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रूस के सीक्रेट प्लान का खुलासा, यूक्रेन के खिलाफ नई हाइपरसोनिक मिसाइल की टेस्टिंग, पुतिन की चेतावनी

Dayitva Media Putin missile
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– गोपाल शुक्ल:

पिछले तीन साल से जारी रूस और यूक्रेन की जंग अब बेहद खतरनाक मोड़ पर जा पहुँची है। यूक्रेन के शहर पर रूस ने जिस तरह मिसाइल का ताजा हमला किया उसने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी। गुरुवार की सुबह यूक्रेन के निपरो शहर पर मिसाइल से घातक हमला किया गया। इस हमले को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल यानी ICBM से हमला किया है।

अचानक किया पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित

मिसाइल हमले के कुछ ही घंटे बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के नाम संबोधन दिया। रॉयटर्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि पश्चिमी हमले के जवाब में रूस ने अपनी ‘नई’ इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल की टेस्टिंग भर की है। पुतिन ने मिसाइल का नाम ‘ओरेश्निक’ (Oreshnik) बताया।

ओरेश्निक मिसाइल से किया हमला

ओरेश्निक (Oreshnik) नाम की इस मिसाइल की स्पीड 2.5 से 3 किमी प्रति सेकेंड है। यूक्रेन पर किए गए अपने इस ताजा हमले के जरिए राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन को हथियार देने वाले पश्चिमी देशों को एक तरह से चेतावनी दी है। पुतिन का कहना है कि उन्हें अपने बचाव में हमला करने का अधिकार है। जो उनके खिलाफ हमला कर रहे हैं उन पर रूस भी हमला कर सकता है।

ओरेश्निक की तस्वीर कहीं नहीं मौजूद

रूसी राष्ट्रपति पुतिन जिस ओरेश्निक मिसाइल की बात कर रहे हैं, उसकी आधिकारिक तस्वीर कहीं मौजूद नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि देखने में ये मिसाइल सोवियत संघ के समय की RSD-10 पायोनियर मिसाइल जैसी दिखती है। ऊपरी हिस्सा MIRV है, यानी ये मिसाइल एकसाथ कई टारगेट पर हमला करने की क्षमता रखती है।

ओरेश्निक में लगाए जा सकते हैं न्यूक्लियर हथियार

नई मिसाइल एक हाइपरसोनिक इंटरमीडियट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ‘ओरेश्निक’ (9M729- Oreshnik Hypersonic IRBM) है। इसकी गति 12,300 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसमें पारंपरिक और न्यूक्लियर दोनों हथियार लगाए जा सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत तो यही है कि रफ्तार की वजह से इसे आसानी से इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता।

MIRV तकनीक मिसाइल का हमला

मिसाइल हमले को जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उसे देख कर लगता है कि मिसाइल में MIRV तकनीक है। यानी एक साथ कई टारगेट को हिट करने की क्षमता। मीडिया संस्थान स्पुतनिक के मुताबिक इसमें 150 किलोटन वाले तीन से छह वॉरहेड लगाए जा सकते हैं। रूस ने ये जवाबी हमला तब किया जब यूक्रेन लगातार अमेरिकी ATACMS और ब्रिटेन-फ्रांस से मिले स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया। MIRV तकनीक यानी किसी भी मिसाइल के ऊपरी हिस्से में कितने हथियार लगाए जाते हैं। इनकी संख्या 10 या 16 तक हो सकती है।

चंद मिनट में मिसाइल पहुँच जाएगी यूरोप

इस मिसाइल की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अगर यह मिसाइल रूस से दागी जाती है तो इंग्लैंड पहुंचने में इसे 19 मिनट, बेल्जियम पहुंचने में 14 मिनट, जर्मनी पहुंचने में 11 मिनट और पोलैंड पहुंचने में महज 8 मिनट लगेंगे। खुलासा यही है कि रूस ने इस मिसाइल की तकनीक को सोवियत संघ के वक्त के पायोनियर (RSD-10) मिसाइल सिस्टम जैसा बनाया है। उस मिसाइल तकनीक को अमेरिका और सोवियत संघ में 1987 की INF ट्रीटी के बाद खत्म कर दिया गया था। समझौता यही हुआ था कि दोनों देश जमीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों को खत्म करेंगे। खासतौर से 500 से 5500 किलोमीटर रेंज वाली। 1991 तक रूस ने 2692 मिसाइलों को खत्म कर दिया था। जिसमें पायोनियर मिसाइल भी शामिल थी। लेकन उसकी तकनीक तो रूस के पास मौजूद थी।

दो खतरनाक तकनीक से मिलकर बनी ओर्शिनिक

Oreshnik मिसाइल को बनाने के लिए दो खतरनाक रूसी मिसाइलों की तकनीक को मिलाया गया है. पहली है ICBM RS-26 Rubezh और दूसरी है सबमरीन से लॉन्च होने वाली S-30 Bulava मिसाइल। इस मिसाइल का वजन 36 हजार kg है। इसमें एक साथ 150/300 किलोटन के 4 हथियार लगा सकते हैं। यानी मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है। यानी एक साथ चार टारगेट्स पर हमला कर सकती है। यह मिसाइल Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल को ले जाने में भी सक्षम है। इसकी रेंज 6000 km है. यह मिसाइल 24,500 km/hr की गति से टारगेट की तरफ बढ़ती है।

ICBM परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) करीब 5 हजार किमी दूर टारगेट को भेदने में सक्षम है। इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल या ICBM सतह-से सतह पर मार करने वाला हथियार है। इसकी खासियत यही है कि ये लंबी दूरी तक मार कर सकती है। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक इससे हमला किया जा सकता है। इसीलिए इनका नाम इंटर कांटिनेंटल मिसाइल रखा गया है। इंटर कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।

RS-26 Rubezh ICBM की ताकत

ICBM को मोबाइल लॉन्च व्हीकल से दागा जाता है। ठोस ईंधन वाली ICBM को अधिक खतरनाक माना जाता है, जबकि तरल ईंधन वाली ICBM मिसाइल को कम समय में दागा जा सकता है। रूस ने यूक्रेन के नीपर शहर पर जिस ICBM को दागा, वह RS-26 रुबेज (RS-26 Rubezh) है। ठोस ईंधन वाली RS-26 की मारक क्षमता 5800 किलोमीटर तक है। हालांकि, कुछ ICBM की मारक क्षमता 9000 किलोमीटर से भी अधिक होती है। RS-26 का पहली बार 2012 में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। अनुमान है कि यह 12 मीटर यानी 40 फीट लंबी और 36 टन वजनी है। ये मिसाइल 800 किलोग्राम का परमाणु हथियार ले जा सकती है।

यूक्रेन पर ATACMS मिसाइलें दागी

रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन ने पहली बार अमेरिका से मिली लंबी दूरी की मिसाइलें उनके इलाके में दागी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन ने मंगलवार सुबह ब्रियांस्क इलाके में लंबी दूरी वाली 6 आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) मिसाइलें दागीं।

रूस देगा हमले की चेतावनी

पुतिन ने कहा कि रूस, अगर हाइपरसोनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो वह हमले से पहले वहां के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए चेतावनी जारी करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम रूसी मिसाइलों को रोकने में कभी कामयाब नहीं होंगे।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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