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– श्यामदत्त चतुर्वेदी:
संभल में सुलगी हिंसा की आग भले ही शांत हो गई है, लेकिन देश में इसके नाम पर सियासी आग अब भी सुलग रही है। वहीं अभी भी कुछ लोग संभल के बाहर और शहर के भीतर भड़कीली बातें कर रहे हैं। जामा मस्जिद को लेकर कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई तो इसपर चर्चा होने लगी। इस बीच पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो हिंसा का पाकिस्तान और आतंकी कनेक्शन भी सामने आने लगा। जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल के पास जमीन में दबे कुछ कारतूस मिले हैं। हैरानी की बात ये है कि इनमें POF यानी पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और FN Star लिखा हुआ है। इसी के साथ हिंसा को पाकिस्तान और आतंकवाद से जोड़ा जाने लगा है। हालांकि, अगर ऐसा होता है तो ये कोई पहली बार नहीं है। इतिहास में पहले भी संभल पर आतंकवाद कनेक्शन के दाग लगते रहे हैं।
बता दें कोर्ट के आदेश के बाद 24 नवंबर को ASI की टीम जामा मस्जिद के सर्वे के लिए पहुंची थी। इस दौरान बवालियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। उनके ऊपर अवैध हथियारों से फायरिंग भी की गई। कुछ दिन मामले को कंट्रोल करने में लगे। इसके बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो उसे मिले कई सबूत में जो मामले में साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं।
पुलिस ने बरामद किए कारतूस
आरोपियों ने हथियारों में पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूसों का इस्तेमाल किया था। इस बात की पुष्टि का दावा मंगलवार को पुलिस को मिले पांच खोखे और कुछ कारतूसों से आधार पर की जा रही है। इसके बाद से खुफिया विभाग और पुलिस की टीमों ने बड़ा सर्च ऑपरेशन चालू किया है। हिंसा वाले इलाके को सील कर SIT की टीम मेटल डिटेक्टर से जांच कर रही हैं। आइये जानें पहले कब-कब संभल की नाम आतंक से जुड़ा है।
महीने भर पहले पड़े थे छापे
22 सितंबर की रात को NIA की टीम संभल पहुंची थी। अधिकारियों ने शहर के कई इलाकों में देर रात तक छापा मारा था। उनके साथ पहले से हिरासत में लिए गए 2 संदिग्ध आतंकी था। NIA को उनके संभल कनेक्शन की जानकारी मिली थी। शहर में हुई छापेमारे में 2 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इससे पहले भी कई बार शहर का नाम आतंक से जुड़ता रहा है और सभी मामलों का आपस में कोई न कोई कनेक्शन भी निकलता रहा है।
NIA ने परिषदीय स्कूल के शिक्षक और टेलर से पूछताछ की थी। एजेंसी का फोकस उस परिवार पर था जिसे शिक्षक ने मकान में किराए पर रखा था। जानकारी के अनुसार, परिवार को टेलर के कहने पर किराए पर मकान दिया गया था। हालांकि, UP ATS ने जब टेलर के बेटे की गिरफ्तारी की उसके बाद से वो परिवार अचानक गायब हो गया था। इसी कारण NIA की आशंका गहराई थी।
संभल से अमेरिका का घोषित आतंकी
संभल के नाम आतंक की दुनिया के कुछ बड़े कनेक्शन भी है। करीब ढाई दशक पहले यहां से कई युवा भटके थे और आतंक का रुख किया था। शहर के दीपा सराय निवासी मौलाना आसिम उमर उर्फ शन्नू तो अलकायदा का दक्षिण एशिया चीफ तक बनाया गया था। वो अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी था। हालांकि साल 2019 में अफगानिस्तान में मिसाइल हमले में मारा गया। उसके साथ गायब 3 लोग अभी भी लापता हैं।
दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
साल 2015 में दिल्ली पुलिस ने संभल के रहने वाले जफर मसूद को आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद साल 2023 में जिले के 4 युवकों को गिरफ्तार किया गया था। शहर से करीब 20 साल पहले शरजील और सईद अख्तर नाम के दो युवक लापता हो गए थे। साल 2005 में खुफिया एजेंसी को उनके आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी मिली थी। हालांकि, वो हैं कहां अभी तक इसका पता नहीं चला है।
कुछ और पुराना इतिहास
संभल के मोहम्मद आसिफ और जफर मसूद पहले भी आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए थे। उनको कोर्ट ने सात-सात साल भी सुनाई है। यह दोनों अलकायदा की भारतीय शाखा अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के लिए काम करते थे। इसके अलावा आतंकी गतिविधियों में शामिल दो अन्य युवा शरजील और सईद साल 1998 से गायब हैं। इसी साल कई युवा गायब हुए जिनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी।