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Priyanka Gandhi Took Oath: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड से सांसद के रूप में शपथ लेकर भारतीय संसद में अपने राजनीतिक सफर का औपचारिक आगाज किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान प्रियंका के हाथ में संविधान की प्रति थी, जो इन दिनों कांग्रेस और विपक्ष की विचारधारा को आगे बढ़ाने का प्रतीक है। प्रियंका ने वायनाड लोकसभा सीट से हुए उपचुनाव में 4 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी।
प्रियंका गांधी ने शपथ लेते समय संविधान की प्रति हाथ में लेकर विपक्ष का नैरेटिव मजबूती से आगे बढ़ाया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा चुनाव के दौरान आरोप लगाया था कि सरकार संविधान बदलने की मंशा रखती है। शपथ ग्रहण के दौरान प्रियंका ने इस मुद्दे को फिर से उठाने की कोशिश की। उनके साथ अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी संविधान की प्रति लेकर शपथ ली।
प्रियंका की राजनीति में एंट्री और सियासी सफर
प्रियंका गांधी ने 2019 में पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव के रूप में कांग्रेस में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की। हालांकि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अभियान को दिशा दी। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
भाई-बहन की जोड़ी की चर्चा
प्रियंका गांधी के शपथ ग्रहण के दौरान उनके भाई राहुल गांधी का अलग ही अंदाज देखने को मिला। राहुल, वायनाड सीट के पहले सांसद थे। अब रायबरेली से लोकसभा सदस्य हैं। संसद भवन में प्रियंका के प्रवेश के दौरान राहुल ने उन्हें रोककर उनकी तस्वीरें खींचीं। राहुल ने बड़े ही उत्साह के साथ प्रियंका की अलग-अलग पोज में तस्वीरें लीं। इस दौरान दोनों की बॉन्डिंग ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी उत्साहित कर दिया।
गांधी परिवार का नया इतिहास
प्रियंका गांधी नेहरू-गांधी परिवार की 16वीं सदस्य हैं जो लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। इससे पहले, 1953 तक पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी बहन विजयलक्ष्मी पंडित की जोड़ी संसद में नजर आती थी। अब 71 साल बाद प्रियंका और राहुल गांधी ने इस इतिहास को दोहराया। यह पहली बार है कि गांधी परिवार की मां सोनिया गांधी और उनके दोनों बच्चे एक साथ संसद का हिस्सा बने हैं।
वायनाड से धमाकेदार जीत
प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट से सीपीआई के सत्यन मोकेरी को 4 लाख से अधिक वोटों से हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस सीट से राहुल गांधी ने 2024 में भी जीत हासिल की थी, लेकिन रायबरेली सीट चुनने के कारण उन्होंने वायनाड छोड़ी। प्रियंका ने उपचुनाव में जीत दर्ज कर इस सीट पर गांधी परिवार की पकड़ को मजबूत किया।
प्रियंका गांधी का नया सफर
प्रियंका गांधी का संसद में प्रवेश न केवल उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत है, बल्कि नेहरू-गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत का एक नया अध्याय भी है। उनके भाई राहुल गांधी के साथ उनकी जोड़ी संसद में न केवल एक मजबूत विपक्ष के रूप में उभरने की क्षमता रखती है, बल्कि आने वाले समय में कांग्रेस को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की भी उम्मीद जगाती है।