बेजुबानों का मसीहा: डॉग शेल्टर वाले सरदारजी का ‘ठंड भगाओ, ठिकाना दिलाओ’ मिशन कहते हैं कि जो इंसान दूसरों का दर्द समझ ले, वो आधी जंग जीत लेता है। सरदार जगजीत सिंह भी गोपाल शुक्ल / 6 months
कम्युनिज्म से जन्मा नक्सलवाद! जर्मनी से होते हुए कैसे छत्तीसगढ़ को ले लिया अपने शिकंजे में भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आजादी के बाद से देश का लोकतंत्र लगातार मजबूत हो रहा था। श्यामदत्त चतुर्वेदी / 6 months
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का गुनहगार कौन? खिलजी से लेकर कांग्रेस तक का काला इतिहास! बात बस्तर के घने जंगलों की है। साल 1966, जंगल के भीतर बने राज महल की छत पर कई आदिवासी श्यामदत्त चतुर्वेदी / 6 months
महाकुम्भ मेले पर विशेष: एक अंग्रेज ने रखा था ‘कुम्भ मेला’ नाम, एक चीनी यात्री ने लिखी थी पहली दास्तान – गोपाल शुक्ल: भारत वह देश है जो अपने धर्म, इतिहास, सभ्यता, त्योहार, भाषा, कला और संस्कृति के लिए पूरी गोपाल शुक्ल / 6 months
जेवर एयरपोर्ट: 23 साल में पूरा हुआ सपना, लेकिन क्या-क्या खो दिया नोएडा ने? – श्यामदत्त चतुर्वेदी: हाईलाइट्स आजादी के बाद से ही देशभर से लोग रोजगार की तलाश में दिल्ली की तरफ पलायन श्यामदत्त चतुर्वेदी / 6 months
अमरत्व की खोज में दुनिया: हाथ लगी ‘बायोहैकिंग’ तकनीक, विज्ञान का सपना या विनाश का बीज? – श्यामदत्त चतुर्वेदी: वैदिक काल में एक बार महर्षि दुर्वासा के श्राप से स्वर्ग श्रीहीन हो गया। यानी स्वर्ग से श्यामदत्त चतुर्वेदी / 6 months
पीएम मोदी का सबसे बड़ा सपना पूरा करेगा यह गांव, यहां की बच्चियां बनना चाहती हैं स्पेस साइंटिस्ट, ग्राम प्रधान ने कैसे बदली एक गांव की किस्मत! – विकास मिश्र: हाईलाइट्स -आईआईटी बीएचयू ने इस गांव को लिया गोद एक ऐसा गांव, जिसमें चप्पे-चप्पे पर लगे हैं Dayitva Media / 6 months
तरक्की के रास्ते में पंचर खड़ी है DTC की खटारा बस, खोखले वादों की सवारी, दिल्ली की जनता बेचारी – गोपाल शुक्ल: आज की तारीख में दिल्ली की डीटीसी बस की हालत पर बात करना ठीक वैसा ही है गोपाल शुक्ल / 6 months
स्वच्छ भारत अभियान: सफाई का सपना या सिर्फ सरकारी जुमला? – गोपाल शुक्ल: रोज सुबह सुबह एक गाड़ी देश के हरेक शहर की हरेग गली और हरेक मोहल्ले में घूमती गोपाल शुक्ल / 6 months
पढ़ाई के साथ भी, पढ़ाई के बाद भी, भारत के हर छात्र का ‘डिजिटल बायो डाटा’ है APAAR ID – गोपाल शुक्ल: देश में जब जब चुनाव होते हैं, तो एक जुमला अक्सर सुनने को मिल जाता है, एक गोपाल शुक्ल / 6 months