जबरन नहीं जरूरी था बाल विवाह! इस नेक इरादे से बनाई गई थी प्रथा, अब अपराध है और सजा भी
– श्याम दत्त चतुर्वेदी: प्यारी सी सूरत, नन्हें कदम और कोमल हाथ, जिसकी चहलकदमी से आगन खुशियों से चहक जाए और देखते ही जीभर का दुलार करने का मन करें। वो बच्ची अचानक अब बड़ी सी हो गई है। घूंघट ने उसकी प्यारी सूरत को ढक रखा है। नन्हें कदमों को हल्दी की बेड़ियों ने […]