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अनमोल बिश्नोई को भारत ला पाएंगी हमारी एजेंसियां? अमेरिकी विदेश विभाग के ‘नो कमेंट्स’ में छिपा है पूरा सच

Will our agencies be able to bring Anmol Bishnoi to India
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– गोपाल शुक्ल:

जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई का अमेरिका में पकड़े जाना हिन्दुस्तान के लिए एक बड़ी खबर बन गई है। टीवी के पर्दे पर अनमोल बिश्नोई की तस्वीरें और लॉरेंस बिश्नोई के गैंग की खबरें छाई हुई हैं। बताया तो यही जा रहा है कि अमेरिका की कैलिफ़ोर्निया पुलिस ने अनमोल को पकड़ लिया है। अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी को लेकर बने सस्पेंस के बीच अमेरिकी और भारतीय अधिकारी अनमोल के प्रत्यर्पण को लेकर भी बात कर रहे हैं। क्योंकि सारा पेच यहीं है।

विदेश विभाग के नो कमेंट में छिपी पूरी कहानी

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने इस संभावित प्रत्यर्पण के बारे में कोई भी कॉमेंट करने से इनकार कर दिया है। उनका यही कहना है कि मामला होमलैंड सुरक्षा विभाग और FBI के अधिकार क्षेत्र में आता है। न्यूज़ एजेंसी ANI की ख़बर के मुताबिक़, अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘अगर प्रत्यर्पण से जुड़ी ख़बरों पर होमलैंड सुरक्षा विभाग और FBI कॉमेंट करे, तो ज्यादा बेहतर होगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि वो कॉमेंट करने से इनकार कर सकते हैं, लेकिन हम तो ऐसी किसी चीज़ पर कॉमेंट नहीं कर सकते जो हमारे अधिकार क्षेत्र में आती ही नहीं।’

अनमोल का ट्रैवल डॉक्यूमेंट जाली मिला

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी FBI के नई दिल्ली में मौजूद अधिकारियों ने भारतीय सुरक्षा अधिकारियों से मुलाक़ात की। इस दौरान अनमोल के निर्वासन और प्रत्यर्पण की संभावना पर चर्चा की। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिकी इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने अनमोल का एक ट्रैवल डॉक्यूमेंट जाली पाया।

पहले कनाडा को सौंपा जा सकता है अनमोल

उधर मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी अनमोल बिश्नोई से पूछताछ करेंगे। इसके बाद उसे हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप के सिलसिले में पहले कनाडाई अधिकारियों को सौंपा जा सकता है। फिर भारतीय अधिकारियों को उसकी हिरासत मिल सकती है। यानी अनमोल बिश्नोई बेशक अमेरिका में पकड़ा गया, लेकिन अब भी वो भारतीय सुरक्षा अधिकारियों के लिए दूर की ही कौड़ी बनी हुई है।

अनमोल पर है NIA की खास नज़र

इसी बीच NIA के एक अधिकारी ने कहा, हमें जानकारी मिली है कि अनमोल बिश्नोई को अमेरिका में हिरासत में लिया गया है। हम आधिकारिक चैनलों के ज़रिए ज़्यादा जानकारी का इंतज़ार कर रहे हैं। बताते चलें कि अनमोल भारत में कई आपराधिक मामलों में वॉन्टेड है।

  • 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या,
  • हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या
  • अप्रैल 2024 में एक्टर सलमान खान के बांद्रा वाले घर गैलेक्सी अपार्टमेंट बाहर गोली चलवाने की वारदात
    इन तीन बड़ी घटनाओं में अनमोल बिश्नोई के शामिल होने के आरोप हैं।

बिश्नोई गैंग का सबसे खास है अनमोल

पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक जो तफ्तीश अब तक सामने आई है उसका खुलासा यही है कि अपने भाई लॉरेंस बिश्नोई की गिरफ़्तारी के बाद बिश्नोई गैंग के आपराधिक नेटवर्क में अनमोल बिश्नोई अहम नाम बन गया था। रिपोर्ट बताती है कि अनमोल पर NIA की तरफ से दर्ज दो मामलों के अलावा 18 दूसरे मामले भी दर्ज हैं।

क्या कहते हैं प्रत्यर्पण के नियम?

