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राशन कार्ड पर देश भर में गोलमाल, करीब छह करोड़ राशन कार्ड मिले फर्जी..जानें क्यों होता है राशन कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा?

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साहिल सिंह:

केंद्र खाद्य मंत्रालय की ओर से राशन कार्ड सत्यापन के लिए एक प्रक्रिया में 5 करोड़ 80 लाख राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं। भारत जैसे एक कृषि प्रधान देश में ऐसी जानकारी चौंकाने वाली है। देश में डिजिटलीकरण के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS में व्यापक बदलाव आये हैं।

खाद्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 80 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को मुफ्त राशन के जरिए सेवा प्रदान की जा रही है। डिजिटलाइजेशन के अंतर्गत पीडीएस प्रणाली में सुधार के तहत आधार के जरिये सत्यापन और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने ग्राहक को जानें (E-KYC) की व्यवस्था से 5.8 करोड़ नकली राशन कार्ड हटाए जा सके हैं।

80 करोड़ से ज्यादा लोगों को राशन मिला

केंद्र सरकार आज भी देश में 80 करोड़ 60 लाख लोगों को 20.4 करोड़ राशन कार्ड के जरिए मुफ्त राशन दे रही है। इसमें 99.80 फीसदी राशन कार्ड को आधार से लिंक किया गया है। देशभर में 5.33 लाख इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल (EPO) के साथ मिल कर अनाज बांटा जा रहा है।

राशन कार्ड के लाभ

देश में गरीब लोग काफी अधिक हैं और जीवन जीने के लिए इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन गरीब परिवारों को सरकार राशन सहायता प्रदान करती है। राशन के जरिए सरकार इनकी खाद्या वाली समस्या का निदान करती है। राशन देने के लिए अलग- अलग राज्य में राशन सेंटर या सरकारी अनाज की दुकान स्थापित की गई हैं। राशन की मात्रा और उसका शुल्क राज्य के हिसाब से निर्धारित किया जाता है। जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवारों (BPL) को राशन कार्ड के जरिए 10 से 20 किलो राशन प्रतिमाह बिल्कुल कम कीमत में दिया जाता है।

गरीबी रेखा के ऊपर जीवन यापन करने वालों को (APL) 10 से 20 किलो प्रति माह राशन मिलता है। हालांकि राशन की कीमत राज्य सरकार तय करती है । इसके चलते अलग-अलग राज्यों में अनाज की कीमत अलग हो सकती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अन्नपूर्णा योजना (AY) राशन कार्ड भी जारी किए जाते हैं। यह कार्ड गरीब और 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए होता है। इस कार्ड पर 10 किलो प्रति महीने राशन मिलता है।

राशन कार्ड के टाइप

देश में चार प्रकार के राशन कार्ड को मान्यता प्राप्त है। इन राशन कार्ड की पहचान उनके रंगों से होती है। जैसे पीला, नीला, गुलाबी, सफेद राशन कार्ड उपलब्ध है। सबके मायने अलग हैं और इन कार्ड को अलग- अलग आय वर्ग के लोगों को दिया जाता है।

नीला, पीला, हरा राशन कार्ड

देश में गरीबी रेखा से नीचे जिंदगी यापन करने वाले परिवारों के लिए नीला, पीला या हरा राशन कार्ड दिया जाता है। यह रंग राज्यों के राशन कार्ड वितरण के हिसाब से दिया जाता है। हर राज्य में इसका रंग अलग हो सकता है। इन कार्ड्स पर अधिकतम लाभ मिलता है। यह कार्ड उन परिवारों के लिए जारी किया जाता है जिनके पास LPG कनेक्शन भी नहीं है। ग्रामीण इलाके में सालाना 6,400 रुपये आमदनी वाले परिवार ये कार्ड बनवा सकते हैं। शहरी इलाकों में सालाना 11,400 रुपये कमाने वाले परिवार इस कार्ड से राशन ले सकते हैं।

गुलाबी राशन कार्ड

गुलाबी (PINK) राशन कार्ड उन परिवारों को दिया जाता है, जिनकी सालाना आमदनी गरीबी रेखा(Poverty Line) से ऊपर होती है। ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 6,400 रुपये से ज्यादा होने वाले को ही गुलाबी राशन कार्ड दिया जाता है। शहरी एरिया में 11,400 रुपये से ज्यादा सालाना आय होने पर गुलाबी राशन कार्ड मिलता है।

अंत्योदय अन्न योजना(AAY) राशन कार्ड

यह राशन कार्ड अत्यंत गरीब कैटेगरी में शामिल होने वाले परिवारों को दिया जाता है। राशन कार्ड सरकार के अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत दिया जाता है। राशन कार्ड के अंतर्गत आने वाले परिवारों की आय में स्थिरता नहीं होती है, न ही उनके पास पैसे कमाने का सही जरिया होता है। इस कैटेगरी में मजदूर, बुजुर्ग और बेरोजगार आते हैं।

सफेद राशन कार्ड

सफेद राशन कार्ड उन परिवारों के लिए होता है जो आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। इन परिवारों को राशन वाले अनाज की कोई जरूरत नहीं होती है। यह राशन कार्ड उन परिवारों के लिए एक आईडी प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल होता है।

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  • साहिल सिंह

    पढ़ने-लिखने में इतनी खुशी मिली कि कब किताबों से इश्क़ हो गया, पता ही नहीं चला। इस किताबों के प्रेम ने मुझे कब खबरों की दुनिया में ला खड़ा किया, यह भी समझ नहीं पाया। किताबें मेरी माशूका हैं, तो पत्रकारिता मेरी बेगम। इन दोनों के बीच मैंने अपने सफर की शुरुआत दायित्व मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारी और जुनून के साथ की है। मुझे उम्मीद है कि मेरा लिखा हुआ आपको पसंद आएगा।

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