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दिल्ली कूच पर किसान: याद आया 2021 का आंदोलन; क्या है विवाद और क्यों भड़के अन्नदाता?

Dayitva Media - Noida Delhi Farmers Protest
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– श्यामदत्त चतुर्वेदी:

किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इस कारण दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला तमाम सड़कों पर जान लग रहा है। नोएडा और आसपास के किसानों ने 2 दिसंबर को ‘दिल्ली कूच’ का ऐलान किया था। आज किसान दिल्ली के लिए आगे बढ़ने लगे सड़कों पर भारी जाम लग गया है। किसानों के आंदोलन के कारण चिल्ला बॉर्डर और महामाया फ्लाईओवर पर भारी जाम लगा है। पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर चार हजार जवान तैनात किए हैं। यातायात व्यवस्था बाधित होने से दिल्ली-एनसीआर में लोगों को परेशानी हो रही है। इस बीच किसानों के पुराने आंदोलनों की चर्चा होने लगी है। हालांकि, ये आंदोलन 2020-21 में हुए आंदोलन से काफी अलग है।

नोएडा के किसानों के इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भूमि अधिग्रहण मुआवजे, 10% विकसित प्लॉट और चार गुना मुआवजे की मांगों को लागू करवाना है। रविवार को नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच बैठक हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। इसी का नतीजा है कि किसान सड़कों पर आ गए हैं।

क्या है किसानों की मांग?

गौतमबुद्ध नगर और आसपास के किसानों का कहना है कि उन्हें जमीन अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजा नहीं मिला है। गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए चार गुना मुआवजा दिया गया, लेकिन इसी तरह की सुविधा गौतमबुद्ध नगर के किसानों को नहीं दी गई।

  1. जमीन अधिग्रहण के बदले 10% विकसित प्लॉट दिया जाए
  2. 64.7% की दर से मुआवजा सुनिश्चित किया जाए
  3. नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा मिले
  4. भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाएं

किसानों की दिल्ली कूच की तैयारी

दिल्ली पुलिस ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। नोएडा पुलिस से लगातार संपर्क में रहते हुए जानकारी साझा की जा रही है। किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, और यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज होने की आशंका है।

क्या था किसानों को पिछला आंदोलन?

साल 2021 भारत के इतिहास में किसानों और खेती से जुड़े मुद्दों पर सरकार और किसानों के बीच सबसे बड़े टकराव और बदलावों का गवाह बना। जून 2020 में केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानून पेश किए, जिनका किसानों ने कड़ा विरोध किया। नवंबर 2020 में किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना देना शुरू किया, जो धीरे-धीरे एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया।

शुरुआत में किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। जनवरी 2021 में किसानों ने दिल्ली की ओर ट्रैक्टर मार्च किया। 26 जनवरी को लाल किले पर हिंसा की घटना चर्चा में रही इसके बाद वार्ता पूरी तरह ठप हो गई। 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। इसके बाद 11 दिसंबर 2021 को किसान आंदोलन समाप्त हो गया।

साल 2021 का किसान आंदोलन कानूनों को वापस लेने की संसदीय प्रक्रिया का गवाह बना। ये आंदोलन किसानों के दृढ़ संकल्प और संघर्ष का प्रतीक भी बना। लगभग 378 दिनों तक चले इस आंदोलन ने कृषि क्षेत्र को नीति निर्माण, संसदीय बहस, राजनीतिक विमर्श और आर्थिक नीतियों के केंद्र में ला खड़ा किया। यह पहली बार था जब 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के बाद कृषि क्षेत्र को इतनी गंभीरता से विचार किया गया।

किसानों की समस्याओं पर उप राष्ट्रपति की चिंता

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रास्ता खेतों से होकर गुजरता है और किसानों की परेशानियां देश के गौरव पर सवाल खड़ा करती हैं। उनका कहना था कि किसानों के लिए उनके दरवाजे 24 घंटे खुले हैं और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होना चाहिए।

सरकार को उठाने चाहिए कदम

दिल्ली बार्डर पर उत्तर प्रदेश के किसानों का आंदोलन साफ नजर आ रहा है। दूसरी तरफ पंजाब में कुछ किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं। ऐसे में किसानों का के आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं। आशंका ये भी जताई जा रही है कि क्या ये आंदोलन धीरे-धीरे साल 2021 के आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, उनकी मांगें स्पष्ट हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द समाधान निकालने की जरूरत है।

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  • श्यामदत्त चतुर्वेदी - दायित्व मीडिया

    श्यामदत्त चतुर्वेदी, दायित्व मीडिया (Dayitva Media) में अपने 5 साल से ज्यादा के अनुभव के साथ बतौर सीनियर सब एडीटर जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इससे पहले इन्होंने सफायर मीडिया (Sapphire Media) के इंडिया डेली लाइव (India Daily Live) और जनभावना टाइम्स (JBT) के लिए बतौर सब एडिटर जिम्मेदारी निभाई है। इससे पहले इन्होंने ETV Bharat, (हैदराबाद), way2news (शॉर्ट न्यूज एप), इंडिया डॉटकॉम (Zee News) के लिए काम किया है। इन्हें लिखना, पढ़ना और घूमने के साथ खाना बनाना और खाना पसंद है। श्याम राजनीतिक खबरों के साथ, क्राइम और हेल्थ-लाइफस्टाइल में अच्छी पकड़ रखते हैं। जनसरोकार की खबरों को लिखने में इन्हें विशेष रुचि है।

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