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ISIS और बगदादी को निपटाने वाला भारतवंशी बनेगा FBI चीफ, क्यों काश पटेल पर जताया ट्रंप ने भरोसा, जानिए वो सब कुछ, जो आपके लिए जाना है जरूरी

Dayitva Media Kash Patel
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– साहिल सिंह:

काश पटेल। इस नाम से काफी लोग वाकिफ ना हो ये हो सकता है। पर ये नाम अमेरिका में एक बड़ा नाम के रूप में सामने आया है। यह नाम अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर के रूप में चुना गया है। राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को यह अहम जिम्मेदारी दी है।

ऐसा कहां जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद हासिल करने से पहले अपनी टीम को और मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया है। ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। जिसके बाद ही गुजराती मूल के काश पटेल फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के चीफ पर कार्यरत होंगे। काश पटेल ट्रंप के करीबियों में से एक है।

ट्रंप का सोशल मीडिया पर पोस्ट

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ FBI के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, इन्वेस्टिगेटर और ‘अमेरिका फर्स्ट’ वॉरियर हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।”

काश पटेल का निजी जीवन

44 साल के काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। काश पटेल के माता-पिता का जीवन पूर्वी अफ्रीका देश युगांडा में बीता है। कुछ समय के लिए काश का परिवार कनाडा में भी रहा था। उनका परिवार 1970 में अमेरिका में पलायन कर गया था। इसके बाद साल 1980 के दशक में न्यूयार्क के गार्डन सिटी में काश पटेल का जन्म हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई की है। इससे पहले काश ने ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्ट्रीय कानून में सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया था।

काश पटेल का करियर ग्राफ

2004 के बाद लॉ स्कूल की डिग्री के बाद पटेल फ्लोरिडा चले गए और एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में आठ साल बिताए। एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी, हत्या, बंदूक के उल्लंघन और थोक नकदी तस्करी सहित गुंडागर्दी के आरोपी ग्राहकों का प्रतिनिधित्व किया। काश पटेल 2013 में वॉशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। यहां तीन साल बाद 2016 में पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया। काश पटेल ने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। इससे पहले राष्ट्रपति के उप सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में भी काश काम कर चुके हैं।

ISIS और बगदादी को निपटाने में निभाई अहम भूमिका

डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में काश पचेल को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। तब उन्होंने आतंकी संगठन ISIS, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे अल-कायदा नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। बस यहीं से काश पटेल ट्रंप की नजरों में आ गए। उन्होंने अमेरिकी बंधकों को वापस स्वदेश लाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा पटेल ने इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया था।

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  • साहिल सिंह

    पढ़ने-लिखने में इतनी खुशी मिली कि कब किताबों से इश्क़ हो गया, पता ही नहीं चला। इस किताबों के प्रेम ने मुझे कब खबरों की दुनिया में ला खड़ा किया, यह भी समझ नहीं पाया। किताबें मेरी माशूका हैं, तो पत्रकारिता मेरी बेगम। इन दोनों के बीच मैंने अपने सफर की शुरुआत दायित्व मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारी और जुनून के साथ की है। मुझे उम्मीद है कि मेरा लिखा हुआ आपको पसंद आएगा।

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