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इमरान के मैसेज से लगी थी इस्लामाबाद में आग, पाकिस्तान में अमेरिका ने करवाई डील, क्या पाकिस्तान में होगा तख्ता पलट?

Imran Khan controversy - Dayitva Media
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– गोपाल शुक्ल:

पाकिस्तान में जैसे ही बवाल पर ब्रेक लगा और इमरान खान के समर्थकों का उपद्रव थमा, चारों तरफ अमेरिका का नाम फिजा में तैरने लगा है। यहां तक कहा जाने लगा है कि अमेरिका के डील कराते ही अपने दौर के क्रिकेट के ऑलराउंडर इमरान खान ने बवाल की पारी समाप्ति की घोषणा कर दी और अपने समर्थकों से वापस लौटने को कह दिया।

आखिरी गेंद तक लड़ने के इमरान खान के उस मैसेज ने पाकिस्तान की तस्वीर ही बदल दी थी। इमरान इमरान खान ने अपने समर्थकों को जेल से एक संदेश भेजा था। उस संदेश का इतना असर हुआ कि इमरान के समर्थक अपना सब कुछ छोड़कर इमरान को जेल से छुड़ाने के लिए सब कुछ जलाकर राख करने के इरादे से सड़कों पर उतर गए। आखिरी गेंद तक लड़ने और पीछे न हटने का इमरान का वो संदेश पूरे पाकिस्तान में जंगल की आग की तरह फैला और देखते ही देखते पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए।

इमरान ने कहा, “मैं पाकिस्तान के लोगों और PTI कार्यकर्ताओं को सेल्यूट करता हूं। इमरान खान का ये मैसेज जैसे ही उनके कार्यकर्ताओं तक पहुँचने की देर थी, दुनिया भर के टीवी के पर्दों पर पाकिस्तान में लगी आग और बवाल के गुबार की तस्वीरें नज़र आने लगी।

पाकिस्तान में होगा तख्ता पलट?

तो क्या पाकिस्तान तख्तापलट की आहट सुनाई देने लगी है? क्या पाकिस्तान गृह युद्ध के मुहाने पर खड़ा है? क्या हिन्दुस्तान के एक और पड़ोसी के घर पर पब्लिक का तांडव वाली तस्वीरें टीवी पर दिखाई पड़ने वाली हैं? ये सारे सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान में खूनखराबे के एक नए सिलसिले के बाद राजधानी इस्लामाबाद में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं।

एक जमाने में दुनिया के शानदार क्रिकेट कप्तान के तौर पर मशहूर ऑलराउंडर इमरान खान ने दो रोज पहले ही एक ऐलान किया था। मौजूदा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे अपने समर्थकों को इमरान का जो मैसेज था उसने पाकिस्तान को एक नए हालात में पहुँचा दिया। लेकिन कहते हैं कि वक्त को बदलते देर नहीं लगती। बुधवार की सुबह अचानक इस बवाल में ब्रेक लग गया। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने अपना विरोध-प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। पाकिस्तान में ईंट से ईंट बजाने की कसम खाकर सड़कों पर उतर आए इमरान खान के समर्थक अचानक आंदोलन की मशाल को छोड़कर अपने अपने घरों की तरफ वापस लौट गए। क्योंकि पार्टी की तरफ से ऐलान किया गया कि तहरीक-ए-इंसाफ ने अपना आंदोलन वापस ले लिया। इमरान खान को जेल से छुड़ाने की जिद लेकर सड़कों पर उतरे इमरान के समर्थक इस्लामाबाद में डी-चौक तक मार्च करना चाहते थे।

इमरान का एक मैसेज और थम गया बवाल

24 नवंबर से ये संघर्ष चल रहा था और हर गुजरते घंटे के साथ ही ये हिंसक होता जा रहा था। लेकिन तभी इमरान खान का एक और मैसेज आया। ऐलान किया गया कि आगे की कार्रवाई इमरान खान के मार्गदर्शन पर तय की जाएगी। PTI के मीडिया सेल की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में ये बात कही गई। रेड जोन तक जा पहुँचे समर्थकों को इमरान खान ने मैसेज भेजा, “सरकार की क्रूरता और निहत्थे नागरिकों के लिए संघीय राजधानी को हत्या के स्थल में बदलने की योजनाओं के मद्देनजर, हम अपने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन को अस्थायी रूप से स्थगित कर रहे हैं।”

