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– श्याम दत्त चतुर्वेदी:
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के चुनावों के साथ ही 15 राज्यों की 46 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों मतदान कराए गए थे। दोनों विधानसभाओं के साथ इन उपचुनाव के रिजल्ट भी आ गए हैं. सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश की 8 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की को रही है। क्योंकि, यहां PM मोदी, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ ही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ और लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अखिलेश यादव की साख दांव पर थी। यहां के रिजल्ट के सियासी मायने भी देश में असर दिखाते हैं। आइये जानें उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में किसका पडला भारी रहा।
विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तर प्रदेश की सीसामऊ, फूलपुर, करहल, कुंदरकी, कटेहरी, मझवां, मीरापुर, गाजियाबाद, खैर सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान कराए गए थे। मतदान के दौरान कुछ स्थानों पर हिंसा सामने आई थी। इन चुनावों को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 का सेमी फाइनल माना जा रहा था। इस कारण इन चुनावों में सभी ने अपना पूरा दम लगा रखा था।
उपचुनाव 2024 के रिजल्ट
उत्तर प्रदेश के 2027 विधानसभा चुनाव से पहले हुए उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा था, जिसकी तस्वीर अब साफ हो चुकी है। कुल 9 सीटों में से भाजपा गठबंधन ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि भाजपा ने कुंदरकी और कटेहरी सीटें सपा से छीन लीं, जो पहले सपा के पास थीं। सपा के खाते में केवल 2 सीटें आईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी। उन्होंने अपना चर्चित नारा “बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे-सेफ रहेंगे” भी दोहराया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘दुनिया से लेकर देश और प्रदेश ने इस उपचुनाव में राजनीति का सबसे विकृत रूप देखा है। असत्य का समय हो सकता है, लेकिन युग नहीं। अब असली संघर्ष शुरू हुआ है… बांधो मुट्ठी, तानो मुट्ठी और PDA का करो उद्घोष: ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे।’
राज्य | सीट (जिला) | जीत | हार | किसके पास थी |
उत्तर प्रदेश (9 सीटें) | करहल (मैनपुरी) | तेज प्रताप यादव (सपा) | अनुजेश यादव (भाजपा) | सपा |
सीसामऊ (कानपुर) | नसीम सोलंकी (सपा) | सुरेश अवस्थी (भाजपा) | सपा | |
कटेहरी (अंबेडकरनगर) | धर्मराज निषाद (भाजपा) | शोभावती वर्मा (सपा) | सपा | |
कुंदरकी (मुरादाबाद) | रामवीर सिंह (भाजपा) | हाजी रिजवान (सपा) | सपा | |
मीरापुर (मुजफ्फरनगर) | मिथलेश पाल (रालोद ) | सुम्बुल राणा (सपा) | रालोद | |
गाजियाबाद (गाजियाबाद) | संजीव शर्मा (भाजपा) | सिंहराज जाटव (सपा) | भाजपा | |
फूलपुर (प्रयागराज) | दीपक पटेल (भाजपा) | मुज्तबा सिद्दीकी (सपा) | भाजपा | |
खैर (अलीगढ़) | सुरेंद्र दिलेर (भाजपा) | चारू केन (सपा) | भाजपा | |
मझवां (मिर्जापुर) | सुचिस्मिता मौर्य (भाजपा) | ज्योति बिंद (सपा) | निषाद पार्टी |
क्या थे एग्जिट पोल के अनुमान?
20 नवंबर को आए एग्जिट पोल में ज्यादातर पोल एजेंसियों ने 9 में 6 से 7 सीटें बीजेपी को दी थी। दैनिक भास्कर रिपोर्टर पोल ने बीजेपी को 7 और सपा को 2 सीटें दी थी। ठीक यही आंकड़े मैट्रिज ने भी जारी किए थे। हालांकि, टाइम्स नाउ ने बीजेपी को 6 और सपा को 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। जबकि, जी न्यूज ने बीजेपी को 5 और सपा को 4 सीटें दी थी।
कितना हुआ था मतदान
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मीरापुर में 57.1%, कुंदरकी में 57.7%, गाजियाबाद में 33.3%, खैर में 46.3%, करहल में 54.1%, सीसामऊ में 49.1%, फूलपुर में 43.4%, कटेहरी में 56.9% और मझवां में 50.4% मतदान हुआ। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए 50% से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।
पिछले चुनावों का रिजल्ट
2022 | 2017 | 2012 | ||||
सीट | मतदान प्रतिशत | जीता | मतदान प्रतिशत | जीत | मतदान प्रतिशत | जीत |
सीसामऊ | 56.90% | सपा | 56.60% | सपा | 52% | सपा |
करहल | 66% | सपा | 59.20% | सपा | 61% | सपा |
फूलपुर | 60.10% | भाजपा | 58.80% | भाजपा | 59.90% | भाजपा |
कुंदरकी | 71.30% | सपा | 71.40% | सपा | 70.90% | सपा |
खैर | 61.90% | भाजपा | 61.80% | भाजपा | 59.20% | रालोद |
मीरापुर | 68.70% | रालोद | 69.50% | भाजपा | 54.10% | बसपा |
गाजियाबाद | 51.60% | भाजपा | 53.30% | भाजपा | 54.10% | बसपा |
मझवां | 60.30% | निषाद पार्टी | 63.80% | भाजपा | 63.20% | बसपा |
कटेहरी | 62.50% | सपा | 63.30% | बसपा | 61% | सपा |
कड़ी मेहनत की जरूरत
इन उपचुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। इन चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच कड़ा मुकाबला था। अब रिजल्ट से साफ हो कि 2027 में जनता किस की ओर जाती दिख रही है। इन आंकड़ों ने ये भी साफ जाहिर कर दिया है कि 2027 की जंग सपा के लिए आसान नहीं होने वाली है।