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काश! 14 साल पहले 85 पैसे लगा दिए होते तो आज मालामाल हो जाते, ट्रम्प की जीत के बाद रॉकेट बन गई क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन

Bitcoin News -Dayitva Media
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– गोपाल शुक्ल:

अगर 14 साल पहले हमने अपना दिमाग लगाए बगैर, बिना कुछ सोचे समझे सिर्फ 85 पैसे का बिटकॉइन खरीद लिया होता तो आज मैं भी 86 लाख रुपये का मालिक होता। ये मजाक की बात नहीं है। एकदम खरा सच है। बात 14 साल पुरानी है। मैं दफ्तर में काम कर रहा था तभी मेरे एक सहयोगी ने मुझे सलाह दी कि मार्केट में डिजिटल करेंसी आई है। बिटकॉइन नाम है। सिर्फ 85 पैसे का एक क्वाइन है, खरीदकर डाल लो, जितने का एक बिटकॉइन है उससे कहीं ज्यादा तो टायर में हवा भराने में खर्च हो जाता है। तो एक दो लेकर डाल ही लो। तब मैंने उसकी बात का इतना मजाक उड़ाया था कि पूछो नहीं। खुद को बुद्धिमान समझते हुए उस भलेमानस को बुद्धू साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। लेकिन आज जब मैंने बाजार में बिटकॉइन का दाम सुना तो सिर चकरा गया। एक बिटकॉइन सिर्फ 86 लाख रुपये का है। जी हां ये एक दम सच और निजी तजुर्बा आपसे साझा कर रहा हूं।

अमीर बनने की ललक हो तब न!

एक निवेशक के तौर पर हमारी तलाश हमेशा ऐसे विकल्‍पों की तरफ ही रहती है, जहां कम पैसे लगाकर भी आप तगड़ा मुनाफा कमा सकें। इसके लिए कभी शेयर बाजार तो कभी म्‍यूचुअल फंड और प्रॉपर्टी की तरफ भागते हैं। लेकिन, साल 2009 में आए इस नए और अनोखे विकल्‍प ने निवेश के सारे पैमाने तोड़ दिए। उसने दिखा दिया कि अगर थोड़ी दूरदृष्टि हो तो आपको अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन जब कोई अमीर बनना ही नहीं चाहता तो कोई कुछ नहीं कर सकता। तब इसकी कीमत 1 रुपये से भी कम थी, लेकिन आज इस बिटक्वाइन की कीमत करीब 86 लाख रुपये की हो गई है।

बिटक्वाइन की 2010 में थी 85 पैसे कीमत

दरअसल, ये बात क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन की हो रही है। इसे साल 2009 में जब लांच किया गया था, तब ज्‍यादातर लोगों को इस पर भरोसा नहीं था। मई, 2010 तक एक बिटकॉइन की कीमत 0.01 डॉलर थी। अगर इसे आज के रुपये के भाव में देखें तो महज 85 पैसे के आसपास बैठती है। यानी 14 साल पहले 85 पैसे में अगर किसी ने बिटकॉइन खरीदी होती तो आज उसके पास 85 लाख रुपये होते। ग्‍लोबल मार्केट में बिटकॉइन का भाव 5 दिसंबर को बढ़कर 1 लाख डॉलर पहुंच गया। इस लिहाज से रुपये में देखें तो इसकी कीमत 85 लाख रुपये के आसपास बैठती है।

बिटक्वॉइन ने रचा इतिहास

क्रिप्टो मार्केट में तेजी का सिलसिला जारी है। जारी रैली के बीच सबसे प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने इतिहास रच दिया है। अब एक बिटकॉइन की कीमत 1,00,000 डॉलर के पार निकल गई है। भारतीय करेंसी में देखें, तो Bitcoin Price 87 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है। खास बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की धमाकेदार जीत के बाद से ही बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी में तूफानी तेजी जारी है और इसकी कीमत में करीब 50 फीसदी का उछाल देखने को मिल चुकी है।

डोनाल्ड ट्रंप की जीत ने कैसे दिखाया कमाल

डोनाल्ड ट्रंप को क्रिप्टो समर्थक के रूप में देखा जाता है और इसका अंदाजा उनकी चुनावों में जीत के बाद Bitcoin की कीमत में आए ताबड़तोड़ उछाल को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। बिट्कॉइन अभी 100,027 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। ये पहला मौका है जब बिटकॉइन ने इतनी लंबी छलांग लगाई है। क्रिप्टोकरेंसी में ये तेजी ट्रंप के जीत के बाद आई है और एक्सटर्स् इसके जारी रहने की उम्मीद जता रहे हैं। बता दें कि जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