इमरान के इस आंदोलन वापस लेने के बाद छाई खामोशी में जिस बात की सरगोशी सुनाई पड़ी उसमें लोगों ने अमेरिका का नाम लिया है। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार के साथ अमेरिका ने कोई डील की है। इसके बाद ही इमरान खान को ये बवाल रुकवाने के लिए मनाया जा सका।

इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और समर्थक 3 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पहली मांग है कि इमरान खान और PTI कार्यकर्ताओं की जल्द रिहाई की जाए। इसके अलावा 2024 में हुए चुनाव के नतीजों को मानना और पाकिस्तानी संसद में पास अदालतों की ताकत कम करने वाले 26वें संविधान संशोधन एक्ट को वापस लेना भी उनकी मांग में शामिल है।

अमेरिका ने करवाई कोई गुप्त डील?

मंगलवार को पाकिस्तान में मचे बवाल के पीछे यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मंगलवार को कहा कि PTI कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है। प्रवक्ता से पाकिस्तान में हो रहे प्रदर्शन को लेकर सवाल पूछा गया था। इस पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ही नहीं, हम दुनिया के हर देश में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का समर्थन करते हैं। इसी के बाद पाकिस्तान के हालात पर अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान की सरकार के नुमाइंदों के साथ बातचीत की और बुधवार की सुबह तक हालात ने एकदम से करवट ले लिए और तस्वीर पूरी तरह से बदल गई।

इस्लामाबाद में क्यों मचा बवाल, कैसे फैली हिंसा ?

पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई को लेकर रविवार को शुरू हुआ प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इमरान के समर्थकों ने श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों पर गाड़ियां चढ़ा दीं, जिसमें कुचलकर तीन सैनिक मारे गए। हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं। ज्यादातर की हालत गंभीर बताई जा रही है। पाकिस्तान में रक्तपात का नया दौर शुरू हो गया।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि कार्रवाई में लगभग 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया तथा और भी गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है। जबकि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने कहा कि यह सुरक्षा बलों का प्रदर्शनकारियों पर एक हिंसक हमला था, जिसमें अधिक से अधिक लोगों को मारने के इरादे से गोलियां चलाई गईं थी।

द डॉन के मुताबिक इमरान खान के सैकड़ों समर्थक इस्लामाबाद के डी चौक पर पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। इसके जवाब में प्रदर्शनकारी पुलिस और सेना पर पत्थर फेंके। डी चौक इस्लामाबाद का सबसे हाई प्रोफाइल इलाका है। राष्ट्रपति भवन, PM ऑफिस, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट इसी इलाके में हैं।

सेना ने शिपिंग कंटेनर रखकर राजधानी पहुंचने वाले हाईवे को ब्लॉक कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने लिफ्टिंग मशीन और कई भारी मशीनों की मदद से बैरिकेड्स तोड़ दिए। कुछ प्रदर्शनकारी कंटेनरों पर चढ़ गए। घंटों के टकराव के बाद सेना ने प्रदर्शनकारियों से डी चौक खाली करवा लिया।

शौहर की रिहाई के लिए अड़ीं बुशरा बीबी

इस बीच, प्रदर्शन की अगुआई कर रही इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने कहा है कि जब तक उन्हें खान नहीं मिल जाते, प्रदर्शन जारी रहेगा। इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश हिंसा से निपटने के लिए राजधानी इस्लामाबाद में धारा 245 लागू कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। पाकिस्तानी सेना को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी इलाके में कर्फ्यू लगाने का अधिकार दिया गया है।

इमरान खान पिछले साल अगस्त महीने से जेल में हैं। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी मार्च का नेतृत्व कर रही थीं। उनके साथ खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर भी थे। बुशरा बीवी ने घोषणा की कि प्रदर्शनकारी तब तक नहीं हटेंगे जब तक कि विरोध का अंतिम आह्वान करने वाले इमरान खान को जेल से रिहा नहीं कर दिया जाता। गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि उन्होंने इस्लामाबाद आईजी से किसी भी तरह से स्थिति को कंट्रोल करने का आदेश दे दिया है। नकवी ने कहा कि वे पीटीआई का सारे लीडर्स खूनखराबा नहीं चाहते। लेकिन एक गुट है जो इन सब को कंट्रोल कर रहा है। नकवी ने कहा कि ये लोग ही विवाद की जड़ हैं। ये सभी खैबर पख्तूनख्वा से आए हैं। इनमें से एक भी शख्स पाकिस्तान का नहीं है।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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