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– साहिल सिंह:
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपने काम के लिए जितने जाने जाते हैं, उतने ही अपने बेबाक और बिंदास बयानों के लिए भी वह मशहूर हैं। उनके बयान वायरल हो जाते हैं। मजे मजे में गडकरी नेताओं और आज की राजनीति पर गजब के तंज कस देते हैं। अभी महाराष्ट्र चुनाव के बाद गडकरी का एक ताजा ताजा बयान आया है। गडकरी ने ये बयान तब दिया जब महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हुआ है। ऐसे में गडकरी का ये बयान सबको चौंका रहा है। नितिन गडकरी ने नागपुर में अपनी किताब के लॉन्च पर कहा कि “राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र है। यहां सभी लोग दुखी हैं और अपनी वर्तमान स्थिति से ऊंचे पद की इच्छा रखते हैं”।
नितिन गडकरी के बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि यह बयान तब आया है जब सबकी नजर महाराष्ट्र की सत्ता पर है, साथ ही सबका सवाल है कि कौन होगा महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री। फिलहाल में महाराष्ट्र की सियासत पर सभी पत्रकारों, राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ नेता की नजर टिकी है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल कर जीत दर्ज की है। जिसके बाद बीजेपी ने घोषणा की है कि CM का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा।
नितिन गडकरी ने क्या कहा?
नागपुर में अपनी किताब 50 गोल्डन रूल्स ऑफ लाइफ (जीवन के 50 स्वर्णिम नियम) के लॉन्च पर गडकरी ने कहा कि “राजनीति असंतुष्ट आत्माओं का समुद्र है, जहां सभी लोग दुखी हैं। जो पार्षद बनता है वह इस बात से दुखी होता है कि उसे विधायक बनने का मौका नहीं मिला। एक विधायक इसलिए दुखी होता है, क्योंकि उसे मंत्री पद नहीं मिला।” उन्होंने आगे कहा, “एक विधायक इसलिए दुखी होता है, क्योंकि उसे अच्छा मंत्रिस्तरीय विभाग नहीं मिला और वो मुख्यमंत्री नहीं बन सका। मुख्यमंत्री इस बात से तनाव में है कि पता नहीं कब आलाकमान उन्हें पद छोड़ने के लिए कह दे। “
ऐसा पहली बार नहीं है जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी वह कई बड़े बयान दे चुके हैं जो उनकी पार्टी और उनके लिए बाद में मुसीबत साबित हुए हैं। आइए नजर डालते हैं उनके ऐसे कुछ बयानों पर…
प्रधानमंत्री पद पर बयान
14 सितंबर 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर के एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ”मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन एक बार किसी ने कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनने जा रहे हो तो हम आपका समर्थन करेंगे।” गडकरी के बारे में कहा जाता है कि वह विपक्षी पार्टियों में भी अच्छी पैठ रखते हैं। इस बयान के बाद लोगों ने बहुत अटकलें लगाई कि बीजेपी में आपसी सहमति नहीं है, और गडकरी की पसंद प्रधानमंत्री पद के लिए पीएम नरेंद्र मोदी नहीं है।
जब गडकरी बोले-सरकार विषकन्या के समान
नागपुर में विदर्भ आर्थिक विकास परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, “आप जो भी सब्सिडी ले सकते हैं, उसका लाभ उठाएं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको यह कब मिलेगी।” गडकरी ने आत्मनिर्भर बनने का आग्रह करते हुए कहा, ”सरकार पर निर्भर मत रहिए। सत्ता में चाहे कोई भी पार्टी हो, सरकार विषकन्या के समान होती है। अगर आप सरकार पर बहुत अधिक निर्भर रहेंगे, तो आप बर्बाद हो जाएंगे।” आपको बता दे कि उस समय महाराष्ट्र में सरकार महायुति यानी बीजेपी, शिवसेना(शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) की थी।
जब गडकरी बोले-मुझे वोट मत दो
2023 के मार्च में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बयान दिया जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। गडकरी का ये बयान, “पसंद करते हैं तो ठीक है…नहीं तो मुझे वोट मत दें” इसी क्लिप को काट कर काफी वायरल किया गया। पर यह सच नहीं था नागपुर में एक समारोह में कहा था, “मैं देश में जैव ईंधन और वॉटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग कर रहा हूँ. अगर लोग इन्हें पसंद करते हैं तो ठीक है…नहीं तो मुझे वोट मत दें. मैं पॉपुलर पॉलिटिक्स के लिए ज्यादा मक्खन लगाने को तैयार नहीं हूँ।”
मानव-मूत्र पर गडकरी की रिसर्च
करीब 8 साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा, ‘देश में मानव मूत्र से यूरिया का निर्माण किया जाना चाहिए। हम यूरिया आयात करते हैं, लेकिन अगर हम पूरे देश में मूत्र इकट्ठा करना प्रारंभ कर दें तो हमें यूरिया के आयात की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मैंने एयरपोर्ट पर मूत्र इकट्ठा करने के लिए कहा है।’ इससे पहले गडकरी ने खुलासा किया था कि वह खुद अपना मूत्र इकट्ठा करते हैं और दिल्ली में बने अपने आवास के बगीचे में खाद के रूप में प्रयोग करते हैं। राजनीतिक गलियारों में गडकरी का यह बयान भी काफी चर्चा में रहा था।