बिटकॉइन में तेजी से ट्रंप कनेक्शन

अब सवाल यही उठता है कि आखिर ऐसा क्या कनेक्शन है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से बिटकॉइन रॉकेट की रफ्तार से तेजी से ऊपर ही उठता जा रहा है। तो बता दें कि क्रिप्टो ट्रेडर्स को उम्मीद है कि ट्रंप प्रशासन क्रिप्टो फ्रेंडली पॉलिसी ला सकते हैं। वहीं बीते दिनों आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की सोशल मीडिया कंपनी क्रिप्टो ट्रेडिंग Bakkt को खरीदने की तैयारी में है। डॉनल्ड ट्रम्प को पहले से ही क्रिप्टो फ्रैंडली माना जाता है और अब उनकी कंपनी के इस प्लान का असर भी क्रिप्टो मार्केट में साफ देखने को मिला है।

अभी जारी रह सकती है तेजी

बिटकॉइन में जो तूफानी तेजी जारी है, वो हाल-फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि Trump के प्रो-क्रिप्टो एजेंडे और एटकिंस के नेतृत्व के साथ क्रिप्टो मार्केट में बहार जारी रह सकती है और क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक रूप से अपनाए जाने की संभावना है। मुड्रेक्स के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल का कहना है कि इससे आने वाले हफ्तों में बिटकॉइन की कीमत 120,000 डॉलर तक पहुंच सकता है।

बिटकॉइन को लेकर की थी भविष्यवाणी

गौरतलब है कि बीते दिनों ग्लोबल एजेंसी जेफरीज ने भी बिटकॉइन को लेकर जारी एक रिपोर्ट में बड़ी भविष्यवाणी की थी। जेफरीज के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर बुड का कहना है कि बिटकॉइन की रफ्तार अभी नहीं रुकेगी और ये 1.50 लाख डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि, उन्होंने मार्केट कंडीशन के हिसाब से इसके दाम में उतार-चढ़ाव की बात से इनकार नहीं किया। बुड ने ये भी कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप के जीतने के बाद बिटकॉइन ने रफ्तार पकड़ी है, क्योंकि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स के लिए अपना समर्थन पेश किया है।

क्या है क्रिप्टो करेंसी?

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है। इसका इस्तेमाल गुड्स और सर्विसेज का पेमेंट करने के लिए किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी नेटवर्क बेस्ड डिजिटल करेंसी है। इसे कंपनी या इंडिविजुअल कोई भी टोकन के रूप में जारी कर सकता है। इन टोकन्स का यूज जारी करने वाली कंपनी के गुड्स और सर्विसेज खरीदने के लिए ही होता है। इसे किसी एक देश के करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है, जिसके चलते इसमें उतार चढ़ावा होता रहता है।

साल दर साल जीता है भरोसा

बता दें कि बिटकॉइन दुनिया की सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। साल दर साल इसने इनवेस्टर्स का भरोसा जीता है। किसी ने बिटकॉइन के क्रिएटर को नहीं देखा है। लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इस डिजिटल करेंसी को साल 2008 में बनाया गया था और ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर साल 2009 में रिलीज किया गया था। बिटकॉइन बनाने वाला कोई एक व्यक्ति या ग्रुप सातोशी नाकामोतो नाम से जाना जाता है। इस डिजिटल करेंसी का यूज गुड्स और सर्विसेज के एक्सचेंज वैल्यू लिए भी किया जाता है और ये करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है।

पुतिन ने भी दिया है भरोसा

बिटकॉइन में सबसे तेज उछाल अमेरिका में डोनाल्‍ड ट्रंप की वापसी और रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन के हालिया बयानों से आया है। पुतिन ने हाल में कहा था कि डिजिटल करेंसी को कोई बंद नहीं करने जा रहा और इसका भविष्‍य आगे भी सुरक्षित रहेगा।

चुनाव के बाद 45 फीसदी का आया उछाल

ट्रंप और बिटकॉइन के रिश्‍तों को आप ऐसे समझ सकते हैं कि उनके राष्‍ट्रपति चुनाव जीतने के बाद से महज 4 हफ्तों के भीतर ही इसकी कीमतों में 45 फीसदी का उछाल आ चुका है. इतना ही नहीं बिटक्‍वाइन इसी साल अपने निवेशकों को दोगुना रिटर्न दे चुकी है. आज इसका मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 170 लाख करोड़ रुपये) पहुंच चुका है. बिटक्‍वाइन की यह कीमत तब है, जबकि साल 2022 में यह गिरकर 16 हजार डॉलर (13.60 लाख रुपये) के भाव पर पहुंच गई थी, जो 2 साल में ही आज 1 लाख डॉलर पर है।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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