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श्याम दत्त चतुर्वेदी
365 दिन, चौबीसों घंटे, देशभर में दिल्ली की ही चर्चा होती रहती है। गांव कस्बे का हर बच्चा एक न एक बार दिल्ली जरूर जाना चाहता है। देश में एक बड़ी आबादी है जो दिल्ली के दर्शन भी नहीं कर पाती। कई लोग अपने पूरे जीवन काल में भी दिल्ली का सफर नहीं कर पाते हैं, लेकिन अगर इन दिनों अगर वो तमाम लोग दिल्ली आ जाएं या दिल्ली के हालात से रूबरू हो जाएं तो जरूर कहते कि भला हुआ जो इस नामुराद मौसम की मारी दिल्ली से दिल नहीं लगाया। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इन दिनों दिल्ली और NCR का पूरा इलाका तरक्की पसंद शहर होने की बजाए एक गैस चैंबर बना हुआ है। सुबह हो, दोपहर हो या फिर शाम ही क्यों न हो, चारों ओर और कुछ तो नहीं, कोहरे और धुंध का कोहराम जरूर नजर आता है। हालात के इस कदर खराब होने की वजह से ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने GRAP-3 के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं।
एक नौसिखिये कवि प्रदीप जैन ने सोशल मीडिया पर लिखा-
‘हवा में जहर घोला है, फिर भी मुस्कुराती दिल्ली
मरते मरते फिर से जी जाती दिल्ली
सांसों को बचा कर रखो
यह दिल्ली है सब कुछ निगल जाएगी
फिजा में जहर है, जिन्दगी डूब जाएंगी’
दिल्ली की हवा दुनिया में खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 424 रहा, जो एक दिन पहले दर्ज किए गए AQI-418 से अधिक है। स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी (IQAir) ने दिल्ली को दुनिया के ‘सबसे प्रदूषित’ प्रमुख शहरों की सूची में रखा है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने राष्ट्रीय राजधानी को सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला शहर बताया है। आइये जानें प्रदूषण के अलग-अलग स्तर का स्वास्थ्य पर प्रभाव और इसके निपटारे के लिए चरणवार उठाए जाने वाले कदम
पहले जानें GRAP क्या है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए उपायों का एक सेट है। GRAP का तीसरा चरण तब लागू होता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है, जिसकी वजह से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए निर्माण कार्य, तोड़फोड़ और सार्वजनिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं। इसके अलग-अलग स्तरों में अलग प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण
- GRAP-1, खराब 201-300
- GRAP-2, बहुत खराब 301-400
- GRAP-3, गंभीर 401-450
- GRAP-4, गंभीर प्लस 451 और उससे अधिक
- AQI स्तर का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- 0-50 (अच्छा)- न्यूनतम प्रभाव
- 51-100 (संतोषजनक)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली असुविधा
- 101-200 (मध्यम)- फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोगों वाले लोगों को असुविधा
- 201-300 (खराब)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले अधिकांश लोगों को असुविधा
- 201-400 (बहुत खराब)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले श्वसन संबंधी बीमारी
- 401-500 (गंभीर)- स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है
दिल्ली में GRAP-3
दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP-3 के तहत प्रतिबंध लागू किए गए हैं। यानी AQI का स्तर गंभीर 401-450 के बीच में पहुंच गया है। इस स्तर के प्रदूषण को बेहद गंभीर माना जाता है। इसके प्रभाव से स्वस्थ व्यक्ति भी प्रभावित होता है। ऐसे हालात पहले से बीमारियों से लड़ रहे लोगों के लिए गंभीर स्थिति पैदा कर देते हैं।
GRAP-3 के तहत लगने वाले प्रतिबंध
– दिल्ली में इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-6 डीजल बस के अलावा सभी बसों का प्रवेश बंद
– निर्माण और तोड़फोड़ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रहेगा
– अगले आदेश तक खनन संबंधी गतिविधियों पर रोक रहेगी
– कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का अपनाए जाने की सलाह
– दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर रोजाना पानी का छिड़काव किया जाएगा
– NCR के जिलों (खासकर दिल्ली से सटे) में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध
– पीक ट्रैफिक के वक्त पानी के छिड़काव पर खास ध्यान दिया जाएगा
– सड़कों की मशीन से सफाई, हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सड़कों पर पानी का छिड़काव बढ़ाया जाएगा
अब आगे क्या?
दीपावली पर फूटे पटाखों के बाद भी दिल्ली ने पिछले 9 साल की सबसे साफ दिवाली दिवाली मनाई थी। क्योंकि, हवा के बहाव के कारण प्रदूषण बह गया था। अभी NCR की हवा धीरे-धीरे साफ ही हो रही थी कि कोहरे का कोहराम शुरू हो गया। अनुमान जताया जा रहा है कि 20 नवंबर से NCR में तापमान में 2 डिग्री की कमी आ सकती है। मौसम थोड़ा साफ होगा और AQI में भी सुधार होगा। हालांकि ऐसा न हो पाया तो हालात और खराब होंगे और प्रदेश में GRAP-4 के तहत प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इससे जन जीवन तो प्रभावित होगा ही देश को भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान भी होगा।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
वायु प्रदूषण को कम करने और स्वस्थ रहने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं। वाहन चलाने की बजाय पैदल चलने, साइकिल का उपयोग करने, सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने या कारपूलिंग करने से प्रदूषण में कमी आ सकती है। बाहर निकलते समय मास्क पहनना स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जरूरी है। घर में वायु को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरीफ़ायर का इस्तेमाल करें और तुलसी, एलोवेरा तथा मनी प्लांट जैसे पौधे लगाएं। अगरबत्ती, धूपबत्ती और कोयला जलाने से बचें। साफ-सफाई के लिए झाड़ू की बजाय वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करें। अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में योग और प्राणायाम से बचने की सलाह दी जाती है।
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