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आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच पर आमादा, राकेश टिकैत को महापंचायत में शामिल होने से रोका, किसान हुए आगबबूला

Dayitva Media Noida Farmers Protest Rakesh Tikait
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– श्यामदत्त चतुर्वेदी:

उत्तर प्रदेश के किसानों का मामला अब देश के किसानों का मुद्दा बनता जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में आयोजित किसानों की महापंचायत ने एक बार फिर सरकार और प्रशासन के खिलाफ किसानों के विरोध को मुखर कर दिया। किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने टप्पल में रोक दिया। इसके बाद नोएडा में चल रही महापंचायत में तनाव बढ़ गया। किसानों ने मंच से चेतावनी दी कि अगर टिकैत एक घंटे में नहीं पहुंचे तो वे नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल की ओर कूच करेंगे। इस तरह से मामला एक बार फिर गरम हो गया है। किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे 2 साल पहले हुए आंदोलन की यादें ताजा हो जा रही हैं।

नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों को बलपूर्वक हटाकर गिरफ्तार किया गया, जिसके विरोध में ग्रेटर नोएडा में महापंचायत आयोजित की गई। कई किसान अलग-अलग टोल प्लाजा और धरना स्थलों पर जमा हो गए। टोल प्लाजा पर बैठकर उन्होंने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की, जिससे यातायात बाधित हो गया।

राकेश टिकैत ने दी चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अलीगढ़ में चेतावनी दी कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन पूरे देश में फैल सकता है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत किसानों को उचित मुआवजा देने में लगातार देरी कर रही है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से किसान नोएडा पहुंचे।

वहीं दूसरी ओर महापंचायत में किसानों ने 123 गिरफ्तार किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। पुलिस ने रिहाई का आश्वासन दिया। इसके बावजूद किसानों ने दिल्ली की ओर कूच की चेतावनी दी। इसके बाद महामाया फ्लाईओवर और जीरो पॉइंट पर सक्रियता बढ़ा दी गई है।

पुलिस और प्रशासन का रुख

पुलिस और प्रशासन किसानों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं। पिलखुवा क्षेत्राधिकारी अनीता चौहान और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। पुलिस ने महापंचायत स्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिया है। फिलहाल, महापंचायत स्थल और आसपास के क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। किसानों और पुलिस के बीच वार्ता जारी है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तो आंदोलन और तेज़ होगा।

किसानों की प्रमुख मांगें

  • गिरफ्तार किसानों की तुरंत रिहाई
  • भूमि अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा
  • सरकारी नीतियों के खिलाफ किसानों की आवाज दबाने की कोशिशों को रोकना।

आंदोलन का राष्ट्रीय विस्तार

यह घटनाक्रम न केवल किसानों की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि सरकार और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती भी पेश करता है। किसान अपनी मांगों के प्रति अडिग हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि किसानों का आंदोलन किस रास्ते पर आगे बढ़ता है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के माध्यम से कोई समाधान निकलता है या नहीं।

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  • श्यामदत्त चतुर्वेदी - दायित्व मीडिया

    श्यामदत्त चतुर्वेदी, दायित्व मीडिया (Dayitva Media) में अपने 5 साल से ज्यादा के अनुभव के साथ बतौर सीनियर सब एडीटर जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इससे पहले इन्होंने सफायर मीडिया (Sapphire Media) के इंडिया डेली लाइव (India Daily Live) और जनभावना टाइम्स (JBT) के लिए बतौर सब एडिटर जिम्मेदारी निभाई है। इससे पहले इन्होंने ETV Bharat, (हैदराबाद), way2news (शॉर्ट न्यूज एप), इंडिया डॉटकॉम (Zee News) के लिए काम किया है। इन्हें लिखना, पढ़ना और घूमने के साथ खाना बनाना और खाना पसंद है। श्याम राजनीतिक खबरों के साथ, क्राइम और हेल्थ-लाइफस्टाइल में अच्छी पकड़ रखते हैं। जनसरोकार की खबरों को लिखने में इन्हें विशेष रुचि है।

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