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– श्यामदत्त चतुर्वेदी:
फेंगल चक्रवात ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में दस्तक देकर बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इस चक्रवात के कारण कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। विल्लुपुरम और पुडुचेरी जैसे इलाकों में पिछले तीन दशकों की सबसे भयानक बारिश दर्ज की गई। सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत और पुनर्स्थापना के प्रयास तेज कर दिए हैं। 27,000 से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया, जलभराव की समस्या को कम किया गया, और 49 राहत शिविर विल्लुपुरम जिले में स्थापित किए गए। इस तबाही ने न केवल तमिलनाडु और पुडुचेरी बल्कि मध्य और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी असर डाला, जहां ठंडी हवाओं और बारिश का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लिया और लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार हर संभव मदद कर रही है। फेंगल चक्रवात ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार हैं?
तमिलनाडु और पड़ोसी राज्यों में तबाही
फेंगल चक्रवात ने 30 नवंबर, 2024 को पांडिचेरी और तमिलनाडु के तटों पर दस्तक दी, जिससे कई जिलों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। तमिलनाडु और पुडुचेरी में यह चक्रवात वर्षों में सबसे विनाशकारी साबित हुआ। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने रविवार को आपातकालीन केंद्र का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे एक टीम भेजकर चक्रवात से हुए फसल और संपत्ति के नुकसान का आकलन करें।
- 27,000 लोगों को अम्मा कैंटीन के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया गया
- 23 में से 21 सबवे जलभराव से खाली कर दिए गए
- 49 राहत शिविर केवल विल्लुपुरम जिले में स्थापित किए गए
विल्लुपुरम सबसे अधिक प्रभावित
विल्लुपुरम में औसतन 49.29 सेमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें मैलाम क्षेत्र में 50 सेमी तक बारिश हुई। इस भारी बारिश ने सामान्य जनजीवन को बाधित कर दिया। वहीं पुडुचेरी में पिछले 30 वर्षों में सबसे अधिक 24 घंटे की बारिश दर्ज की गई। जलभराव और बाढ़ के कारण सेना को बचाव अभियान में शामिल होना पड़ा है। उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने विल्लुपुरम जिले का दौरा किया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित की।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि सरकार की सक्रियता से कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या कम हुई। उन्होंने कहा कि जहां-जहां भारी बारिश हुई है, वहां हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने विपक्ष की आलोचना को नजरअंदाज करते हुए कहा कि सरकार सभी नागरिकों की सेवा में तत्पर है।
जलभराव और यातायात बाधा
चक्रवात के कारण दक्षिण रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया। चेन्नई हवाई अड्डे पर शनिवार को परिचालन निलंबित कर दिया गया था, जो रविवार आधी रात के बाद बहाल हुआ। हालांकि, उड़ानों में प्रारंभिक देरी और रद्दीकरण की खबरें भी आईं। वहीं वंदे भारत समेत कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
- कांचीपुरम: निरंतर बारिश से बांध ओवरफ्लो हो गए
- चिदंबरम और कुड्डालोर: आपदा प्रबंधन दल नावों के माध्यम से लोगों को बचाने में जुटे हैं
मध्य भारत तक असर
चक्रवात के पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण रायलसीमा और तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई। वहीं मध्य प्रदेश में हवाओं के रुख में बदलाव और ठंडी बर्फीली हवाओं के कारण तापमान में गिरावट आई। इसके अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ठंड और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं झारखंड के कई जिलों में बारिश देखने को मिली है।
मौसमी पूर्वानुमान और चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात अब गहरे दबाव में बदल गया है, लेकिन क्षेत्र में भारी बारिश और तेज़ हवाओं का खतरा बना हुआ है। विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए चेन्नई सहित कई तटीय जिलों में ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। देश के कई इलाकों में अगले 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
फेंगल चक्रवात ने तमिलनाडु, पुडुचेरी और पड़ोसी राज्यों में अभूतपूर्व क्षति पहुंचाई है। सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग राहत और पुनर्स्थापना कार्यों में जुटे हुए हैं। हालांकि, इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान और बेहतर पूर्वानुमान प्रणाली की आवश्यकता है।