#राजनीति/चुनाव

महाराष्ट्र का ऐतिहासक मतदान क्या बदलने जा रहा है परिणाम? क्या निर्दलीय बनेंगे किंग मेकर?

Dayitva Media Maharashtra Assembly Election Exit Poll Analysis
Getting your Trinity Audio player ready...

– श्यामदत्त चतुर्वेदी

पिछले 5 सालों की सियासी हलचल और उठापटक के बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। बुधवार को मतदाताओं का उत्साह देखने लायक था। रात 11:45 बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राज्य में मतदान प्रतिशत 65.1% को पार कर गया, जो 1995 के बाद का सबसे अधिक है। 1995 में यह आंकड़ा 71.69% था। 2019 के विधानसभा चुनावों ये आंकड़ा 61.4% था। यानी इस बार महाराष्ट्र के लोगों ने बंपर मतदान किया है। मतदान खत्म होते ही एक्जिट पोल आने लगे। इसके बाद से अब इन्हीं पर चर्चा हो रही है। इसी के आधार पर लोग रिजल्ट का अनुमान लगा रहे हैं। अब मुख्य सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन एक बार फिर सत्ता में लौटेगा, या कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार वापसी करेगी?

एग्जिट पोल में बीजपी के नेतृत्व वाले NDA यानी महायुति को बहुमत के पास या बहुमत मिलता हुआ दिखाया जा रहा है। वहीं इंडी गठबंधन यानी MVA के लिए सरकार बनाने की संभावनाएं ज्यादा बताई जा रही हैं। हालांकि सभी सर्वे में निर्दलीयों को 10 के आसपास सीट दी जा रही है। इस कारण महाराष्ट्र के परिणामों को लेकर अब और भी अधिक बेसब्री बढ़ गई है। आइये समझें क्या कह रहे हैं आंकड़े और कैसी संभावना बन सकती है।

आइये समझें एग्जिट पोल के आंकड़े

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। यानी किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए कुल 145 सीटों की जरूरत होगी। प्रदेश में महायुति और महा विकास अघाड़ी दो गठबंधनों के बीच मुकाबला था। इसमें एक का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है। इसमें ठाकरे गुट की शिवसेना और शरद पवार गुट की NCP शामिल है। वहीं सत्ता में बैठी महायुति में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और NCP (अजित पवार) शामिल हैं। एग्जिट पोल के आंकड़ों की मानें तो दोनों गठबंधनों को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है।

  • BJP को 80-90 सीटें मिल सकती हैं। 2019 में इनके पास 105 सीटें थीं।
  • कांग्रेस को 58-60 सीटें मिलने का अनुमान है। 2019 में 44 सीटों मिली थीं।
  • शरद पवार की (NCP) को 50-55 सीटों पर जीत का झंडा लहरा सकती है।
  • शिवसेना (शिंदे गुट) को 30-35 सीटें मिलने की उम्मीद है।
  • शिवसेना (उद्धव गुट) 30-35 सीटें जीतकर शिंदे की बराबरी में आ सकती है।
  • अजित पवार की पार्टी NCP महज 15-20 सीटें ही हासिल करती नजर आ रही है।
  • छोटी पार्टियां और निर्दलीय 20 से 25 सीटें जीतकर किंगमेकर बन सकते हैं।
  • राज ठाकरे की MNS के 2-4 कैंडिडेट जीत सकते हैं, वहीं SP एक सीट पा सकती है।

क्या कह रहे हैं आंकड़े?

अगल-अलग सर्वे के आंकड़ों के औसत को देखें तो महाराष्ट्र में महायुति को 125 से 140 सीटें मिल सकती हैं। वहीं MVA को 135 से 150 सीटें मिलने का अनुमान है। समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़कर एक सीट हासिल करते नजर आ रही है। वहीं राज ठाकरे की पार्टी को 2-4 सीटें मिल रही हैं। सबसे बड़ी बात कि जीत रहे निर्दलीय कैंडिडेट की संख्या 20 से ज्यादा आंकी जा रही है। ऐसे में दोनों गठबंधन जरा भी चूके तो सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों की जरूरत पड़ेगी।

महाराष्ट्र में बढ़े मतदान का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति (भाजपा, शिवसेना, एनसीपी) और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना UBT, एनसीपी SP) के बीच तीव्र चुनाव प्रचार ने मतदाताओं को प्रभावित किया। 2019 के लोकसभा चुनावों में महायुति ने 42.71% और महा विकास अघाड़ी ने 43.91% वोट प्राप्त किए थे। 2019 में 8.85 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे, जबकि इस बार यह संख्या 9.69 करोड़ हो गई है। इसे भी बढ़े हुए मतदाता आधार माना जा रहा है।

ग्रामीण बनाम शहरी क्षेत्रों में मतदान

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक रहा। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में 76.25% मतदान के साथ सबसे अधिक वोटिंग हुई, जबकि मुंबई शहर में केवल 52.07% मतदान दर्ज किया गया।

  • करवीर विधानसभा (कोल्हापुर): 84.79% मतदान, सबसे अधिक
  • कोलाबा (दक्षिण मुंबई): 44.49% मतदान, सबसे कम

कुर्सीदारों के यहां कितना मतदान

  • कोपरी-पचपखाड़ी (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे): 59.85% मतदान
  • बारामती (अजित पवार बनाम युगेंद्र पवार): 71.03% मतदान
  • नागपुर दक्षिण पश्चिम (उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस): 54.49% मतदान

नतीजों का इंतजार और संभावना

महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए हुए चुनाव में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की आवश्यकता होगी। एग्जिट पोल्स के अनुसार, सत्तारूढ़ महायुति और MVA दोनों ही बहुमत के काफी करीब है। बढ़ा मतदान भी राजनीति के बदलते समीकरणों का प्रतीक है। इस कारण सियासी जानकार भी इसपर बहुत कुछ कहने से बच रहे हैं। खैर शनिवार को घोषित होने वाले नतीजे तय करेंगे कि महाराष्ट्र की जनता ने किसे अपना विश्वास दिया।

Author

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *