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– साहिल सिंह:
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से रस्साकशी तेज है। 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। झारखंड में तो नई सरकार की शपथ भी हो गई, लेकिन महाराष्ट्र में CM की कुर्सी पर कौन बैठेगा, अभी इसी सवाल का जवाब नहीं मिला है। पेच ऐसा फंसा है, जिसमें महायुति गठबंधन खुद ही फंसा नजर आ रहा है।
2024 विधानसभा चुनाव के नतीजों से फंसा पेच
इस चुनाव में बीजेपी ने 125 सीटें, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने 57 सीटें और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी के गठबंधन दल कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। शिवसेना(उद्धव सेना) ने 20 सीट जीती, कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल की और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) को 10 सीटें मिली। चुनाव होने तक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और मंसूबा यही पाले हुए थे कि महायुति की जीत के बाद आगे भी मुख्यमंत्री वही रहेंगे। लेकिन जब बीजेपी 125 सीटें जीत गई तो सवाल बड़े भाई और छोटे भाई का सामने आ गया। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक बार-बार मंथन हुआ। मुख्यमंत्री पद के दोनों बड़े दावेदार एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने अमित शाह से मुलाकात की, फिर भी अब तक मुख्यमंत्री पद पर फैसला नहीं हो पाया है।
CM की कुर्सी के लिए दौड़
महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे के बाद से महायुति गठबंधन में CM की कुर्सी को लेकर चर्चा तेज है। इस सभी चर्चा पर महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विराम देते हुए कहा कि ” राज्य के नए मुख्यमंत्री के बारे में बीजेपी फैसला करेगी, जिसका वह पूरा समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के गठन को लेकर महायुति के सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।”
डिप्टी पद पर शिंदे के बेटे..?
अपने पैतृक भूमि सतारा से एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते वक्त उनके बेटे श्रीकांत शिंदे के उपमुख्यमंत्री का पद और शिवसेना को गृह विभाग दिए जाने की अटकलों पर कहा कि “महायुति की तीनों सहयोगी शिवसेना, भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) आम सहमति से इस पर फैसला करेंगी।”
नहीं चलेगा बिहार फार्मूला
विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद जब बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी तो सियासी फिजाओं में एक सवाल भी उठा कि क्या महाराष्ट्र में भी बिहार फार्मूला चलेगा। हम आपको बता दें कि 2020 में बिहार में जेडीयू और बीजेपी ने गठबंधन किया था। जिसमें बीजेपी ने 74 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि जेडीयू ने सिर्फ 43 सीटों पर जीत हासिल की, फिर भी मुख्यमंत्री जेडीयू के नीतीश कुमार ही बने। सवाल था कि क्या महाराष्ट्र में भी वही फार्मूला चलेगा..? दरअसल बिहार और महाराष्ट्र की परिस्थितियां अलग हैं। बिहार में बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ऐसे में बीजेपी इतनी बड़ी जीत के बाद यहां सीएम की कुर्सी किसी और को देने की सोच भी नहीं सकती थी।
2019 में लगभग 1 महीने बाद बनी सरकार
महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी कोई नई बात नहीं है। 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे। राज्य की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 61.4 फीसदी मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और शिवसेना पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधगन (NDA) ने बहुमत हासिल किया था। सरकार गठन को लेकर मतभेदों के बाद शिवसेना-बीजेपी का गठबंधन भंग हो गया। उस समय राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हुआ था। चूंकि कोई भी पार्टी के सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई, इस कारण से मंत्रिपरिषद का गठन भी नहीं हो पाया था। इसलिए उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
23 नवंबर 2019 को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि फ्लोर टेस्ट से पहले 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने एक नए गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) के तहत सरकार बनाई, जिसमें उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
2019 चुनाव नतीजे 288 विधानसभा सीट
भाजपा- 105 सीट
शिवसेना- 56 सीट
NCP- 54 सीट
कांग्रेस- 44 सीट
AIMIM- 2 सीट
MNS- 1 सीट
शिवसेना में फूट
29 जून 2022 को, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों का एक गुट शिवसेना से अलग हो कर बीजेपी के साथ आकर खड़ा हुआ। जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। विभाजित शिवसेना जो एकनाथ शिंदे के साथ थी उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और एकनाथ शिंदे CM बनें तो डिप्टी CM का पद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने हासिल किया।
2014 में लगा था राष्ट्रपति शासन
28 सितंबर 2014 से 30 अक्टूबर 2014 तक महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन रहा था। 15 अक्टूबर 2014 को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने CM पद की शपथ ली। शिवसेना पार्टी ने भाजपा को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया था।
2014 चुनाव नतीजे
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी को 122, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 41 सीटें मिलीं। वहीं अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को 20 सीटें मिलीं। शिवसेना ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की। हालांकि चुनाव से ठीक पहले भाजपा और शिवसेना का 25 साल पुराना गठबंधन टूट गया था।
ताजा अपडेट
महाराष्ट्र के कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद की रेस से पीछे हटने के बाद से भाजपा में CM पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा चल रही है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में इस नाम पर मुहर लगना बाकी है।