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– साहिल सिंह:
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लाओस के वियनतियाने में चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून से द्विपक्षीय वार्ता की। रक्षा मंत्री की लाओस की यात्रा तीन दिनों की है। जिसका मुख्य उद्देश्य आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होना है। इस बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून से राजनाथ सिंह की मुलाकात हुई।
एडीएमएम प्लस यानी आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस। 11वीं ADMM Plus की मेजबानी लाओस कर रहा है। 10 देशों का ASEAN समूह और उसके आठ बड़े साझेदार भारत, चीन, अमेरिका,रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया मीटिंग में शामिल होने के लिए लाओस पहुंचे है। इस बैठक में रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
रक्षा मंत्रियों के मुलाकात के मायने
इस वक्त चीन और भारत के रक्षा मंत्रियों की भेंट के अहम मायने हैं। लाओस में बुधवार को चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। इसके बाद से यह खबर सभी टीवी चैनल और अखबारों की सुर्खियां बनी हुई है। इस बैठक को इसलिए अहम बताया जा रहा है क्योंकि हाल ही में हुए भारत चीन LAC विवाद के समझौते के बाद ये बैठक हुई है। । पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चल रहे तनाव को कम करते हुए डेमचोक और देपसांग के टकराव बिंदुओं से सैनिकों को पीछे हटाने का समझौता किया गया है।

रक्षा मंत्री ने क्या कहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात भी दोहराई है कि भारत और चीन के रिश्ते वैश्विक शांति व संपन्नता के लिए जरूरी हैं। यह बात विदेश मंत्री जयशंकर ने भी चीन के विदेश मंत्री के साथ बैठक में कही थी। रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी में कहा कि दोनों देश पड़ोसी हैं और पड़ोसी रहेंगे। हमें संघर्ष के बजाय सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को 2020 की दुर्भाग्यपूर्ण सीमा झड़प से सीखे गए सबक पर विचार करना चाहिए। उन्होंने ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय पर काम करने और भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने तनाव कम करने के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच अधिक विश्वास और विश्वास निर्माण पर जोर दिया। दोनों पक्ष आपसी विश्वास और समझ के पुनर्निर्माण के लिए एक रोडमैप की दिशा में मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रियों की मुलाकात
इससे पहले ब्राजील में जी-20 सम्मेलन के इतर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात में तय हुआ कि दोनों देशों की ओर से सीधी उड़ान और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी सहमति बनाने के लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही मतभेदों को दूर करने और आगे के लिए सकारात्मक कदम उठाने पर ध्यान देंगे।