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– गोपाल शुक्ल:
इन दिनों शादियों का सीजन है। इस तेज रफ्तार और व्यस्त जिंदगी में हर कोई अपने लोगों को शादी या किसी पारिवारिक समारोह में शामिल होने का निमंत्रण देने के लिए ज्यादातर अब वॉहट्सऐप का सहारा ले रहा है। ऐसे में साइबर ठगों ने लोगों के खातों को खाली करने का नया तरीका निकाल लिया है। हाल ही में एक एपीके फाइल के जरिए शादी का निमंत्रण भेजकर फ्रॉड करने का किस्सा सामने आया है। हैकर्स वाहट्सऐप के जरिए शादी का निमंत्रण कार्ड भेजते हैं और उसी एपीके फाइल के जरिए बैंक खातों को खाली कर रहे हैं।
APK फाइल बना साइबर ठगों का हथियार
साइबर फ्रॉड के जानकारों का कहना है कि आमलोग APK फाइल को जाने अनजाने में ओपन करते है जो डिवाइस में ऑटो इंस्टॉल हो जाती है। इससे डिवाइस का एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला जाता है। जिससे साइबर शातिर फोन के मैसेज रीड कर लेते हैं। जिसमें सेंसिटिव फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन जैसे ओटीपी, पिन नंबर वगैराह भी हैकर्स के पास चले जाते हैं। कंट्रोल साइबर अपराधी के पास चले जाने से वे हमारे खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या फंड ट्रांसफर करने में कामयाब हो जाते हैं।
शादी का कार्ड भेज कर निकाल लिए 4 लाख रुपये
बीकानेर के एक पीड़ित कैलाश ने साइबर थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया है। उनकी शिकायत के मुताबिक उनके पास वाहट्सऐप पर एक शादी का कार्ड मिलाा। जब उसे ओपन करके देखा कि आखिर ये कार्ड हमारे किस जानकार का है। जब उसे खोला तो किसी अनजान का निमंत्रण कार्ड दिखा। पीड़ित ने ये सोचकर उसे छोड़ दिया कि शायद किसी ने गलती से भेज दिया होगा। मगर चार दिन बाद उनके अकाउंट से साढ़े चार लाख रुपये निकल गए। ठीक इसी तरह अजमेर के मांगलियावास में पीएम किसान निधि की फ़ाइल ओपन करते हीं उसके अकाउंट से पैसे निकल गए थे।
वाह्ट्सऐप अकाउंट को ऐसे करें सुरक्षित
साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि हमें वाट्सऐप अकाउंट को भी सुरक्षित रखना आवश्यक है, इसके लिए अकाउंट की टू स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखना चाहिए। यदि अनजाने में एपीके फाइल आपके फोन में इंस्टॉल हो जाती है तो तुरंत अपने फोन का इंटरनेट कनेक्शन ऑफ कर देना चाहिए। इसके बाद बैंक में पहुंचकर बैंक खाते को फ्रिज करवाएं। यहीं नहीं एपीके फाइल को अनस्टाल कर दें नहीं तो ठगी का शिकार हो सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से ऐसी ठगी के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों की कमाई को साइबर ठग खातों से साफ कर रहे हैं। ऐसे में साइबर थाने में भी इसकी शिकायत जरूर करें।
मैसेज में ऑफर का जाल
आपके WhatsApp पर कई मैसेज आते होंगे, जो आपको लुभाते होंगे। इसमें कई Offers वाले मैसेज भी आते होंगे। कई बार ऐसे भी मैसेज आते होंगे, जिनमें आपको तरह-तरह के investment plans के बारे में बताया जाता हो और आपको लुभाने की कोशिशें की जा रही हो। ऐसे मैसेज को लेकर आप सावधान हो जाएं। क्योंकि अगर आपने इस तरह के मैसेज पर भरोसा किया तो हो सकता है कि आप अपनी जीवन भर की गाढ़े खून पसीने की कमाई से एक झटके में हाथ धो बैठें।
तेलंगाना में बुजुर्ग से सबसे बड़ी ठगी
ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि ये सच है और ऐसा हुआ भी है। वाकया तेलंगाना का है और ठगी का शिकार हुए हैं 75 साल के बुजुर्ग। तेलंगाना के साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो (TGCSB) ने अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ़्रॉड पकड़ा गया है। इस सिलसिले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने कुल 13 करोड़ रुपए की ठगी की थी, लेकिन इनके पास से अभी तक सिर्फ 20 लाख रुपए ही बरामद हुए हैं। ऐसे में सवाल ये है कि बाकी के रुपए कहां गए? क्यों पुलिस उन्हें रिकवर नहीं कर पा रही है?
क्यों ठगी का शिकार हुए बुजुर्ग
पहले आपको पूरा मामला बताते हैं। पीड़ित बुजुर्ग हैं और वो पब्लिक सेक्टर यूनिट में सीनियर मैनेजर थे। दरअसल, उनके मोबाइल पर एक WhatsApp मैसेज आया। इसमें निवेश का एक ऑफर था। ये निवेश स्टॉक ट्रेडिंग के जरिये करने का वादा किया गया था। मैसेज में दावा किया गया था, कहा गया था कि इससे बड़ा मुनाफा होगा। बुजुर्ग इनकी बातों में आ गए। उन्होंने स्टॉक ट्रेडिंग में 10 दिनों के अंदर-अदंर करीब चार करोड़ रुपए निवेश कर दिए। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई चार करोड़ रुपए कैसे 10 दिनों के अंदर निवेश कर सकता है? इसी बात की जांच साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो कर रहा है। बहरहाल, अब पीड़ित को लगने लगा कि 4 करोड़ रुपए के बदले उन्हें 5 या 6 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसी दौरान ठगों ने उन्हें फंसता देख और लालच दिया। ठगों ने कहा कि उन्हें फायदा तभी होगा, जब वो GST, SGST, कनवर्जन रेट और फ़ॉरन करेंसी टैक्स भी भरेंगे। ऐसे में बुजुर्ग को लगा कि थोड़ा पैसा और देकर वो भारी मुनाफे का फाएदा उठाएंगे। ये सोच कर बुजुर्ग ने Mutual Funds और अपने Bank Accounts से अपनी सारी बचत निकाल ली।
देर से शिकायत की तो हो गया नुकसान
बुजुर्ग ने अपने निवेश को वापस निकालने और फायदे की उम्मीद में 15 दिनों के अंदर करीब 9 करोड़ रुपए लगा दिए। अब वो बेफिक्र हो गए कि उन्हें भारी मुनाफा होगा, लेकिन हुआ बिल्कुल उलटा। उनकी पूरी की पूरी रकम डूब गई। जिनके पास उन्होंने निवेश किया था, उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया। बुजुर्ग के हाथ-पैर फूल गए। उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ ठगी हुई है। करीब डेढ़ महीने के बाद उन्होंने तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो को इस बारे में शिकायत दी, लेकिन इतनी देर से रिपोर्ट करने की वजह से रिकवरी की उम्मीद बहुत कम हो चुकी थी। ब्यूरो ने जांच शुरू की। उनके बैंक से निकले कुल 13 करोड़ रुपये में से पुलिस सिर्फ़ 20 लाख रुपये ही बचा पाई।