कि मैं आम आदमी हूं, कभी खुद को CM नहीं समझा। मैं आपका लाडला भाई हूं, ये लोकप्रियता ज्यादा अच्छी है। मैंने लोकप्रियता के लिए काम नहीं किया, महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया। हम अड़चन नहीं है। पूरी शिवसेना को मोदीजी का फैसला स्वीकार करेगी। मैंने मोदीजी-शाहजी को फोन किया। मैंने उनसे कहा कि आपका फैसला हमें स्वीकार है। भाजपा की बैठक जो कैंडिडेट चुना जाएगा, वो भी हमें स्वीकार है।
आगे एकनाथ शिंदे ने कहा कि मोदी-शाह चट्टान की तरह साथ खड़े रहे। हमने ढाई साल सरकार चलाई। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शाह ने मुझ जैसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी। मुझ से कहा कि आप जनता का काम करो और हम आपके साथ हैं। मुझे पद की लालसा नहीं है। महाराष्ट्र में कोई स्पीड ब्रेकर नहीं होगा। हम आपस में लड़ने वाले लोग नहीं हैं। कोई नाराज नहीं, कोई गायब नहीं है। एक स्पीड ब्रेकर था वो था महा विकास अघाड़ी, वो हटा दिया है।
आगे का रास्ता क्या है?
अब संभव है कि दिल्ली दरबार में महाराष्ट्र के तीनों बड़े नेताओं के साथ बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बैठक करेगा। इसके बाद सरकार और मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के नाम फाइनल किए जाएंगे। ज्यादा संभावना है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हों। उन्हें CM बनाने के लिए प्रदेश में पार्टी के भीतर और समर्थकों के बीच से मांग उठने लगी है। संभाजी नगर यानी औरंगाबाद में तो महिलाओं ने उनके समर्थन में खून से पत्र भी लिखा है।
फडणवीस का भी बयान आया
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदेजी के बयान ने सबकी शंका दूर की है। महायुति में कभी भी मतभेद नहीं रहा है। हम मुख्यमंत्री के नाम पर ही जल्द ही फैसला लेंगे। शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे को लेकर केवल विपक्ष के लोग अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा है कि वो डिप्टी का पद नहीं लेंगे। उन्हें फैसला लेने दीजिए क्या जल्दबाजी है।