Getting your Trinity Audio player ready...
|
- श्यामदत्त चतुर्वेदी
Ballistic Missile: समय बदल रहा है! जल, थल या वायु…कहीं भी, कभी भी अब भारत की सेना तुरंत एक्शन लेने में सक्षम हो रही है। सक्षम इतनी को वो अब चीन और पाकिस्तान के पूरी जमीन को अपनी जद में ले सकती है। इसी ताकत में और इजाफा K-4 बैलिस्टिक मिसाइल के सफल परिक्षण के साथ हो गया है। भारतीय नौसेना ने K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है। इसी के साथ देश की परमाणु शक्ति को नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। इसे के साथ भारत जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमले करने में सक्षम बन गया है और गिनती के देशों में शामिल हो गया है।
इस मिसाइल को हाल ही में नौसेना में शामिल की गई परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात से बंगाल की खाड़ी में दागा गया। 3,500 किलोमीटर तक मार करने वाली इस मिसाइल को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने विकसित किया है। परीक्षण बुधवार को स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) द्वारा किया गया, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो समुद्र के नीचे से परमाणु मिसाइल दागने में सक्षम हैं।
चीन और पाकिस्तान को संदेश
भारत अब न्यूक्लियर ट्रायड में शामिल हो गया है, जिसका अर्थ है कि देश अब जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमले करने में सक्षम है। यह क्षमता भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति को भी मजबूत बनाती है। INS अरिघात से के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के लिए एक कड़ा संदेश है, क्योंकि अब समुद्र के अंदर से हमला करना अधिक सुरक्षित और सटीक हो गया है।
K-4 मिसाइल की ताकत
K-4 मिसाइल को बूस्ट-ग्लाइड तकनीक पर डिजाइन किया गया है, जो इसे दुश्मन के रडार से बचने और किसी भी एंटी-बैलिस्टिक सिस्टम को चकमा देने में सक्षम बनाती है। 10 मीटर लंबी और 1.5 मीटर चौड़ी यह मिसाइल 20 टन वजनी है और 2.5 टन का वारहेड ले जाने में सक्षम है। सैटेलाइट नेविगेशन से लैस यह मिसाइल पानी के भीतर से सटीक हमला कर सकती है।
भारत की बढ़ती सामरिक क्षमता
भारत अब तक तीन परमाणु पनडुब्बियां तैयार कर चुका है। इनमें INS अरिहंत, INS अरिघात और तीसरी पनडुब्बी S3 शामिल हैं, जो अगले साल नौसेना में शामिल होगी। INS अरिदमन, जो कि के-5 मिसाइलों से लैस होगी, आने वाले समय में भारत की शक्ति को और अधिक बढ़ाएगी। के-5 की रेंज 5,000 किलोमीटर तक है, जिससे भारत लंबी दूरी तक हमला करने में सक्षम होगा।
चीन और पाकिस्तान को कड़ा संदेश
K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। यह परीक्षण भारत की परमाणु शक्ति को मजबूत करते हुए चीन के लगभग पूरे क्षेत्र को भारत की जद में लाने में सफल रहा है। इसके साथ ही, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
INS अरिघात: भारत का सामरिक हथियार
INS अरिघात, भारत की दूसरी परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी है। यह विशाखापत्तनम में स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में तैयार की गई और अगस्त 2024 में नौसेना में शामिल हुई। यह पनडुब्बी 6,000 टन वजनी है और K-4 बैलिस्टिक मिसाइल के साथ ही 12 के-15 और 30 टॉरपीडो तक ले जाने में सक्षम है। INS अरिघात, पहले से मौजूद INS अरिहंत का उन्नत संस्करण है, जिसकी मिसाइलों की रेंज 750 किलोमीटर तक सीमित थी।
भारत का परमाणु शक्ति में आत्मनिर्भरता
INS अरिघात का निर्माण और के-4 मिसाइल का सफल परीक्षण, भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का उत्कृष्ट उदाहरण है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता को भारतीय रक्षा क्षेत्र की एक बड़ी उपलब्धि करार दिया। भारत अब अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और ब्रिटेन के बाद दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया है, जिसके पास समुद्र के अंदर से परमाणु हमले की क्षमता है।