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Ayushman Bharat Yojana VS Sanjivani Yojana: दिल्ली अब विधानसभा चुनावों की दहलीज पर खड़ी है। कुछ महीनों बाद राजधानी की जनता अपनी अगली सरकार बनाने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में वोट करने वाली है। इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली से एक बड़ा वादा किया है। उन्होंने बुजुर्गों के लिए ‘संजीवनी योजना’ की शुरुआत का ऐलान किया। हालांकि, उनके ऐलान के बाद से ही इसे लेकर चर्चा होने लगी है कि उनका प्लान इसके पीछे क्या है और जब देश में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक योजना पहले से चल रही है तो इस योजना की जरूरत क्यों पड़ी और ये आयुष्मान भारत योजना से कैसे अलग है? इसके पीछे अरविंद केजरीवाल की कौन सी सियासी चाल है?
सियासी दलों का मकसद कुछ भी हो, लेकिन आयुष्मान भारत योजना और दिल्ली की संजीवनी योजना दोनों ही कहीं न कहीं नागरिकों को लाभ देने के लिए बनाई गई हैं। इससे निश्चित ही स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा। हालांकि, इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। आइये दिल्ली की इस योजना के पीछे के सियासी मकसद के साथ ही इनके बड़े अंतरों के बारे में जानें।
दिल्ली में नहीं चलती थी आयुष्मान योजना
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलती थी। इसमें एक हिस्सा केंद्र सरकार देती थी और एक छोटा हिस्सा राज्यों से लिया जाता था और नागरिकों को इलाज उपलब्ध कराया जाता था। दिल्ली और पश्चिम बंगाल दो ऐसे राज्य थे जिन्होंने अपने यहां इन योजनाओं को लागू करने से मना कर दिया था। इसके बाद केजरीवाल संजीवनी योजना लेकर आए हैं। हालांकि, दिल्ली के जिन अस्पताल का आयुष्मान योजना के साथ टाइअप था वो बाहर के लोगों का मुफ्त इलाज पहले से कर रहे थे।
अरविंद केजरीवाल का ऐलान
18 दिसंबर को आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा-दिल्ली के बुजुर्गों ने मुझे हमेशा अपना बेटा माना है। आज मैं अपना फर्ज निभाने जा रहा हूं. AAP के जीतने पर संजीवनी योजना द्वारा दिल्ली में सभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों का मुफ्त इलाज होगा। चाहे अस्पताल सरकारी हो या प्राइवेट, इलाज का खर्चा जो भी हो, अब बुजुर्गों का पूरा इलाज मेरी जिम्मेदारी है। योजना दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बाद लागू होगी। सरकार बनने के बाद योजना का प्रस्ताव लाया जाएगा। बुजुर्गों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कही भी जाने की जरूरत नहीं है। कार्यकर्ता 2 से 3 दिन में रजिस्ट्रेशन शुरू कर देंगे। कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन कराएंगे और कार्ड भी लाकर देंगे।
आयुष्मान बनाम संजीवनी योजना
आयुष्मान भारत योजना और दिल्ली की संजीवनी योजना दोनों ही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाएं हैं, लेकिन उनके दायरे, कवर, और लाभार्थियों में अंतर है। जहां आयुष्मान भारत योजना पूरे देश के लिए है, वहीं संजीवनी योजना केवल दिल्ली तक सीमित है। आयुष्मान भारत योजना स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है, जबकि संजीवनी योजना मुफ्त ओपीडी सेवाएं और अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित सेवाएं प्रदान करती है।

कैसे चलती है आयुष्मान योजना?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना राज्यों और केंद्र दोनों के सहयोग से चलती है। इसमें आने वाले खर्च का 60 फीसदी केंद्र सरकार वहन करती है। 40 फीसदी राशि राज्यों को देनी होती है। पर्वतीय राज्यों के लिए यह अनुपात 90 और 10 फीसदी का है। कुल मिलाकर इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं राज्यों के नागरिकों को मिलता है जो इसमें हिस्सेदारी के लिए सहमत होते हैं। जो राज्य आयुष्मान योजना में सहभागी नहीं हैं वो अपने राज्यों में चलने वाली योजना का लाभ ले सकते हैं।

कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना को अपडेट किया है। इसमें 70 साल से अधिक के बुजुर्गों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। इसमें सरकार बुजुर्गों को 5 लाख रुपये का बीमा कवर देने का ऐलान किया था। ये बीमा कवर परिवार को मिलने वाले बीमा कवर से अगल है। माना जा रहा है कि सरकार ने इसे बुजुर्गों में होने वाली समस्याओं को देखते हुए अपडेट किया था।
दिल्ली की संजीवनी योजना
संजीवनी योजना दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अगली सरकार बनने की स्थिति में लाई जाएगी। इसका ऐलान अरविंद केजरीवाल ने किया है। इसका उद्देश्य दिल्ली के निवासियों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देना है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अब उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं और उनके पास आय का कोई और साधन नहीं है। इस योजना में केवल उम्र और दिल्ली का निवासी होने के अलावा कोई शर्त नहीं है। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि योजना में केंद्र की आयुष्मान योजना को जोड़ा जाएगा या नहीं।

सवाल क्यों उठते हैं?
दिल्ली में कई ऐसी योजनाएं हैं जो उपराज्यपाल के साथ खटपट के कारण नहीं चल पाती हैं। वहीं कुछ योजनाओं को समानांतर चलाया जाता है। आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू नहीं है। इस योजना में 60 फीसदी केंद्र सरकार जबकि, 40 फीसदी खर्च राज्य सरकार करती है। ऐसे में अब सवाल ये भी उठता है कि केजरीवाल ने तो वादा कर दिया, लेकिन क्या वह इसके लिए किसी तरह की बजट की मांग करेंगे या फिर वो आयुष्मान के लिए राजी होकर इसी के साथ इस योजना को कंपाइल करके चलाने की कोशिश करेंगे। खैर अभी ये महज घोषणा है जब इसका पूरा खाका सामने आएगा तभी ये साफ हो सकता है कि इसमें पेच कहां-कहां फंस सकते हैं। एक बात साफ है कि अब केजरीवाल भाजपा पर पलटवार करते हुए चुनावी मैदान में उतर जाएंगे।
क्या आयुष्मान पर भारी पडेगी संजीवनी योजना?
कहा जा रहा कि पीएम मोदी की आयुष्मान योजना पर केजरीवाल की संजीवनी योजना भारी पड़ने वाली है। संजीवनी योजना का प्लान दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मॉडल की मजबूती और भाजपा के आयुष्मान भारत योजना की खामियों को उजागर करने की कोशिश है। दिल्ली में ‘आप’ सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना को अभी तक लागू नहीं किया है। भाजपा इसे लेकर हमलावर रहती थी। हाल ही में केंद्र सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को 5 लाख रुपए का अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा दिया था। अब केजरीवाल ने 60 साल से अधिक के सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज का वादा किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि केजरीवाल अभी इसे चुनावों में आयुष्मान के मुकाबले बेहतर योजना बताकर वोट मांगेंगे।