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केजरीवाल के मंत्रियों पर ये कैसा ‘अभिशाप’? कोई गया जेल, किसी ने कहा टाटा, क्यों पूरा नहीं होता मंत्रियों का कार्यकाल?

Dayitva Media AAP Arvind Kejriwal Ministers
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-श्यामदत्त चतुर्वेदी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर संकट के बादल कभी छंटते ही नहीं है। ताजा ताजा मामले में केजरीवाल के विश्वस्त और दिल्ली सरकार में परिहवन मंत्री कैलाश गहलोत ने आम आदमी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। कैलाश गहलोत का नाम भी दिल्ली सरकार की उस अभिशप्त सूची में शामिल हो गया है, जिसमें टीम केजरीवाल के ज्यादातर मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

आम आदमी पार्टी (AAP) के कई प्रमुख मंत्रियों को भ्रष्टाचार, अनियमितताओं या अन्य विवादों के कारण अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी या जेल जाना पड़ा। वहीं कई नेताओं को पार्टी ने बेदखल कर दिया तो कई ने खुद ही पार्टी से किनारा कर अपना रास्ता बदल लिया। अब इस सूची में कैलाश गहलोत का नाम शामिल है। उन्होंने मंत्री का पद छोड़ने के साथ ही बीजेपी ज्वाइन कर ली है। आइये ऐसे में जानते हैं आम आदमी पार्टी से अब तक किसने किनारा किया, किसे पार्टी ने निकाला और कौन जेल या फिर बेल में है।

कपिल मिश्रा से केजरीवाल तक.. लंबी है फेहरिस्त

2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस को बाहर कर पहली बार सरकार बनाई थी। सत्ता संभालने के बाद, ‘आप’ सरकार में कई मंत्रियों को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी है। दिलचस्प बात यह है कि 2020 से अब तक तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। समाज कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थामा तो राजकुमार आनंद ने भाजपा में राह तलाश ली। इससे पहले आसिम अहमद खान, कपिल मिश्रा और संदीप कुमार भी इस्तीफा दे चुके है। इतना ही नहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी कानूनी पचड़ों के कारण इस्तीफा देना पड़ा है।

गोपाल राय अकेले ‘नॉटआउट’ नेता

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में कोई भी मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है, चाहे वो उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल ही क्यों न हों। लेकिन दिल्ली सरकार में केवल गोपाल राय एक अकेले ऐसे मंत्री हैं, जो शुरू से लेकर अब तक डटे हुए हैं। इन दिनों वह पार्टी से लेकर सरकार तक अरविंद केजरीवाल के सबसे खास हैं। इसके अलावा तमाम बड़े नेता इन दिनों या तो पार्टी से बाहर है या फिर वो कानूनी पचड़े में फंसे हुए है।

पार्टी ने दिग्गजों से किया किनारा

अप्रैल 2015 में पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और प्रो. आनंद कुमार को आप से निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद 2018 में आशीष खेतान और आशुतोष ने आप छोड़ दी थी। वहीं कुमार विश्वास ने भी आप से दूरी बना ली थी। अब वह खुलकर केजरीवाल के खिलाफ बोलते हैं। धर्मांतरण कार्यक्रम में शामिल होने के बाद विवादों में घिरे राजेंद्र पाल गौतम को भी अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। अब वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।

जेल बनी AAP के मंत्रियों का ठिकाना

मनीष सिसोदिया: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को फरवरी 2023 में CBI ने शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया।
सत्येंद्र जैन: सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया। बाद में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत मिली. खैर अब उनकी जमानत रद्द कर दी गई है।
प्रकाश जारवाल: प्रकाश जारवाल पर महिला से छेड़छाड़ और दिल्ली के मुख्य सचिव से दुर्व्यवहार का आरोप लगा था। वे देवली विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। उन्हें कोर्ट ने दोषी पाया है। 29 नवंबर को उन्हें सजा सुनाई जानी है।

जेल से मिली बेल

संजय सिंह: अक्टूबर 2023 में दिल्ली की कथित शराब नीति घोटाले के मामले में ED ने संजय सिंह को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। हालांकि, 3 अप्रैल 2024 को उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
अमानतुल्लाह खान: दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध भर्तियों और वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। उन्हें सितंबर 2022 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
सोमनाथ भारती: आप के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था। इसके अलावा, एम्स में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में उन्हें सजा भी हुई थी। अभी वह जेल से बाहर हैं.

बीजेपी का दामन थामा

संदीप कुमार: 2016 में आप के मंत्री संदीप कुमार पर एक महिला से दुष्कर्म का आरोप लगा था। इस मामले में एक वीडियो सामने आने के बाद उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने बाद में बीजेपी ज्वाइन की पर वहां से भी उन्हें निकाल दिया गया।
मनोज कुमार: कोंडली से विधायक मनोज कुमार को धोखाधड़ी और जमीन कब्जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वह बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

बरी हुए या बाहर आए

नरेश यादव: आप विधायक नरेश यादव को पंजाब में कुरान की कथित बेअदबी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें अदालत ने बरी कर दिया।
अखिलेश पति त्रिपाठी: अखिलेश पति त्रिपाठी पर दंगा भड़काने के आरोप लगे थे। उन्हें 2015 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद वह पार्टी में लगातार काम कर रहे हैं। कुछ समय पहले जल बोर्ड के कर्मचारी के साथ मारपीट को लेकर वो चर्चा में थे।
शरद चौहान: शरद चौहान पर पार्टी कार्यकर्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। उनको साल 2016 में गिरफ्तार भी किया गया था। हालांकि, साल 2021 में कोर्ट ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया।
जितेंद्र सिंह तोमर: आप के कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर को फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार किया गया था।
दिनेश मोहनिया: दिनेश मोहनिया पर एक महिला ने दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। बाद में उन्हें बरी कर दिया गया।

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