नक्सलवाद पर हावी हुआ राष्ट्रवाद: गढ़ चिरौली ने रच दिया इतिहास, बुलेट को छोड़कर बैलेट से मनाया लोकतंत्र का जश्न,
– श्यामदत्त चतुर्वेदी: साल- 1967, गांव- नक्सलबाड़ी, पश्चिम बंगाल। किसान यहां के लोगों की सामंती सोच से परेशान थे। नतीजा ये हुआ कि इस परेशानी से निजात पाने के लिए किसानों ने हल और बैल को छोड़कर धनुष बाण उठा लिए। देखते ही देखते किसानों की ये मुहिम एक आग में तब्दील हो गई और […]