Getting your Trinity Audio player ready...
|
– श्यामदत्त चतुर्वेदी
हमारे पड़ोसी बांग्लादेश का हिंदू विरोधी चेहरा पूरी तरह उजागर हो गया है। बांग्लादेश में माहौल गरम है। पिछले दिनों हिंदू संत की गिरफ्तारी के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। उनके खिलाफ पुलिस और वहां की सरकार ताकत का उपयोग कर रही है। इसे लेकर वहां की कोर्ट भी अब सख्त हो गई है। अदालत ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को ठुकराते हुए यूनुस सरकार को भी फटकार लगाया है। हालांकि, अब इतना मामला बढ़ने के बाद इस्कॉन ने चिन्मय दास से किनारा कर लिया है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी यूनुस सरकार पर हमला बोला है। वहीं भारत में ममता बनर्जी केंद्र से इस मामले में कदम उठाने की मांग की है।
बता दें हिंदू अधिकारों को लिए लड़ने वाले चिन्मय कृष्ण दास को ढाका में हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ राजद्रोह और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का आरोप लगाया गया है। उनको कोर्ट में पेश किया गया जहां से जमानत याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद से अभी वह जेल में हैं।
बांग्लादेश में बवाल
हिंदू संत की गिरफ्तारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बवाल मचा हुआ है। हिंदू इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं पुलिस उके साथ बर्बरता से पेश आ रही है। इतना ही नहीं इसमें यूनुस सरकार शिथिल पड़ी हुई है। इस कारण बांग्लादेश के बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहे हैं।
कोर्ट ने यूनुस सरकार को फटाकारा
बीते रोज अटॉर्नी जनरल ने कार्यवाही शुरू होते ही प्रदर्शनों को लेकर कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि वकील की हत्या को लेकर 3 मामले दर्ज किए गए हैं और 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट में रिपोर्ट में खामियों को देखते हुए बांगलादेश सरकार को चेतावनी दी। अदालत ने उम्मीद जताई कि सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त करेगी और बांग्लादेश के लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के बारे में कदम उठाएगी।
इस्कॉन पर बैन से हाईकोर्ट का इनकार
गुरुवार को उच्च न्यायालय में इसे लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट से मांग की गई कि वो देश में इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दे। द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च न्यायालय इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर नाराजगी जताई है और ऐसा करने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन की गतिविधियों के संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदम की जानकारी मांगी है।
शेख हसीना ने जताया विरोध
मामले में देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने अंतरिम सरकार और मोहम्मद यूनुस को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी देश में माहौल खराब करने और सनातन के खिलाफ दुश्मनी रवैये से की गई है। हसीना ने इसके लिए मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही उन्होंने चिन्मय प्रभु को रिहा करने की मांग की है।
इस्कॉन ने किया किनारा
मामले में इस्कॉन का बड़ा बयान सामने आया है। बांग्लादेश इस्कॉन के जनरल सेक्रेटरी चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया गया है। उन्होंने उनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गतिविधियों को इस्कॉन से कोई नाता नहीं है। उन्होंने कहा ‘बांग्लादेश के प्रदर्शनों में हमारा कोई रोल नहीं है। हमें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। रोड एक्सीडेंट में हो रही मौत को भी हमसे जोड़ दिया जा रहा है।’
PM मोदी के साथ ममता
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक घटनाओं और चिन्मय कृष्ण दास को जेल भेजे जाने पर ममता बनर्जी की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इन हालातों पर चिंता जताई है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम केंद्र सरकार के साथ हैं, वह चाहे जो कदम उठाए। दूसरे देश का मामला है। इसलिए यह हमारे अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है। इस मुद्दे को केंद्र सरकार को सुलझाना है और राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का पालन करेगी।