किसी भी अपराधी को दूसरे देश से भारत लाने के लिए सबसे जरूरी है दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि का होना। भारत में प्रत्यर्पण का कानून साल 1962 में बना था। भारत की 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण तो संधि है और 12 देशों के साथ प्रत्यर्पण अरेंजमेंट है। हर देश का प्रत्यर्पण कानून अलग-अलग है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून में कुछ बातें एक जैसी हैं जो हर जगह बराबर लागू होती हैं। मसलन, राजनीतिक अपराध, सैन्य अपराध या धार्मिक अपराध के आरोपी को प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, जिसका प्रत्यर्पण किया जाना है उसकी डबल क्रिमिनैलिटी भी होना जरूरी है. मतलब जिस शख्स के प्रत्यर्पण की मांग की गई है, उसका अपराध दोनों देशों को मानना जरूरी है।

27 साल पुरानी है भारत और अमेरिका की संधि

भारत और अमेरिका के बीच साल 1997 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2002 से 2018 के बीच अमेरिका से 11 अपराधियों को भारत लाया गया है, जबकि ‘इकॉनोमिक टाइम्स’ की रिपोर्ट कहती है कि पिछले दो दशकों के दौरान भारत के अमेरिका में 61 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित पड़े हैं। इसमें अकेले 2024 में 5 लोगों के प्रत्यर्पण की अपील शामिल है।

अब शुरू होगा तहकीकात का झमेला

मुंबई क्राइम ब्रांच की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक अनमोल को भारत में प्रत्यर्पण करने की प्रक्रिया में अभी थोड़ा वक़्त लगेगा। मुंबई पुलिस ने विदेश मंत्रालय को जानकारी भेजी है। विदेश मंत्रालय जानकारी को अमेरिकी अधिकारियों को भेजेगा। इसके बाद ये जानकारी FBI और इंटरपोल से साझा की जाएगी। उसके बाद अमेरिका से जुड़ी जांच एजेंसियां इस मसले की तहकीकात में जुटेंगे। इस बीच अनमोल बिश्नोई लीगल रेमेडी की तरफ़ जा सकता है।

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  • गोपाल शुक्ल - दायित्व मीडिया

    जुर्म, गुनाह, वारदात और हादसों की ख़बरों को फुरसत से चीड़-फाड़ करना मेरी अब आदत का हिस्सा है। खबर का पोस्टमॉर्टम करने का शौक भी है और रिसर्च करना मेरी फितरत। खबरों की दुनिया में उठना बैठना तो पिछले 34 सालों से चल रहा है। अखबार की पत्रकारिता करता था तो दैनिक जागरण और अमर उजाला से जुड़ा। जब टीवी की पत्रकारिता में आया तो आजतक यानी सबसे तेज चैनल से अपनी इस नई पारी को शुरु किया। फिर टीवी चैनलों में घूमने का एक छोटा सा सिलसिला बना। आजतक के बाद ज़ी न्यूज, उसके बाद फिर आजतक, वहां से नेटवर्क 18 और फिर वहां से लौटकर आजतक लौटा। कानपुर की पैदाइश और लखनऊ की परवरिश की वजह से फितरतन थोड़ा बेबाक और बेलौस भी हूं। खेल से पत्रकारिता का सिलसिला शुरू हुआ था लेकिन अब तमाम विषयों को छूना और फिर उस पर खबर लिखना शौक बन चुका है। मौजूदा वक्त में DAYITVA के सफर पर हूं बतौर Editor एक जिम्मेदारी का अहसास है।

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