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अपराध जगत में गैंग्स ऑफ पंजाब का बोलबाला, गैंग्स्टर से ब्रांड बन चुका है लॉरेंस बिश्नोई

gangs of punjab
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– गोपाल शुक्ल:

मुंबई में बॉलीवुड के भाईजान यानी दबंग खान उर्फ सलमान खान को मिली जान से मारने की धमकी ने केवल फिल्म इंडस्ट्री को ही नहीं झकझोरा, बल्कि देश भर में एक बार फिर गैंग्स और पंजाब की सियासी परतों को उधेड़कर रख दिया है। कुछ अरसा पहले तक लॉरेंस बिश्नोई केवल पंजाब के एक छोटे से गैंग्स्टर के रूप में जाना जाता था, लेकिन अचानक मीडिया की सुर्खियों में ये नाम इस कदर छा गया कि जब भी किसी अपराध या जुर्म का जिक्र आता है, जुबां पर लॉरेंस बिश्नोई का ही नाम आ जाता है। लॉरेंस बिश्नोई ने फिल्म स्टार को मारने की धमकी दी। ये वाकया सिर्फ एक वारदात भर नहीं था बल्कि इसने इस गैंग्स्टर की बढ़ती हुई क्रिमिनल पावर की भी तस्वीर उजागर कर दी। इसके साथ ही यह भी साबित हो रहा है कि कैसे नए जमाने में माफिया के नेटवर्क डिजिटल युग में हावी और असरदार होते जा रहे हैं।

कुछ समय पहले तक लॉरेंस बिश्नोई को पंजाब के गैंगवार और एक बड़े गैंग की हरकतों से जो़ड़कर ही देखा जाता था।, लेकिन अब वह गैंग्स ऑफ पंजाब के चेहरे के रूप में उभरकर सामने आ चुका है। इसी के साथ ही ये सवाल भी सामने आ कर खड़ा हो जाता है कि कैसे लॉरेंस बिश्नोई का अचानक मीडिया में उभरना एक बड़े अपराध साम्राज्य की ओर इशारा करता है। इसके साथ कैसे जुड़ी है एक नई तरह की माफिया संस्कृति, जो अब बॉलीवुड के साथ साथ समाज के हर तबके पर अपना असर दिखा रही है।

लॉरेंस बिश्नोई यानी गैंग्स्टर से मीडिया स्टार तक

लॉरेंस बिश्नोई का नाम एक माफिया सरगना के तौर पर किसी फिल्मी खलनायक की तरह लिया जाता है। वह एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसे अब पुलिसवालों के साथ साथ आम लोग भी जानने लगे हैं और मीडिया में उसकी मौजूदगी अब एक तरह की सनसनी बन चुकी है। उसका नाम पहली बार तब सुर्खियों में तब आया था जब उसने सलमान खान को धमकी दी। सबसे ताजा तरीन धमकी दीपावली के आसपास आई और उसके बाद खासतौर पर बॉलीवुड, पुलिस और आम जनता के बीच लॉरेंस बिश्नोई का नाम चर्चा का केंद्र बन गया।

मारने की धमकी के पीछे क्या था मकसद?

सलमान खान के खिलाफ दी गई धमकी को लेकर एक और विवाद खड़ा हुआ। बिश्नोई का दावा कि सलमान खान ने एक बार काले हिरण का शिकार किया था। 1998 में जोधपुर में हुए काले हिरण शिकार मामले को लेकर बिश्नोई का यह निजी आरोप सलमान के खिलाफ रहा है। अब जब बिश्नोई का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में है तो यह और भी साफ हो गया कि उसका जो करियर था, वह अब सिर्फ जरायम की दुनिया से ही नहीं जुड़ा बल्कि उसे एक निजी रंजिश में बदला लेने के तौर पर देखा जा रहा है।

लॉरेंस बिश्नोई का इस तरह से मीडिया में आना यह दिखाता है कि उसकी सियासी समझ, रणनीति और सोशल मीडिया के इस्तेमाल के तौर तरीकों ने उसे जरायम की दुनिया में एक नया चेहरा और नई हैसियत दे दी है। अब वह केवल एक गैंगस्टर नहीं, बल्कि एक “ब्रांड” बन चुका है, जो अपने संदेशों को सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए फैलाता है।

पंजाब में माफिया का साम्राज्य

लॉरेंस बिश्नोई का गढ़ पंजाब है, जिसे आज भी भारत के कुछ सबसे बड़े और सक्रिय माफिया गुटों का घर माना जाता है। यहां की सियासी, सामाजिक और आर्थिक संरचनाएं ऐसी हैं, जो अक्सर जुर्म और माफिया के लिए उपजाऊ जमीन मुहैया करवाती है। पंजाब में बड़े पैमाने पर ड्रग्स का कारोबार, मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध हथियारों की तस्करी और रियल एस्टेट में हड़प जैसी घटनाएं अब बेहद आम हैं।

लॉरेंस बिश्नोई और उसके गैंग का प्रभाव अब केवल पंजाब तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि पूरे देश में फैल चुका है। खासकर बॉलीवुड और मनोरंजन जगत में, बिश्नोई के गैंग के लिंक हैं, जो उसके वजूद और वर्चस्व को मजबूत करता है।

पंजाब के गैंग्स और उनकी आपसी रंजिश

पंजाब के गैंग्स के बीच आपसी रंजिश या बदला लेने का एक लंबा सिलसिला है। बीते कुछ ही सालों में लॉरेंस बिश्नोई का नाम पंजाब के तमाम गैंग में सबसे ऊपर आ गया है। उसकी गैंग के पास न केवल पंजाब बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी अच्छा खासा असर है। इसके साथ ही, इसके गैंग की साजिश, मॉडस ऑपरेंडी किसी एक दायरे तक ही नहीं हैं बल्कि यह अब फिल्म उद्योग, पुलिस बल और राजनीति के बीच घुसपैठ करने में भी माहिर हो चुका है।

लॉरेंस और उसके सिंडीकेट का मकसद केवल काले धंधे तक ही सीमित नहीं है। अब वे पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री, रियल एस्टेट और बॉलीवुड जैसे पैसे वाले इलाके में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश में हैं। बिश्नोई और उसके गैंग्स ने अपनी ताकत को इस तरह से फैलाया है कि किसी भी विरोधी को डर में जीने के लिए मजबूर कर दिया है।

मीडिया का प्रभाव और गैंग्स के डिजिटल नेटवर्क

गैंग्स ऑफ पंजाब के सदस्य अब सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल नए जमाने के सबसे कारगर हथियार के तौर पर किया है। लॉरेंस बिश्नोई अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय है, जहां से वह अपनी ताकत को बढ़ाता है और लोगों के मन में अपनी दहशत फैलाने की कोशिश करता है।

ऐसे बन गया गैंग्स्टर एक ब्रैंड

लॉरेंस बिश्नोई ने यह भी साबित किया है कि कैसे अपराधी अपनी छवि को मीडिया में “विज्ञापन” के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। जब वह सलमान खान को धमकी देता है, तो वह ना केवल अपने गैंग को प्रोत्साहित करता है, बल्कि मीडिया के ध्यान को भी आकर्षित करता है। आजकल गैंग्स के लीडर जानते हैं कि वे अपने नाम का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं और लोगों को डराने के लिए मीडिया का सहारा ले सकते हैं।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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