Dayitva Rajasthan Pollution

खान साहब का जादू! झट से गायब होगा प्रदूषण..? स्लरी के ढेर पर बना दिया अद्भुत पर्यटन स्थल

पूछ रहे हैं मुझ से पेड़ों के सौदागरआब-ओ-हवा कैसे जहरीली हो जाती है? शायर आलम खुर्शीद के इस शेर के
Chambal Tourist And Dacoit/ Dayitvamedia

चंबल का बदला चेहरा, बीहड़ की बलखाती नदी में आया नया मोड़, डाकुओं की धरती बनी सैलानियों की मंजिल

-गोपाल शुक्ल आपको शोले फिल्म का गब्बर सिंह याद है। वही मशहूर डाकू जिसकी दहशत 50-50 कोस दूर गांवों तक
Harbin Ice Fest

चीन का वो मेला जहां बर्फ से बना है ताजमहल, कुंभ से मुकाबला करता ‘हार्बिन आइस फेस्ट’!

जरा इस नजारे का तसव्वुर करिए। जब सर्दियों की ठिठुरन अपने पूरे शबाब पर हो, जिस्म को गलाने वाली ठंडी
Dayitava Media Cigarette Butts Thumbnail

सिगरेट बट्स से खिलौने बनाना: कचरा प्रबंधन, क्रिएटिविटी या बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़?

गोपाल शुक्ल: दफ्तर से घर जाते समय रास्ते में जबरदस्त जाम लगा हुआ था। उस जाम से जूझते जूझते आगे
Dayitva Media Water Hero Thumb

बुंदेलखंड का ‘वाटर हीरो’, खून को पसीने की तरह बहाकर पानी की हर बूंद बचाने के ‘मिशन’ पर निकला ‘रिसर्च स्कॉलर’

– गोपाल शुक्ल: साल था 1971 राजस्थान की पृष्ठभूमि पर एक फिल्म बनी थी। नाम था ‘दो बूंद पानी’। यह
Jewar International Airport - Dayitva Media

जेवर एयरपोर्ट की ‘उड़ान’: अब गुड़गांव की रफ्तार में दौड़ेगा नोएडा, जानें 23 सालों का सफर

– श्यामदत्त चतुर्वेदी: साल 1996 में हुए चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में चले ‘युद्धकाल’ का आखिरी
Dayitva Media Manipur Violence

आज क्यों जल रहा है महाभारत के अर्जुन का ससुराल, महिला प्रधान मणिपुर में निशाने पर महिलाएं

– श्यामदत्त चतुर्वेदी: पिछले ही साल की बात है, मणिपुर के कई इलाकों में हिंसा फैल गई थी। हिंसा की
Dayitva Media Noida Farmers Protest Rakesh Tikait

आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच पर आमादा, राकेश टिकैत को महापंचायत में शामिल होने से रोका, किसान हुए आगबबूला

– श्यामदत्त चतुर्वेदी: उत्तर प्रदेश के किसानों का मामला अब देश के किसानों का मुद्दा बनता जा रहा है। ग्रेटर
Adhai Din Ka Jhopra history - Dayitva Media

अब 800 साल पुरानी ‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा’ मस्जिद पर उठे सवाल, देश में मस्जिदों के नीचे दफन हैं कितने मंदिर? सनसनीखेज खुलासा

– गोपाल शुक्ल: करीब 30 साल पहले राम मंदिर आंदोलन के वक्त एक नारा अक्सर सुनाई पड़ता था। ‘अयोध्या तो