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– श्यामदत्त चतुर्वेदी:
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक कदाचार का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इसके बाद वह गुरुद्वारे में सेवा कर ही रहे थे कि उन पर फायरिंग हो गई। हालांकि इसमें वह बाल-बाल बच गए। गोली मंदिर के दीवार पर जा लगी। इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को पकड़ लिया। सुखबीर बादल को तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया गया और गोल्डन टेंपल के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई। अब सवाल उठता है उन पर हमला करने वाला कौन है और उसने ये हमला क्यों किया ? आइये इन तमाम सवालों के साथ हम सुखबीर बादल के बारे में कुछ अनसुनी बातें भी जानते हैं।
सुखबीर बादल को 2015 की अकाली सरकार के मंत्रियों को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को विवादास्पद माफी दिलाने, 2007 से 2017 के बीच अकाली सरकार के विवादास्पद फैसलों, पुलिस फायरिंग की घटनाओं को लेकर अकाल तख्त ने सजा सुनाई है।
कब और कैसे हुआ हमला?
अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में बुधवार को पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल सेवा करने के लिए लिए पहुंचे थे। गोल्डन टेंपल के गेट पर वह सेवादार बनकर बैठे थे। इतने में ही हमलावर उनकी ओर बढ़ा। उसे देख सिविल वर्दी में तैनात सुखबीर बादल के सुरक्षाकर्मियों ने उसे दबोच लिया। हालांकि उसने फायरिंग कर ही दी। गोली टेंपल के दीवार पर जा लगी।
कौन थे हमलावर?
पुलिस ने हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में की है। वह पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है। दावा किया जा रहा है कि चौरा खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा हुआ था। हमले की असली वजह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है। माना जा रहा है कि यह हमला खालिस्तानी आंदोलन या पाकिस्तान से जुड़ा हो सकता है। इसके अलावा हमले के पीछे सियासी कारण भी हो सकते हैं। खैर ये सब तो जांच के बाद ही सामने आएगा।
सुखबीर सिंह बादल की प्रोफाइल
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पंजाब के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं में से एक हैं। 9 जुलाई 1962 को पंजाब के फरीदकोट में प्रकाश सिंह बादल के घर जन्मे सुखबीर सिंह बादल की प्रारंभिक शिक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर में हुई। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में एमए ऑनर्स किया और बाद में कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, लॉस एंजेलिस से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। 21 नवंबर 1991 को उनका विवाह हरसिमरत कौर से हुआ था।
शादी के बाद ही सुखबीर चुनावी राजनीति में आते हैं और साल 1996 में पहली बार सांसद बनते हैं। इसके बाद से वह कुल 4 बार सांसद बन चुके हैं। साल 2009 में उन्हें पंजाब का उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया था। इससे पहले उन्होंने साल 2008 में शिरोमणि अकाली दल की लगाम अपने हाथों में ले ली थी। सियासी करियर में उनपर कई आरोप लगे हैं और कई बार विवादों में आए।
सुखबीर बादल और उनका व्यावसायिक साम्राज्य
- सुखबीर सिंह बादल और उनके परिवार के पास कई कंपनियों में हिस्सेदारी है। इसमें मीडिया कंपनियों से लेकर ट्रेवल कंपनियां भी शामिल हैं
- बादल परविर के पास पंजाबी भाषा के प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क PTC में बहुत बड़ी हिस्सेदारी है
- ऑर्बिट एविएशन, डबवाली ट्रांसपोर्ट, इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी, मेट्रो ईको ग्रीन रिजॉर्ट्स, सांझ फाउंडेशन, फाल्कन प्रॉपर्टीज, पंजाब एनीमल ब्रीडर्स, गुर्बाज मीडिया, जी-नेक्स्ट मीडिया, राजधानी एक्सप्रेस, आजाद होशियारपुर, ताज ट्रेवल्स और ऑर्बिट रिसोर्ट में बादल परिवार हिस्सेदार है।
पारिवारिक और करीबियों का व्यवसाय
- बिक्रम सिंह मजीठिया (जीजा): सराया इंडस्ट्रीज के मालिक, कंपनी शराब और ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है
- आदर्श प्रताप सिंह कैरोन (जीजा): शिवालिक टेलीकॉम में बहुमत हिस्सेदारी
- दीप मल्होत्रा: ओएसिस ग्रुप के प्रमुख और पूर्व अकाली दल विधायक
- शिवलाल डोडा: गगन वाइन्स के संस्थापक और अबोहर क्षेत्र के नेता
- कुलदीप सिंह मक्कड़: पत्थर क्रशिंग उद्योग में प्रमुख नाम
व्यापारिक आरोप और विवाद
बादल परिवार का नाम फास्टवे ट्रांसमिशन प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़ा है। बादल परिवार पर अमेरिका में फार्मलैंड्स, पार्किंग लॉट्स और नाइट क्लबों में हिस्सेदारी का आरोप भी है। हालांकि इन दावों की पुष्टि नहीं हुई है। उनके परिवार के पास भारत में परिवहन कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है। इस कारण उनके ऊपर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने अपनी सरकार में इन कंपनियों को लाभ पहुंचाया है।